शिमला: हरशिंघधार स्कूल बंद न करने की बच्चों की पुकार, कैसे होगा पढ़ाई का सपना साकार

हरशिंघधार स्कूल बंद न करने की बच्चों की पुकार, कैसे होगा पढ़ाई का सपना साकार
हरशिंघधार स्कूल बंद न करने की बच्चों की पुकार, कैसे होगा पढ़ाई का सपना साकार
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला।  राजधानी शिमला के ग्रामीण मंडल के तहत आने वाला हरशिंघधार प्राथमिक स्कूल के बच्चों का बेहतर पढ़ाई का सपना साकार होते नहीं दिख रहा है। यह स्कूल शिक्षा खंड सुन्नी के तहत आता है। हाल ही में इस स्कूल को सुक्खू सरकार ने डी- नोटिफाई किया है। इस अधिसूचना के बाद यहां पढ़ाई कर रहे बच्चे और अभिभावक सकते में है। इन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है। इस समय स्कूल में चार बच्चे शिक्षारत है।
शिमला ग्रामीण भाजपा मंडल ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। मंडल अध्यक्ष यशपाल ठाकुर और पूर्व प्रत्याशी रवि मेहता का कहना है कि यह स्कूल अति दुर्गम क्षेत्र में पड़ता है। यहां पर 5 किलोमीटर तक कोई स्कूल नहीं है। अगर इसे बंद किया जाता है तो बच्चों को जंगल के रास्ते अन्य स्कूल जाना पड़ेगा। ऐसे में अभिभावकों का बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से खाली नहीं है।

 यशपाल ठाकुर और रवि मेहता ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर चेताया कि अगर यह फैसला वापस न लिया गया तो वे ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। वेहतर तो यह होगा कि इस प्राथमिक पाठशाला में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाकर शैक्षणिक स्तर को और सुधारा जाए।

ग्रामवासियों में कमला देवी, आशा कुमारी, चंद्रकांता, नीलम, रूप चंद, नौखराम, तुलसी राम, सीता देवी, पूर्ण चंद, बाबूराम, सत्या देवी, पूजा, रीनू, प्रेमा देवी, धर्मदास, मस्तराम, खूब चंद, कौशल्या देवी, बेगराम, गीता देवी, ललिता, चेतना, रामलाल आदि ने इस पर पुनः विचार की मांग की है।
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