आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को अधिकारियों के साथ मंडे मीटिंग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आम जनता और प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का काम कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी की तरह चुनाव के मद्देनजर नजर कोई काम नहीं करती. सरकार का ध्येय सिर्फ प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का है. उन्होंने कहा कि साल 2024 के चुनाव आने वाले हैं और भाजपा चुनाव के मद्देनजर कई शगूफे छोड़ते हुई नजर आएगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की वजह से तबाही हुई है. राज्य सरकार अब भी केंद्र सरकार से मांग कर रही है कि इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए. जरूरत पड़ने पर भी दोबारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब उन्होंने प्रदेश की सत्ता संभाली थी, तब हिमाचल पर 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. इसके अलावा कर्मचारियों की भी 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारी थी. बावजूद इसके सरकार ने अपना वादा निभाते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी बातों पर अडिग है और चार साल में हिमाचल को अपने पैर पर खड़ा करेंगे. सभी विभागों में चरणबद्ध तरीके से व्यवस्था परिवर्तन किया जा रहा है और वह हिमाचल प्रदेश में को 10 साल में नंबर वन राज्य बना कर दिखाएंगे.
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वहीं, मंडी विश्वविद्यालय का दायरा घटाने के सवाल पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनाव में फायदा लेने के लिए एक कॉलेज के भवन में यूनिवर्सिटी शुरू कर दी. अब भी वहां कॉलेज ही है, लेकिन चुनाव में फायदा लेने के लिए उसे यूनिवर्सिटी का नाम दे दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह स्कूलों में बिना टीचर के काम चल रहा था, उसी तरह यूनिवर्सिटी में भी न तो शिक्षक थे और न ही सुविधा. ऐसे में सरकार आने वाले वक्त में मंडी विश्वविद्यालय में बेहतरी के लिए कदम उठाएगी और इसका काम चुनावी फायदे के लिए नहीं बल्कि जनहित में किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर अपने व्यवस्था परिवर्तन वाले नारे को दोहराया है.