आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। राजधानी शिमला में दो दिनों की बारिश ने इस कदर कहर बरपाया है कि शहर व शहर के लोग इन जख्मों को सालों नहीं भूल पाएंगे। बारिश भले अभी थमी ही हो लेकिन बीते दिनों की बारिशों ने शिमला शहर को खतरे की जद में लाकर खड़ा कर दिया है शहर में अभी भी कई इमारतें गिरने की कगार पर है। कई इमारतों को खाली करवा दिया गया है। इनमें रिहायशी इमारतों सहित कार्यालयों के भवन भी शामिल हैं।
इस बीच शहर में हुई तबाही के बाद सड़कों को खोल पाना भी पूरी तरह संभव नहीं हो पाया है। ऐसे में अब शिमला के स्कूल व कालेजों में 17 अगस्त को भी छुट्टी कर दी गई है। वहीं बात करें शहर की सड़कों की तो लोकल रूट बुरी तरह प्रभवित है। वहीं टालैंड के पास भी मलबा आने के कारण शहरी विकास निदेशालय के भवन को आज खाली करवा दिया है। साथ ही इस रूट पर ट्रैफिकपहले से रोक दिया गया था।
बुधवार को शिमला में सड़कों की स्थिति कुछ इस तरह बनी कि सारा का सारा ट्रैफिक चाहे वो मैहली-पंथाघाटी जो वाले वहान हों या ऊपरी शिमला के साथ साथ संजौली-ढली, सारा ट्रैफिक वाया आईएसबीटी-लालपानी होकर शिफ्ट कर दिया गया। एकाएक इतना अधिक ट्रैफिक होने के कारण इस रूट पर भी दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। 15 से 20 मिनट तक के सफर में लोगों को डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा है। दिनभर वाहनों की आवाजाही से मशगूल रहने वाली शिमला की सड़कें आज अधिकतर समय सुनसान नजर आई।
वहीं हादसे से पहले ही कृष्णानगर में भी कई परिवारों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित अंबेदकर भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। इसी तरह हिमलैंड में भी दो इमारतों पर लगातार गिरने का खतरा बरकरार है। इन्हें भी चार दिन पहले ही एहतिहयातन जिला प्रशासन ने पहले ही खाली करवा लिया था
इसके अलावा मजीठा हाउस के पास भी इमारत खाली करवा दी गई है। छोटा शिमला के फ्लावर डेल की बात करें तो यहां चार दिन पहले आठ-दस पेड़ गिरने के कारण सारा मलबा फ्लावर डेल वाली सड़क पर आ गिरा। इस मलबे की जद में सात से आठ गाड़ियां आई हैं, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। अभी तक यहां कोई प्रशासनिक अमला नहीं पंहुचा है। मलबा सड़क पर ज्यों का त्यों है जिसके कारण लोगों को आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अगर हम शिमला में हुए तीन बड़े हादसों को छोड़ दें तो हर गली-मौहल्ले में असुरक्षित भवनों सहित छोट-मोटा लैंडस्लाइड आपको मिल जाएगा, जिसके कारण शिमला शहर की स्थिति काफी अच्छी नहीं कही जा सकती है। इसके अलावा कई इंटरनल सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।
इसके अलावा दयानंद स्कूल भी खतरे की जद में है। असुरक्षित स्कूल भवन देखते हुए स्कूल के अभिभावकों ने स्कूल व जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और वर्तमान में स्कूल भवन की हालत को देखते हुए बच्चों की क्लासेज आन लाइन लगवाने की अपील की है।