शिमला: 1855 से चल रहा अस्पताल आज भी सुविधाओं से महरूम, सड़क के साथ अस्पताल, लेकिन पार्किंग की नहीं सुविधा 

सवा दो लाख की ओपीडी के लिए अस्मपताल के बाहर मात्र पांच बेंच, एमएस बोले सरकार के समक्ष उठाएंगे स्थानों को स्थानांतरित करने का मामला

DDU शिमला की नई बिल्डिंग (फाइल फोटो)
DDU शिमला की नई बिल्डिंग (फाइल फोटो)

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। राजधानी शिमला के जोनल अस्पताल दीन दयाल उपाध्याय (DDU) में फुट फॉल बढ़ने से व्यवस्था की पोल खुल गई है। हॉस्पिटल में चार जिलों के पेशेंट इलाज कराने आते हैं। रोड के साथ बना यह अस्पताल सुविधा के नाम पर पेशेंट को निराश कर रहा है। कैंपस में अपनी बारी का इंतजार कर रहे मरीज जमीन पर बैठते हैं। हॉस्पिटल के बाहर 5 के करीब बेंच लगाए गए हैं। जिस पर 10 से 15 लोग ही बैठ पाते हैं। जोनल हॉस्पिटल में साल में सवा दो लाख के करीब OPD रहती है। यहां शिमला, सिरमौर, सोलन और किन्नौर के लोग इलाज कराने आते हैं। शहर के बीचों बीच बने इस हॉस्पिटल में लोगों को आने जाने में सहूलियत तो मिलती है लेकिन ओवर क्राउडिंग की वजह से इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। अस्पताल के कमरे भी छोटे होने की वजह से रूम में कम पेशेंट ही एडमिट होते हैं। इलाज सही से मिलने के बाद भी मरीजों को IGMC शिफ्ट करना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल के पास जगह की कमी है।

 

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DDU अस्पताल के MS डॉ. लोकेंदर शर्मा का कहना है कि कुछ समय से हॉस्पिटल में क्षमता से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। हॉस्पिटल की पहली जिम्मेदारी मरीजों का इलाज करना है। सरकार के सामने यह मांग रखी जाएगी की स्टाफ के ऑफिस अगर कहीं और शिफ्ट किए जाए। ताकि हॉस्पिटल में कुछ जगह खुले। दूर दराज के जिलों से आ रहे पेशेंट को इलाज के नाम पर भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि यहां पार्किंग की भी सुविधा नहीं है। गाड़ी हॉस्पिटल के गेट तक आती है लेकिन पार्किंग की सुविधा न होने से लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि यहां 1855 से हॉस्पिटल चल रहा है। उस वक्त पार्किंग की ज्यादा जरूरत नहीं थी। लेकिन अब पार्किंग की जरूरत है। इसलिए सरकार से मांग की जाएगी कि जल्द से जल्द इस समस्या पर विचार किया जाए।