सेब सीजन के लिए खुला रहेगा शिमला-परवाणु राष्ट्रीय राजमार्ग, शालाघाट से नौणी के बीच बनेगी दो सुरंगें

हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के पूर्व वाइस चेयरमैन नवीन शर्मा
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य स्तरीय ‘दिशा’  बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में देरी ही भ्रष्टाचार की जड़ है।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास योजनाओं पर अगले छह माह में पुरजोर कार्य करें और सरकार की योजनाओं को धरातल पर लाने में जुट जाएं।
 उन्होंने हर विभाग का ‘परफॉर्मेंस इंडेक्स’ तैयार करने के निर्देश भी दिए। सरकार की प्रमुख योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए एफआरए और एफसीए मामलों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने शिमला-परवाणु राष्ट्रीय राजमार्ग की अलाइनमेंट में आवश्यक बदलाव एवं इसका नवीनीकरण करने और सेब सीजन के लिए इस सड़क को खुला रखने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए बन रहे राष्ट्रीय राजमार्गों में सुरंगों एवं पुलों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने भूस्खलन की घटनाओं को कम करने के लिए विभाग को ढलानों की सुरक्षा (स्लोप प्रोटेक्शन) की दिशा में काम करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि तारादेवी बाइपास की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। शिमला से मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग पूरा फोरलेन बनेगा। उन्होंने कहा कि शालाघाट से नौणी के बीच दो सुरंगें बनाई जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कीरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग का एक लेन ट्रैफिक के लिए खोल दिया गया है।
 उन्होंने मनरेगा में बायोमैट्रिक हाजिरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 3727 कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 26 मई, 2023 तक 3485 कार्य पूरे कर लिए गए हैं तथा 2512 बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा गया है। उन्होंने योजना के अंतर्गत सड़कों की लैंथ ऑडिट करवाने के निर्देश भी दिए।
वहीं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज्य मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच, पिछड़े वर्ग और महिलाओं के उत्थान पर केंद्रित है, ताकि समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न होने के कारण प्रतिवर्ष आपदाएं आती हैं, जिनसे जान और माल की भारी हानि होती है। राज्य के संसाधन सीमित हैं, ऐसे में केंद्रीय योजनाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विकास कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है।
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