आदर्श हिमाचल ब्यूरो
सोलन। एक नई शुरुआत करते हुए, सोलन स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी इस साल अगस्त से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-एनईपी) 2020 की सिफारिशों को लागू करने जा रही है।
यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में अपने स्तर पर सभी तैयारियों को पूरा कर लिया है। यूनिवर्सिटी, जो आगामी सत्र से नीति को लागू करने के लिए देश में कुछ में से एक होगा, ने एक विस्तृत योजना तैयार की है जिसमें विभिन्न विषयों में चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों की शुरुआत शामिल है।छात्रों के पास विभिन्न चरणों में बाहर निकलने और फिर से प्रवेश करने का विकल्प होगा, जैसा कि नीति में ये विकल्प प्रदान किया गया है।
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विकसित किए गए नए कौशल आधारित कार्यक्रमों में बी.टेक. इन डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग में, चार वर्षीय बी.टेक. (रिसर्च), चार वर्षीय बीए (ऑनर्स) इन लिबरल आर्ट्स, मास्टर इन लिबरल आर्ट्स और डॉक्टरल प्रोग्राम, चार वर्षीय बी.एससी. (ऑनर्स.) रिसर्च के माध्यम से, रिसर्च आधारित एम.एससी. प्रोग्राम्स और एनहांस्ड पीएच.डी. प्रोग्राम शामिल हैं जो कि एनईपी 2020 के अनुसार यूनिवर्सिटी में पढ़ाए जाएंगे।
वाइस चांसलर. अतुल खोसला ने कहा कि नए विकसित किए गए प्रोग्राम हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा जारी किए और लागू नीति दस्तावेज के अनुसार तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शूलिनी यूनिवर्सिटी ने कुछ मौजूदा प्रोग्राम्स को संशोधित किया है और नीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कई नए कौशल-आधारित प्रोग्राम जोड़े हैं।
यूनिवर्सिटी ने दसवीं और प्री-बोर्ड कक्षा 12वीं की परीक्षाओं के आधार पर ग्रेजुएट प्रोग्राम्स में छात्रों का नामांकन शुरू कर दिया है। चार साल के प्रोग्राम्स में कृषि, बॉयोटेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और बैचलर ऑफ आर्ट्स शामिल हैं। वहीं माइक्रोबॉयोलॉजी, बायोइंफॉर्मेटिक्स, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, बिग डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में स्पेशलाइजेशंस की पेशकश की जाएगी।
प्रो.खोसला ने कहा कि ‘‘मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में एक अग्रणी यूनिवर्सिटी के तौर पर, हमने एविएशन, डिजाइन, रूरल मैनेजमेंट और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग में 4 साल का बीबीए कार्यक्रम शुरू किया है। प्रो. खोसला ने कहा कि यूनिवर्सिटी फूड टेक, डिफेंस टेक, बॉयोलॉजी, कैमिस्ट्री और बॉयोटेक्नोलॉजी में अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स की भी पेशकश कर रही है।
प्रो.खोसला ने कहा कि यूनिवर्सिटी नए प्रोग्राम्स और शिक्षाशास्त्र को लागू करने में अग्रणी रही है। यूनिवर्सिटी ने पिछले साल तालाबंदी की घोषणा के एक सप्ताह के भीतर ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत कर दी थी।
इसने फैकेल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर, रिसर्च और छात्र सहायता में 11 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से ऑनलाइन टीचिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया और उसे लगातार अपडेट किया है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी कई और योजनाओं पर भी काम कर रही है