आदर्श हमाचल ब्यूरो
दौलतपुर। श्री योगेश्वर मंदिर पिरथीपुर में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह उत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ भागवत कथा के तीसरे दिन कृष्ण जन्म के प्रसंग में नंद बाबा के घर में जन्मोत्सव का वर्णन पंडित सिकंदर पाल शास्त्री जी ने किया। जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए तथा मिठाइयां बांटकर एवं बधाइयां देकर नन्दोत्सव की खुशियां मनाई गई। शास्त्री ने ओजस्वी वाणी से संगीतमय कथा सुनाते हुए भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का विस्तार वर्णन किया। सिकंदर पाल शास्त्री जी ने कहा कि जब जब पृथ्वी पाप के बोझ से दबने लगती है तथा पाप बढ़ता है तब तब श्री हरि अवतार लेकर पाप और पापी का नाश कर पुन: धर्म को स्थापित करते हैं।
मथुरा के राजा कंस ने पाप का आचरण करते हुए अपने ही पिता को कारावास में डालकर सत्ता पर आसीन होकर प्रजा पर अत्याचार किया तथा जब उसे पता चला कि उसकी सगी बहिन देवकी की आठवीं संतान ही उसके काल का कारण बनेगी तो उसने बहन देवकी व उसके पति वासुदेव को कारावास में बंद कर दिया, लेकिन श्री हरि की कृपा से माया के कारण कारावास के बंद पडे़ द्वार खुल गए व मायावश वासुदेव भगवान कृष्ण को उफनती यमुना को पार कर सकुशल बाबा नंद के घर छोड़ देते है तथा बाबा नंद के घर में पुत्र होने का समाचार पाकर पूरे नंद में आनंद छा जाता है।
इस अवसर पर भगवान कृष्ण की बाल्यावस्था की सुंदर झांकी सजाई गई तथा उपस्थित जन समूह ने भगवान की जय-जयकार की। इस मौके पर महिलाओं के साथ-साथ दूर दराज के प्रभु भक्त भी उपस्थित थे।