शिमला। रविवार को काठमांडू, नेपाल में एसजेवीएन तथा नेपाल के निवेश बोर्ड (आईबीएन) के मध्य हुआ 679 मेगावाट लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए समझौता, जिस पर एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा तथा आईबीएन सीईओ सुशील भट्टा द्वारा हस्ताक्षर कर लगायी गई मोहर। साथ ही लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के विकास के समझोते के वक़्त नेपाल के माननीय उप प्रधानमंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल तथा नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने उपस्थिति दर्ज कर दी मंजूरी। इस अवसर पर सीईओ एसएपीडीसी अरुण धीमान तथा सीएफओ, एसएपीडीसी जितेंद्र यादव के साथ नेपाल सरकार एवं एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना नेपाल के संखुवासभा तथा भोजपुर जिलों में स्थित है। इस परियोजना में जलाशय या बांध की जगह चार फ्रांसिस प्रकार के टर्बाइन होंगे जो की जलविद्युत परियोजना की मुख्य आधार शिला होगी। परियोजना पूरी होने पर प्रति वर्ष 2970 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन होगा। निर्माण गतिविधियां शुरू होने के पश्चात परियोजना को चार वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह परियोजना एसजेवीएन को बूट आधार पर 25 वर्षों के लिए आवंटित की गई है। वर्ष 2018 में भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली द्वारा संयुक्त रूप से परियोजना निर्माण की आधारशिला रखी गई थी।
नंद लाल शर्मा ने बताया कि 900 मेगावाट अरुण- 3 जलविद्युत परियोजना ने गत तीन वर्षों में कोविड-19 की वैश्विक महामारी के बावजूद महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है और परियोजना की निर्माण गतिविधियाँ पूरे जोरों पर हैं। इस परियोजना को समय से पहले कमीशन करने के लिए एसजेवीएन प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि आईबीएन तथा नेपाल सरकार के निरंतर समर्थन के बिना इस प्रकार की प्रगति हासिल करना संभव नहीं था।
नंद लाल शर्मा ने आगे कहा कि आर्थिक व्यवहार्यता के लिए तथा बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के लिए जलविद्युत को एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण के साथ विकसित किया जाना चाहिए। इस दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप संसाधनों का पूरी तरह उपयोग किया जा सकेगा तथा कम लागत पर तेजी से परियोजनाएं पूरी होंगी। उन्होंने नेपाल सरकार से एसजेवीएन को नेपाल में जलविद्युत के दोहन के लिए सरकार के साथ साझेदारी में और अवसर प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट एवं 2040 तक 25000 मेगावाट कंपनी बनने का लक्ष्य है। एसजेवीएन की विद्युत उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज है, जिसमें जलिवद्युत, पवन, सौर तथा ताप विद्युत शामिल हैं।