एसजेवीएन और ओशियन सन, नॉर्वे ने पायलट मेम्ब्रेन आधारित फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट के लिए किया एमओयू हस्ताक्षरि‍त 

 नन्‍द लाल शर्मा, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन
 नन्‍द लाल शर्मा, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला।  नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि एसजेवीएन ने हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए मैसर्स ओशियन सन, नॉर्वे के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

 

नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि इस समझौता ज्ञापन के तहत, एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्‍थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) भारत में कहीं भी उपयुक्त स्थान पर लगभग दो मेगावाट की पायलट मेम्ब्रेन आधारित फ्लोटिंग सोलर परियोजना का विकास और वित्तपोषण करेगी। इस परियोजना के लिए पेटेंट तकनीकी सहायता मैसर्स ओशियन सन, नॉर्वे द्वारा प्रदान की जाएगी। यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के मध्‍य तकनीकी ज्ञान के हस्तांतरण और सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। जब यह पायलट परियोजना सफल हो जाएगी, तो दोनों कंपनियां भारत के दक्षिणी क्षेत्र की विशाल तटीय रेखा पर इस तकनीक का विस्तार करने का उद्यम करेगी।

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भारत में नॉर्वे की राजदूत मे-एलिन स्टेनर, एमएनआरई के संयुक्त सचिव दिनेश दयानंद जगदाले, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त) अखिलेश्वर सिंह की उपस्थिति में अजय सिंह, सीईओ (एसजीईएल) और सीईओ, मैसर्स ओशियन सन, नॉर्वे ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

यह एमओयू नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एसजेवीएन की उपस्थिति को और सुदृढ़ करेगा और वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित क्षमता के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करेगा। इससे कंपनी के वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के नए मिशन और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के महत्वाकांक्षी साझा विजन को प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।