आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला । नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि एसजेवीएन के 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन को अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आईआरईसी) के व्यापार हेतु पंजीकृत किया गया है। नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) तंत्र नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने एवं नवीकरणीय क्रय दायित्वों (आरपीओ) के अनुपालन को सुविधाजनक बनाने के लिए एक बाजार-आधारित साधन है।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सततशीलता, जलवायु परिवर्तन शमन की प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने एवं उद्योगों को नवीकरणीय ऊर्जा की ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न सरकारें नवीकरणीय क्रय दायित्व (आरपीओ) लेकर आई हैं। उद्योगों द्वारा आरपीओ का अनुपालन नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यक मात्रा का उत्पादन या क्रय करके किया जा सकता है।
शर्मा ने आगे बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा की उपलब्धता और आरपीओ को पूरा करने के लिए दायित्व वाली संस्थाओं की आवश्यकता के मध्य विसंगति को दूर करने के लिए, नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोन्नत करने एवं आरपीओ के अनुपालन के सुविधार्थ नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणपत्र (आरईसी) नामक बाजार-आधारित साधन उपलब्ध है। आरपीओ का अनुपालन ऊर्जा विनिमय से प्रमाणपत्र (आरईसी) क्रय करके भी किया जा सकता है। एक आरईसी के क्रय से क्रेता को 1000 यूनिट नवीकरणीय ऊर्जा की खपत का दावा करने की अनुमति मिलती है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे अवगत करवाया कि अब 1500 मेगावाट नाथपा झाकड़ी पावर स्टेशन को दिनांक 01.01.23 से 31.12.27 तक आरईसी के व्यापार के लिए पंजीकृत किया गया है। अपनी डिजाइन ऊर्जा के आधार पर यह स्टेशन प्रतिवर्ष लगभग 57.5 लाख आरईसी का व्यापार कर सकता है, जो बदले में कंपनी के लिए प्रतिवर्ष लगभग 10 करोड़ रुपए के अतिरिक्त राजस्व में परिवर्तित हो जाएगा।