हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में कैंसर, किडनी और डायबिटिज का स्पेशल इलाज

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में कैंसरए किडनी, डायबिटिज या किसी दूसरी बड़ी बीमारी से जूझ रहे मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। अब राज्य के बड़े अस्पतालों को गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों का समय पर ट्रीटमेंट करना होगा। वहीं उन्हें स्पेशल इलाज देने के भी आदेश हुए हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर कोई कोविड का पॉजिटिव कैंसर,डायबटिज या किडनी रोग से जूझ रहा हैए तो उन्हें अलग से अस्पतालों की ओपीडी में जगह दी जाए। साथ ही वहीं पर उनका इलाज भी किया जाए। इसके अलावा सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कैंसर मरीजों की डायलिसिस को पैंडिंग में न रखा जाएए समय पर उपचार दिया जाए।
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बता दें कि लॉकडाउन के बीच राज्य के कई कैंसर मरीजों की डायलिसिस रुक गई थी। इसके साथ कई आपरेशन भी अस्पतालों को टालने पड़े थे। अब स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोविड के अलावा दूसरे गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों का स्पेशल ट्रीट किया जाए। सरकारी अस्पतालों में दूसरे मरीजों को ट्राइस एरिया में रखने के आदेश भी दिए गए हैं। ऐसे में सरकार की ओर से बड़ी राहत प्रदान की गई है कि अब कोविड के अलावा दूसरे मरीजों के इलाज में कोई भी बाधा उत्पन्न नहीं होगी। सरकार के पास सभी जिलों से शिकायतें आ रही थीं कि समय पर अस्पतालों में उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि अब सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए यह फैसला लिया है। वहीं सभी अस्पतालों को आदेश दिए हैं कि कोविड मरीजों के अलावा दूसरे मरीजों का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाएं।
इसके अलावा अस्पतालों में मरीजों की सुविधा के लिए व्यवस्था की जाए ताकि उन्हें किसी भी तरह का कोई संक्रमण से खतरा न हो। गौर हो कि राज्य के सबसे बड़े आईजीएमसी अस्पताल में काफी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। ऐसे में कोरोना के इस संकटकाल में आईजीएमसी पर बोझ भी बहुत बड़ा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अतिरिक्त सचिव आरडी धीमान ने कहा कि आईजीएमसी सहित दूसरे बड़े अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान न रखने की शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में सभी अस्पताल प्रबंधन यह ध्यान विशेष रूप से रखें कि पर्ची काउंटर से लेकर ओपीडी में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां न उड़ें।

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