आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। प्रदेश सरकार शिक्षकों के लिए ट्रासंफर पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है। इसको लेकर शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ कई बार बैठक भी हो चुकी है। सरकार ने ट्रासंफर पॉलिसी के ड्राट को तैयार करने के लिए अधिकारियों को कसरत शुरू करने के भी निर्देश दे दिए। बताया जा रहा है कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में बने पॉलिसी के ड्राट को भी इस दौरान स्टडी किया जाएगा। सरकार यदि इस पॉलिसी को लाती है, तो ट्रांसफर के मामले में राजनैतिक हस्तक्षेप पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही नेताओं की जी हजूरी भी खत्म हो जाएगी।
सबसे ज्यादा ट्रांसफर शिक्षा विभाग में ही होती है। मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशालय तक शिक्षक ट्रासंफर करवाने के लिए चक्कर काटते रहते हैं। हालांकि अब सरकार महीने के अंतिम चार दिनों में ट्रांसफर करती है, लेकिन इससे भी शिक्षक व गैर -शिक्षक कर्मचारी खुश नहीं है। ऐसे में अब सरकार शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी लाने का मन बना रही है। गौर हो कि प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभाग में इस समय 66,628 शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं।
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ट्रांसफर पॉलिसी में सरकार ने बनाए थे नियम….
पूर्व सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी में स त प्रावधान किए गए थे। ट्रांसफर के लिए बनाए 5 जोन बनाए गए थे। ड्रा ट में प्वाइंट स्कोर के लिए पैरामिटर बनाए गए थे। इसमें शिक्षक की परफामेंस को लेकर कु छ अन्य कैटेगरी बनाई गई थी। यदि एक ही स्कू ल के लिए तीन या इससे ज्यादा शिक्षक आवेदन करते हैं तो उनके प्वाइंट स्कोर चैककिए जाएंगे।
कैटेगरी-1 में महिला टीचर और थर्ड जैंडर के लिए दस प्वाइंट रखे गए थे। इसी तरह विधवा महिला, तलाकशुदा, अविवाहित महिला शिक्षक जिनकी आयु 40 साल से ज्यादा है या जिन के पति सेना में हैं, उन्हें इसके लिए 10 अंक देने का नियम बनाया गया था। डिसेबिलिटी के लिए 20 अंक रखे गए थे। कैटेगरी-2 में बोर्ड की परीक्षाओं में अच्छा रिजल्ट देने वाले शिक्षक को 5 अंक मिलने का प्रावधान किया गया था। इसी तरह नेशनल और स्टेट अवार्ड को भी पांच अंकदिए जाने थे।
कैटेगरी- 3 में 30 अंक रखे गए । यह शिक्षकों को जोन में दी गई सेवाओं के हिसाब से दिए जाएंगे। जोन-सी, जोन-डी, जोन-ई में शिक्षकों की सेवाएं कितने साल की रही है ,उसे जोड़ा जाएगा। इसके आधार पर उन्हें तबादले में प्राथमिकता मिलेगी।
ये बनाए गए थे जोन….
इसमें ट्रांसफर के लिए जोन बनाए गए हैं। जोन-ए में राज्य व जिला मु यालय, जोन-बी में शहरी, जोन-सी में ग्रामीण, जोन -डी में हार्ड एरिया और जोन -ई में ट्राइबल एरिया रखा गया है। इस पॉलिसी में जे.एल.ए, एस.एल.ए, सहायकलाइब्रेरियन, जे.बी.टी., सी.एंड वी., टी.जी.टी., डी.पी.ई, हैडमास्टर, पी.जी.टी, प्रिंसिपल, लाइब्रेरियन, एस्सिटेंट और एसोसिएट प्रोफेसर कालेज कैडर, प्रिंसिपल को रखा गया था। हालांकि बाद में शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध किया और पूर्व सरकार इस पॉलिसी को लागू नहीं कर पाई। ऐसे में इस सरकार को भी शिक्षकों के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाना और इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा।