डॉ. ओपी शर्मा ने साधना से प्राप्त ऊर्जा को समाज के हित में लगाने का किया आह्वान
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हरिद्वार। नवरात्र साधना के अंतिम दिन गायत्री तीर्थ शांतिकुंज व देवसंस्कृति विवि में साधकों ने इदं न मम के भाव से अपने अपने अनुष्ठान की पूर्णाहुति की। शांतिकुंज परिसर में 27 कुण्डीय तथा देसंविवि परिसर में छात्रों ने 9 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ सम्पन्न कराया। देसंविवि में नवरात्र साधना के दौरान आयोजित विशेष व्याख्यानमाला के आखिरी दिन अखिल गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने आस्था संकट के दौर में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नवरात्र साधना को महत्त्वपूर्ण बताया।
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उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने आसुरी वृत्तियों का नाश करने के लिए धरती पर आये। उन्होंने रीछ, वानर आदि का सहयोग लेकर राक्षस संस्कृति को नष्ट कर भारतीय संस्कृति को प्रतष्ठिापित किया। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने एकता, समता एवं शुचिता की मर्यादा का जो पाठ पढ़ाया है उसका सभी को अनुपालन करना चाहिए। उधर शांतिकुंज के मुख्य सत्संग हॉल में साधकों को संबोधित करते हुए डॉ. ओपी शर्मा ने साधना से प्राप्त ऊर्जा को समाज के हित में लगाने के आवाहन किया।
हुए विभिन्न संस्कार:
श्रीरामनवमी के पावन अवसर पर पुंसवन, नामकरण, मुण्डन, जनेऊ, गुरुदीक्षा आदि संस्कार सैकड़ों की संख्या में निःशुल्क सम्पन्न कराये गये। वहीं नवदंपतियों ने पवित्र अग्नि की साक्षी में एक दूसरे का हाथ थामकर वैवाहिक जीवन के सूत्र में बंधे।