आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारत के चंद्रयान-3 ने बुधवार को चांद पर सफल लैंडिंग की। इसी के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन गया। वहीं, इसरो के लाइव स्ट्रीमिंग लिंक ने भी यूट्यूब पर इतिहास रच दिया। चंद्रयान-3 के लैंडिंग की लाइव स्ट्रीमिंग को 8.06 मिलियन लोगों ने एक साथ देखा, जिसने यूट्यूब इतिहास के सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त कर दिया। यह चंद्रयान एक दिन (पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर) चंद्रमा की सतह का विस्तृत विश्लेषण करेगा और पानी के निशान की खोज करेगा।
जैसे ही भारत का चंद्रयान चांद पर सफलतापूर्वक उतरा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इसरो को बधाई देने वाले संदेशों से भरे हुए थे और आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर इस अवसर पर एक मजेदार तस्वीर पोस्ट की। एमआई ने इसरो की इस उपलब्धि को क्रिकेट से जोड़ते हुए लिखा कि 2019 में इसरो और भारतीय टीम दोनों असफल रहे थे। अब इसरो सफल हो गया है तो यकीन मानिए भारतीय टीम भी सफल होगी।
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पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र ‘डॉन’ ने लिखा- भारत के चंद्रयान-3 लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को सफलतापूर्वक छू लिया, जिसे पानी और ऑक्सीजन का संभावित स्रोत माना जा रहा है। ‘अलजजीरा’ ने लिखा- “भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारा, ऐसा करने वाला यह पहला देश बन गया। पीएम मोदी ने कहा कि मिशन की सफलता पूरी मानवता की सफलता है।”
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने शीर्षक लिखा- ‘चंद्रमा पर लैंडिंग की दौड़, भारत दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने में पहले स्थान पर।’ अखबार लिखता है, “भारत से वि’द गार्डियन’ ने अपनी खबर में लिखा- ‘भारत एक ऐतिहासिक क्षण में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारने वाला पहला देश बन गया है, जिसने देशभर में लोगों में खुशी का माहौल पैदा कर दिया।
‘बीबीसी’ ने अपने शीर्षक में लिखा- ‘चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।’ इसने लिखा, “जब 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की गई थी, तो इसका प्राथमिक लक्ष्य काफी सरल था – तूफानों की भविष्यवाणी करने, बाढ़ को कम करने और देश में दूरसंचार को मजबूत करने के लिए उपग्रहों को डिजाइन और लॉन्च करना। अब अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने चंद्रयान -3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन बनने के बाद इतिहास रच दिया है।”क्रम नाम का एक लैंडर और प्रज्ञान नाम का एक रोवर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरे। चंद्रयान -3 नामक एक मिशन भारत को चंद्रमा की सतह के इस हिस्से तक पहुंचने वाला पहला देश बनाते है। वह चंद्रमा पर उतरने वाला केवल चौथा देश है।”
फ्रांस के प्रमुख समाचार पत्र ‘ले मोंदे’ ने अपना शीर्षक लिखा- ‘चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बना भारत।’ अखबार लिखता है कि रोवर के साथ एक लैंडर स्थानीय समयानुसार छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे दक्षिण भारतीय शहर बेंगलुरु में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के बीच खुशी और तालियां बजीं।
सीएनएन’ ने अपना शीर्षक लिखा- ‘चांद पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना भारत।’ इसने लिखा- “भारत ने चंद्रमा पर अपना चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान उतार दिया है, इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला केवल चौथा देश बन गया है।
‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अपने शीर्षक में लिखा- भारत ने चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यान को धीरे से उतारा। अखबार ने लिखा- भारत ने बुधवार को चंद्रमा पर एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान उतारा।
भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद दुनिया भर के नेताओं ने पीएम मोदी को बधाई और शुभकामनाएं दीं। अधिकतर नेता पीएम मोदी से मिलकर उन्हें मिशन की सफलता की बधाई दे रहे थे। इनमें बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी शामिल रहीं। चंद्रयान मिशन की सफलता से प्रधानमंत्री मोदी भी काफी उत्साहित दिखे। मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री ने दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय मूल के समुदाय के उत्साह की भी तारीफ की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘वह चंद्रयान-3 की सफलता के जोश को जोहानिसबर्ग में भी महसूस कर रहे हैं। भारत की उपलब्धि पर दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय मूल के समुदाय का उत्साह देखकर बहुत खुशी हुई।’ प्रधानमंत्री ने जोहानिसबर्ग के होटल में भारतीय मूल के लोगों से मिलते हुए अपनी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की।