मुख्यमंत्री ने किया सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश- प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2,02, 227 रुपए,  पढ़िए विस्तृत रिर्पोट……

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 प्रस्तुत करते हुए
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 प्रस्तुत करते हुए

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। प्रदेश के मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को सदन में हिमाचल की आर्थिक सर्वेक्षण रिर्पोट पेश की। यह दस्वावेज आर्थित और सांख्यिकी विभाग हिमाचल प्रदेश ने तैयार किया है।

पढ़िए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 की मुख्य विशेषताएं –

पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जी.डी.पी. स्थिर भावों पर ₹8,143 करोड़ से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के ₹1,26,433 करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जी.डी.पी. ₹1.34,576 करोड़ अनुमानित है।

• वित्तीय वर्ष 2022-23 में जी.डी.पी. प्रचलित भावों पर ₹1,95,404 करोड़ अनुमानित है। जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थायी अनुमानों के अनुसार ₹1.76,269 करोड़ से ₹19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जी.डी.पी. में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है।

पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जी.डी.पी. स्थिर भावों पर ₹8,143 करोड़ से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के ₹1,26,433 करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जी.डी.पी. ₹1.34,576 करोड़ अनुमानित है।

• वित्तीय वर्ष 2022-23 में जी.डी.पी. प्रचलित भावों पर ₹1,95,404 करोड़ अनुमानित है। जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थायी अनुमानों के अनुसार ₹1.76,269 करोड़ से ₹19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जी.डी.पी. में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार, प्राथमिक क्षेत्र से सकल मूल्य वर्धित, स्थिर भावों पर 20 प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना है। वित्त वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के दौरान प्राथमिक क्षेत्र का जी.वी.ए. स्थिर भावों पर 2021-22 (प्र.स.अ.) के ₹16.395 करोड़ के मुकाबले 116,717 करोड़ हो गया।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार स्थिर (2011-12) मावों पर द्वितीयक क्षेत्र का जी.वी.ए. ₹60,444 करोड अनुमानित है जोकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र. स.अ.) के अनुसार ₹56,408 करोड़ था और पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

सेवा क्षेत्र की राज्य जी. वी. ए. में महत्वपूर्ण और तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के लिए सेवा क्षेत्र का योगदान स्थिर भावों (2011-12) पर ₹49,527 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र.स.अ.) में यह ₹46,350 करोड़ था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

प्रति व्यक्ति आय (पी.सी.आई.)

• अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय (पी.सी.आई.) 2021-22 में ₹2,01,271 के मुकाबले ₹2,22,227 रहने का अनुमान है, जोकि वित्त वर्ष 2021-22 में 131 प्रतिशत की तुलना में 104 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से ₹51,607 अधिक है। क्षेत्रीय योगदान

• किसी भी राज्य का जी.डी.पी. तीन प्रमुख क्षेत्रों-प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक द्वारा किए गए आर्थिक योगदान के संदर्भ में मापा जाता है। राज्य के सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी.वी.ए.) में तृतीयक क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा है, इसके बाद द्वितीयक और प्राथमिक क्षेत्रों का स्थान है।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीवीए के अग्रिम अनुमानों के आधार पर, तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित मूल्यों पर राज्य के जी.वी.ए. में 43.6 प्रतिशत, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 42.7 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 13.7 प्रतिशत योगदान है।

कृषि और संबद्ध क्षेत्र

प्रचलित भावों पर सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी.एस.वी.ए.) में कृषि क्षेत्र का योगदान 2018-19 में ₹17,767 करोड़ से 40 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में (अग्रिम अनुमान) ₹24,847 करोड़ हो गया है। 2018-19 से 2022-23 के बीच (2018-19 में ₹10,286 करोड़ से 2022-23 में ₹15,561 करोड तक) प्रचलित कीमतों पर फसलों के जी.एस.वी.ए. में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में प्राप्त 49 प्रतिशत की वृद्धि दर के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर कीमतों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्र के जी. एस. बी. ए. में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
कृषि और संबद्ध गतिविधियों के अर्न्तगत पशुधन पालन एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में कुल सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी. एस. वीए) का 1.61 प्रतिशत और कृषि और संबद्ध क्षेत्र जी. एस. बी. ए. का 12 प्रतिशत योगदान देता है।

औद्योगिक क्षेत्र में रुझान

उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिमाचल में रोजगार की बहुत सारी संभावनाएं पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 2023 के अग्रिम अनुमानो में औद्योगिक क्षेत्र का (खनन और उत्खनन सहित) कुल जी.बी.ए. (प्रचलित भावों में) ₹79,284 करोड अनुमानित है।

जी.एस.वी.ए. में प्रचलित भावों पर औद्योगिक क्षेत्र (खनन और उत्खनन सहित) का योगदान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4297 प्रतिशत है जिसमें 30.83 प्रतिशत विनिर्माण, 6.28 प्रतिशत निर्माण, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं का 5.62 प्रतिशत एवं खनन और उत्खनन का योगदान 0.24 प्रतिशत है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में औद्योगिक क्षेत्र का जी.वी.ए. स्थिर कीमतों पर 7.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जी.वी.ए 4.1 प्रतिशत बढ़ा है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है जो औद्योगिक क्षेत्र में तीसरी उच्चतम विकास दर है। संगठित और असंगठित क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए और राज्य के बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए निर्माण उप-क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण है। निर्माण क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उच्चतम विकास दर जोकि 9.5 प्रतिशत अनुमानित है।

पर्यटन

पर्यटकों का आगमन किसी विशेष गंतव्य में पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख और 2022 में कुल मिलाकर 150.99 लाख हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन पूर्व महामारी के स्तर तक पहुंच रहा है।

ऊर्जा

राज्य की पांच बारहमासी नदी घाटियों में लगभग 27:436 मेगावाट जलविद्युत बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है। राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 10,519 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है, जिसमें से 76 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है जबकि शेष केंद्र सरकार द्वारा दोहन किया जा रहा है।

मुद्रास्फीति में वर्तमान रुझान

चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 प्रतिशत से गिरकर 50 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी. पीआई) में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) जो दिसंबर-2022 (अस्थिर) में 39 प्रतिशत दर्ज की गई।

सामाजिक सेवाएं

हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग 108 नागरिक अस्पतालों, 104 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 580 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 16 नागरिक औषधालयों के नेटवर्क के माध्यम से उपचारात्मक निवारक और पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर रहा है।

नीति आयोग एस. डी. जी. इंडिया इंडेक्स और डैशबोर्ड 2020-21 के अनुसार एस.डी.जी. प्रगति मापन में हिमाचल प्रदेश “फ्रंट रनर है। 2020-21 में सतत विकास लक्ष्यों (एस. डी.जी.) के मामले में हिमाचल प्रदेश केरल के बाद भारत में दूसरे स्थान पर है।

इंडिया इनोवेशन इंडेक्स – 2021 में 14.62 के स्कोर के साथ, हिमाचल प्रदेश उत्तर पूर्वी और पहाड़ी राज्यों में पाँचवें स्थान पर है।

सामाजिक प्रगति सूचकांक (एस.पी.आई.) 2022 के अनुसार, हिमाचल प्रदेश सातवें स्थान पर है और इसे 63.28 स्कोर के साथ टीयर-1 (बहुत उच्च सामाजिक प्रगति) में रखा गया है।
2021 दूर है। इस

रोजगार परिदृश्य

एक 2021-22 गदर दिन एक हिमाचल 2001-22 अनु समस्त आयु वर्ग (18) मेि बेहतर है। देश और अपने की तुलना में गतिविधियों में एल. एफ एस 2021-22 के अनुसार सभी पड़ोसी राज्यों और अखिल भारतीय पर सामान्य स्थिति प्रति स्टेटसी स्टेटस के अन्तर्ग बेरोजगारी दर सबसे कम 40 प्रतिशत है जबकि यह दर अखिल भारतीय र प्रतिउत78 प्रतिशत पंजाब 64 प्रतिशत, हरियाणा में 9.0 प्रतिशत रही।