आदर्श हिमाचल ब्यूरो,
रोहड़ू। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड़ इम्प्लॉइज यूनियन की बैठक आज यहां प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप खरवाड़ा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें बिजली बोर्ड में घटते कर्मचारियों की संख्या और बोर्ड की लगातार बिगड़ती वित्तिय स्थिति पर चिंता जताई। इस अबसर पर यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा तथा अन्य राज्य पदाधिकारी में अशोक भारद्वाज, प्रशांत शर्मा, संजीव शर्मा, सुधीर चौहान, देवेंद्र शर्मा, अमित भरौटा, नीतीश भारद्वाज, एन0डी0 शर्मा, दीप राज शर्मा और लोकेंद्र रुकट्टा भी उपस्थि रहे।
यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप खरवाड़ा ने कहा आज बिजली बोर्ड बड़े कठिन दौर से गुज़र रहा है जब एक ओर बिजली बोर्ड कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है और आज विभिन्न श्रेणी के लगभग आठ हज़ार पद खाली पड़े हैं। वहीं वित्तिय संकट एक विराट रूप ले चुका है जिसके कारण आज बिजली बोर्ड के लगभग पच्चास हज़ार कर्मचारी व पेंशनर आज छठे वेतन आयोग में देय बकाया राशि के लाभों से अभी तक बंचित है।
उन्होंने कहा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज बोर्ड़ की वित्तीय हालात खराब हुई है जिसका खामियाजा बोर्ड कर्मचारियों व पेन्शनर को भुगतना पड़ रहा है। आज बिजली बोर्ड का आलम यह है कि हर महीने पहली तारीख़ को पेन्शन व वेतन के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ रहे है।
सरकार की गलत ऊर्जा नीति, उदय योजना के तहत बोर्ड़ को के केंद्र से मिले 2870 करोड़ के लाभ को प्रदेश सरकार द्वारा बापिस लेना, बिना जरूरत के हजारों करोड़ स्मार्ट मीटर व अन्य की खरीदफरोख्त और गत छः महा में बोर्ड की बिना किसी जरूरत के सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए 3 परिचालन वृत, 12 विद्युत मंडल, 17 विद्युत उपमंडल का खोलना इस खराब हालात के लिए जिम्मेबार है।
आज इन गलत फ़ैसलों के कारन जिस संकट से बिजली बोर्ड गुजर रहा है यह रास्ता निजीकरण की ओर प्रशस्त होता है और जब यह बिजली बोर्ड ही नहीं रहेगा ऐसी स्थिति में न तो बिजली उपभोक्ताओं को यह फ्री की बिजली रहेगी और न ही यह बिजली बोर्ड के दफ्तर रहेंगे।