आदर्श हिमाचल ब्यूरो
मंडी। पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज पण्डोह और कुल्लू के बाढ़ ग्रस्त इलाक़ों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावितों से मिले। उन्होंने सभी बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद का भरोसा दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बारिश ने भारी तबाही मचाई है। बाढ़ से पूरे प्रदेश में भारी नुक़सान हुआ हैं। जगह-जगह लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गये हैं। आज भी प्रदेश के कई हिस्से पूरी तरह से कटे हुए हैं। सड़कें, पुल सब बह गये हैं। कुल्लू और मंडी को बहुत नुक़सान हुआ है। अभी भी मनाली और बाक़ी के हिस्सों से पूरी तरह से संपर्क नहीं स्थापित हो पाया है।
लोग जगह-जगह फंसे हैं और और अपने परिवार के लोगों के साथ संपर्क भी नहीं कर पा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि ज़्यादातर पर्यटक सुरक्षित हैं। उन्होंने इस आपदा में राहत और बचाव के लिए समय से एनडीआरएफ़ की टीमें भेजने और पर्यटकों के रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर की सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया। नेता प्रतिपक्ष ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर लोगों के जीवन रक्षा करने में जुटी एनडीआरएफ़, एसडीआरएफ़, प्रदेश पुलिस और अन्य विभागों के लोगों की प्रसंशा करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की इस बारिश से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी।उन्होंने कहा कि हम केंद्र से अपने प्रदेश की हर संभव मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप आज बहुत से फंसे हुए लोगों एयरलिफ्ट किया गया है।
बुधवार दोपहर मंडी से पण्डोह पहुंचे नेता प्रतिपक्ष ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों किया निरीक्षण किया और बाढ़ प्रभावितों से मिले। उन्होंने राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो भी प्रभावित हैं, उन्हें तत्काल सहायता उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इस बारिश में पण्डोह का पुल बह गया। यह पुल सौ साल पुराना था। प्रदेश में सैकड़ों छोटे-बड़े पुल बह गए। लैंड स्लाइड की वजह से सैकड़ों मकान दुकान पूरी तरह से डूब गये और सैकड़ों जगह पर अभी भी ख़तरा बरकरार है। पंडोह में पूर्व मुख्यमंत्री ने मौके पर ही एडीसी मंडी निवेदिता नेगी को निर्देश दिए कि लोगों की हर बात सुनी जाए और बिजली, पानी तुरंत बहाल किया जाए।

लोगों के घरों में घुसा मलवा भी निकाला जाए और तुरंत फौरी राहत जारी की जाए। लोगों ने बीबीएमबी की लापरवाही का मामला उठाते हुए कहा कि प्रशासन को देरी से सूचित करने के बाद ही डैम से अचानक पानी छोड़ा गया जिससे इतनी तबाही यहां मची। अगर समय से सूचित किया होता तो आज 40 परिवार प्रभावित न होते। पण्डोह में उनके साथ स्थानीय विधायक अनिल शर्मा, विधायक बल्ह इंद्र सिंह गांधी, विधायक द्रांग पूर्ण चंद ठाकुर, मिल्क फेड के पूर्व अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा और जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा उपस्थित रहे।
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष कुल्लू के सैंज के लिए रवाना हुए और सैंज से पीछे बिहाली में ही बाढ़ प्रभावितों से मिलकर उनका दर्द सुना। सड़क मार्ग बंद होने से नेता प्रतिपक्ष का आगे जाना संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि वे पूरे मामले को अति शीघ्र केंद्र के समक्ष उठायेंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार से राहत कार्य में तेजी लाने का आग्रह भी किया।
सैंज से नेता प्रतिपक्ष बाली चौकी पहुंचे और वहां के बाढ़ प्रभावितों से मिले। नेता प्रतिपक्ष ने एसडीएम विजयवर्धन को निर्देश दिया कि स्थानीय सड़कों को भी जल्दी से खोला जाये। उन्होंने कहा कि पांच दिन से नेशनल हाईवे बंद हैं, सरकार कनेक्टिविटी को जल्दी जल्दी से सही करे, लोगों तक ज़रूरी सामान नहीं पहुँच पास रहा है। जल्दी से जल्दी बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को बहाल किया जाये। सैंज और बाली चौकी में उनके साथ बंज़ार विधायक सुरेंद्र शौरी भी मौजूद रहे।
अभी तक कनेक्टिविटी बहाल करने के प्रयास नहीं हुए
नेता प्रतिपक्ष ने चिंता जताई कि चंडीगढ़ मनाली एनएच चार दिन से यातायात के लिए बंद है और इसे बहाल करने के किए कोई प्रयास अभी तक शुरू नहीं हुए हैं। मंडी के समीप सात मील और ओट के पास शनि मंदिर के पास मलबा पड़ा है और साफ मौसम के बाबजूद कोई मशीनरी नहीं लगाई गई है। यह काम ठेकेदारों को दिया है और वे पत्थर बेच रहे हैं। ऐसी लोगों ने हमारे पास शिकायत की है। इस समय ऐसी घोर लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
उन्होंने प्रदेश लोगों से आग्रह किया कि बिना कारण घर से बाहर न निकले नदी नालों की तरफ़ न जाएं। अपना और अपने परिवार का ख़याल रखे।
मण्डी के बूंग रेल चौक बाज़ार और जनजेहली के छह गांवों में अभी भी है लैंड स्लाइड का ख़तरा नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सराज विधान सभा में अभी भी बूंग रेल चौक पंचायत, जनजेहली के रेशन, क़दवाड़, भाटकी, बूंग और व्योड़ को बारिश की वजह से ख़तरा बना हुआ है। यह सभी छह गांव धंस रहे हैं। संगलवाड़ा पंचायत के अन्तर्गत नाउर, मटोट गांव के आस-पास भी लैंड स्लाइड हो रहा है। इस कारण गांव के लोगों ने गांव ख़ाली कर दिये हैं और रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। इन सभी गांवों के लगभग एक हज़ार से ज़्यादा लोग विस्थापित हो गये हैं। लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी है।