आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। होली पर मस्ती तो करना चाहते हैं लेकिन रंगों के होने वाले नुकसान से बचते हैं। होली का त्यौहार रंगों के बिना अधूरा माना जाता है / होली में इस्तेमाल किए जाने वाले ज्यादातर रंग कैमिकल युक्त होते हैं जिनसे त्वचा और बालों को नुकसान हो सकता है। इन रासायनिक रंगों के प्रयोग से त्वचा पर रैशेज़, एलर्जी, मुहांसे हो सकते हैं तथा अनेक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं। रासायनिक रंगों से बचने के लिए आप घर पर प्रकृतिक रंग बना सकती हैं।
- गुलाल बनाने के लिए ताजा फूलों को इकट्ठा करें / अगर आपके आसपास ज्यादा फूल नहीं हों तो आप ऑनलाइन फूल भी मँगबा सकते हैं / इन फूलों को सूखने दें और सुखे हुए फूलों को मसल कर इनका पाउडर बना लें / इस पाउडर में कुछ बूंदें चन्दन के तेल के डाल लें तथा इसे अब हाथ से मिश्रण बना लें तथा ठन्डे स्थान पर रख लें / इसे होली के दिन आप गुलाल के रूप में प्रयोग कर सकते हैं /अगर आप पिचकारी से होली खेलने के लिए प्रकृतिक गिला रंग तैयार करना चाहते हैं तो इसके लिए आप ताजा फूलों की पंखुड़ियों को पानी की बाल्टी में रात भर भिगो लें / इसमें खुसबू डालने के लिए आप इसमें सुगंथित तेल मिला लें /इसे आप गुबारों और पिचकारी में भर कर सेफ होली खेल सकते हैं
2 लाल रंग: लाल रंग लाल गुलाब , हिबिस्कस की पंखुड़ियों को उबाल कर तैयार किया जा सकता है। लाल रंग बनाने के लिए हिबिस्कस फूल को सुखाकर पंखुड़ियों को पीस कर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर में समान मात्रा में चावल का आटा और लाल केसर मिला सकते हैं।
5 गुलाबी रंग: होली में हल्का गुलाबी रंग काफी मात्रा में उपयोग किया जाता है। गुलाबी रंग बनाने के लिए आप गुलाब, नयनतारा, गोधूली गोपाल का उपयोग कर सकते हैं। चुकन्दर के टुकड़े/स्लाइसेस या प्याज के छिलकों को पानी में उबाल कर भी गुलाबी रंग बनाया जा सकता है।
6 पीला रंग: पीला रंग बनाने के लिए गैंदे के फूल की पंखुड़ियों को उबाल कर ठंडा होने दें तथा आप इसका प्रयोग कर सकते हैं। पानी में हल्दी डालकर गीला पीला रंग तैयार किया जा सकता है। दो चमच्च हल्दी पाउडर में एक चमच्च चना या चावल का आटा मिलाकर प्रकृतिक पीला रंग बनाया जा सकता है।