मूसलाधार बारिश ने पूरे प्रदेश में मचाई भयंकर तबाई, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत

सड़कें व पेयजल आपूर्ति ठप्प, सेब के बागीचों को भी भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही
हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला। भारी बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत में तबाही मचा दी है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश के चलते भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा 11 मौतें हिमाचल में हुईं।  हिमाचल के मंडी में ब्यास नदी के उफान में 40 साल पुराना पुल बह गया है। हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी मूसलाधार बारिश का कहर जारी है।

 

वही कुल्लू जिले में दो दिनों से ब्लैकआउट है। सड़कें व पेयजल आपूर्ति बंद होने से लोग और सैलानी परेशान हैं। मनाली के किसान भवन में फंसे सभी 29 लोगों को सोमवार सुबह रेस्क्यू कर सुरिक्षत निकाल लिया गया है। इसमें कई सैलानी भी मौजूद हैं।

 

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने फंसे हुए लोगों को सकुशल निकालने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। किन्नौर जिले की भावा खड्ड में रविवार रात बाढ़ आने से तीन मकान बह गए हैं। जबकि दो मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। एक टिप्पर, एक पिकअप और एक कार बाढ़ मे बह गई है। कई सेब के बागीचों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं भावा खड्ड पर बने पैदल पुल भी बाढ़ की चपेट में आने से बह गए हैं। जबकि कई मकान खतरे की जद में हैं।

जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में बारिश ने तबाही मचा दी है। मनाली-लेह मार्ग के बीच आने वाले तेलिंग व पागलनाला में बाढ़ आने से सड़क मार्ग बंद है। यहां एचआरटीसी की चार बसों के साथ कुछ छोटे वाहन भी फंसे हैं। बसों में सवार करीब 50 लोग तीन दिनों से भूखे प्यासे हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने कोई भी मदद नहीं की है।

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के भगानी मेहरूवाला स्थित टापू में तीन परिवार के 32 लोग फंस गए। सूचना मिलते ही एसडीएम रेस्क्यू टीम के साथ पहुंचे। टीम ने सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। रेस्क्यू किए लोगों में महिलाएं, छोटे बच्चे भी शामिल हैं।