आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। किन्नौर छात्र कल्याण संघ (कस्बा) परिवार की ओर से शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आज “तोशीम” कार्यक्रम 2024 का आयोजन किया गया जिसमें राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवम् शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए । कार्यक्रम में शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीश जर्नाथा विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि “तोशीम” कार्यक्रम किन्नौर वासियों का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो पिछले 23 वर्षों से विश्वविद्यालय में लगातार किन्नौर छात्र कल्याण संघ द्वारा आयोजित किया जा रहा है । उन्होंने संघ के समस्त पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम प्रदेश एवम् समाज को जोड़ने के साथ-साथ हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है ।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जनजातीय क्षेत्रों से लगभग 800 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे है जिनमें से अधिकतर छात्र छात्राएं मेरिट में आकर उच्च पदों पर आसीन होकर किन्नौर जिला व जनजातीय क्षेत्रों का नाम रोशन कर रहे है ।उन्होंने कहा कि संविधान में हमें अधिकार दिए गए हैं लेकिन कुछ ताकतें हमारे अधिकारों को छीनने के लिए संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास करना चाहते है । उन्होंने जनजातीय क्षेत्र के लोगों से आह्वान किया कि ऐसी ताकतों से लड़ने के लिए हम सभी को एकत्रित होकर मुकाबला करना है । उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों को नौतोड़ जमीन मिले इसके लिए सरकार प्रयासरत है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बागवानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए है और आने वाले सेब सीजन के मद्देनजर और कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है । “तोशीम” कार्यक्रम में किन्नौरी तथा बुशहर के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया । मुख्य अतिथि द्वारा किन्नौर संघ, गद्दी संघ, बुशहर संघ, लद्दाख संघ, पांगी संघ सहित विश्वविद्यालय में उच्च पद पर आसीन किन्नौर जिला से संबंध रखने वाले अधिकारियों एवं उत्कृष्ट किन्नौरी छात्र छात्राओं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले प्रतियोगियों को मोमेंटो देकर सम्मानित भी किया ।
इस अवसर पर उन्होंने तोशिम कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए किन्नौर छात्र कल्याण संघ को अपनी ऐच्छिक निधि से एक लाख रुपए की राशि देने की घोषणा भी की ।