विद्यार्थियों को प्राचीनतम टांकरी के अभिलेखों की भी दी जाएगी जानकारी
आदर्श हिमाचल ब्यूरो
मंडी। सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी इतिहास विभाग द्वारा 10 दिवसीय टांकरी लिपि प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आचार्य देव दत्त शर्मा कुलपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रशासनिक राकेश कुमार शर्मा सहायक आयुक्त उपायुक्त मंडी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य अनुपमा सिंह प्रति कुलपति व विनय शर्मा जिला लोक संपर्क अधिकारी मंडी रहे।विशेष अतिथि के रूप में आचार्य राजेश कुमार शर्मा अधिष्ठाता महाविद्यालय विकास परिषद व वरिष्ठ साहित्यकार मुरारी शर्मा रहे।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्वलन से किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य की जानकारी डॉ राकेश कुमार शर्मा संयोजक कार्यशाला ने दी।उन्होंने इस अवसर पर इतिहास विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रस्तुत की।
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इस अवसर पर मुख्य अतिथि आचार्य देव दत्त शर्मा ने कहा की प्राचीन लिपियों का संरक्षण व संवर्धन अति आवश्यक है।जिनमें टांकरी लिपि का विशेष स्थान है।उन्होंने कहा कि हिमाचल में उपलब्ध पांडुलिपियों, महाजनी दस्तावेजों,राजाओं की संधियों,सनदों एवं अन्य पत्राचारों के प्रमाणों के आधार पर यह सिद्ध होता है कि टांकरी लिपि का प्रचलन सोलहवीं से बीसवीं शताब्दी के पूर्वार्ध कालखंड तक उत्तर क्षेत्र में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राकेश कुमार शर्मा ने कहा की सरदार पटेल विश्वविद्यालय विशेषकर इतिहास विभाग का यह महत्वपूर्ण प्रयास है जिससे प्राचीन लिपियों की की जानकारी नई पीढ़ी तक प्रेषित होगी। उन्होंने कहा कि यह केवल महाजनी लिपि नहीं अपितु राज परिवारों द्वारा प्रयोग की गई महत्वपूर्ण लिपि है।
अतः अनुसंधान के लिये भावी पीढ़ी को इसकी जानकारी होनी अति आवश्यक है।बतौर विशिष्ट अतिथि आचार्य अनुपमा सिंह ने इतिहास विभाग को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यशालाओं से हिमाचल प्रदेश की कला,साहित्य व संस्कृति को एक नई दिशा मिलेगी। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि विनय शर्मा व विशेष अतिथि मुरारी शर्मा ने भी अपने विचार रखे।मंच का संचालन अंजना और हिमानी ने किया जबकि डॉ रामपाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों को प्रशिक्षक मंडी के पारुल शर्मा द्वारा टांकरी लिपि में लिखे गए लेख चित्रों से सम्मानित किया गया।कार्यशाला में टांकरी लिपि विद्वान जगदीश कपूर व प्रशिक्षक पारुल अरोड़ा को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यशाला संयोजक डॉ राकेश कुमार शर्मा व आयोजन सचिव डॉ रामपाल ने बताया कि 13 मार्च से 22 मार्च तक टांकरी लिपि पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों का मार्गदर्शन किया जाएगा।पारुल अरोड़ा द्वारा प्रतिदिन टांकरी लिपि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।डॉ राकेश कुमार शर्मा ने कार्यशाला में विद्यार्थियों को प्राचीनतम टांगरी के अभिलेखों की भी जानकारी दी जाएगी।कार्यक्रम में डॉ जगदीप वर्मा, डॉ लखबीर सिंह,डॉ ममता शर्मा,डॉ पवन चांद,डॉ बलवीर,डॉ नीलम ठाकुर,डॉ गौरव कपूर व मंडी के प्रसिद्ध विद्वान हेमकांत कात्यायन, अनिल कुमार,रूप उपाध्याय, जगदीश कपूर, दक्षा शर्मा,सीमा देवी, मीना, चमन प्रेमी,महेंद्र सिंह,डॉ दायक राम, डॉ होशियार सिंह,अमन शर्मा सहित इतिहास विभाग के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।