शिमला: एचआरटीसी के कर्मचारियों के आरएम देवासेन नेगी के ट्रांसफर रोकने पर कर रहे विरोध प्रदर्शन पर आखिर परिवहन मंत्री ने चुप्पी तोड़ी है. बिक्रम सिंह ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को तल्खी दिखाते हुए सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि एचआरटीसी के कर्मचारियों का ऐसे विरोध प्रदर्शन करना दुर्भाग्यपूर्ण है, आर.एम. के तबादले का निर्णय बस चालक और परिचालक के हाथ में नहीं है, यदि कर्मचारियों ने यह विरोध प्रदर्शन जल्द वापस नहीं लिया तो इसके उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
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परिवहन मंत्री ने आगे कहा आरएम 15 साल से एक जगह पर नौकरी कर रहे हैं और उन्होंने जिस तरह की परिस्थितियां पैदा की है, उसकी गहनता से जांच की जाएगी और अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. सरकार तबादले कर के किसी अधिकारी को सजा नहीं देती है बल्कि अपने अधिकारियों का ध्यान रखती है. सरकार ने शिमला में अभी जिस अधिकारी को आरएम नियुक्त किया है वह कैंसर पीड़ित है बीमारी के चलते वह नेरवा नहीं जाना चाहते हैं.
परिवहन मंत्री ने आगे की साफ किया कि नेरवा में एचआरटीसी ने नई यूनिट खोली है, जिसके लिए एक अनुभवी वह वरिष्ठ अधिकारी की आवश्यकता है. आर.एम. देवासेन नेगी के अनुभव को देखते हुए उन्हें शिमला से नेरवा के लिए बदला गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि चालक परिचालक तबादले को लेकर बेवजह ही मुद्दा बना रहे हैं, 3 साल के बाद किसी भी कर्मचारी का तबादला किया जा सकता है. किस कर्मचारी को कहां भेजना है, कहां नहीं यह सरकार का निर्णय होता है.
परिवहन मंत्री ने बताया एचआरटीसी ने 205 नई बसें खरीदने का प्रावधान भी किया है. प्रारंभिक औपचारिकताएं पूर्ण की जा रही है, साथ ही अधिकतम किलोमीटर चल चुकी बसों का शॉर्टलिस्ट किया जा रहा है ताकि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके. आगे उन्होंने बताया कि एचआरटीसी की स्थिति कोरोना काल में खराब हो गई थी लेकिन अंतर राज्य रूटों के शुरू होने से सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं, परिस्थिति जल्द नियंत्रण में आई तो एसओपी के तहत निगम सभी रूटों पर बस सेवा शुरू करेगी. डिमांड के अनुसार बसों के रूट बढ़ाएं जा रहे हैं.