आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान एवं हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आपदा पर आधारित दो दिवसीय वार्तालाप एवं मंथन शिविर का समापन आज हिपा में किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्णा स्वरूप वत्स ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के आयोजन एवं शिविर प्रदेश में आपदा से निपटने के लिए कारगर साबित हो सकते है यदि हम यहां चर्चा की गई चीजों को धरातल पर उतारने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि उपस्थित सभी प्रतिभागियों से काफी अच्छे सुझाव प्राप्त हुए हैं जिससे हमें भी सीखने को मिला है।
इसी प्रकार महानिदेशक हिपा निशा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिविर के आयोजन से काफी सारी चीजें निकल कर सामने आई हैं। यहां पर प्राप्त अनुशंसाओं को हम सरकार को भेजेंगे ताकि नीति निर्माण में इनका सही उपयोग हो सके। सचिव प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश सरकार सी पॉल रासू ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा को न केवल भवन निर्माण के साथ जोड़ना चाहिए अपितु आपदा के विभिन्न क्षेत्रों के साथ जोड़कर देखने की आवश्यकता है ताकि आपदा का सही आकलन हो सके।
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निदेशक हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण डीसी राणा ने कहा कि अनुच्छेद 41 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण कार्यों को करने का प्रावधान है। इसके अंतर्गत किए गए प्रावधानों के अंतर्गत ही निर्माण कार्य का निष्पादन किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया।
बरसात के मौसम में पूरे प्रदेश में भारी आपदा के समय धरातल पर किए गए राहत कार्यों पर अधिकारियों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी। रोहित दुबे अधीक्षण अभियंता, जल शक्ति विभाग मंडी ने आपदा से पेयजल योजनाओं को हुई क्षति, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी शिमला ज्योति राणा ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूमिका, नगर निगम आयुक्त शिमला भूपेंद्र अत्री ने शहरों में भवन एवं आवास को हुई क्षति, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग कुल्लू ने आपदा से सड़कों, पुलों एवं रास्तों को हुई क्षति बारे, विकास ठाकुर हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड चंबा जोन ने क्षेत्र में भरी आपदा से हुई क्षति तथा अधीक्षण अभियंता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड चंबा राजीव कुमार ने आपदा से बिजली के क्षेत्र में हुई क्षति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं तथा इस संदर्भ में सभी अधिकारियों ने परियोजनाओं की बहाली में किए गए कार्यों एवं इससे संबंधित सिफारिशों पर भी अपनी बात रखी।