अभूतपूर्व संघर्ष, आखिर न्याय मिला, पढ़िए पूरी खबर 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
शिमला।  20 जून 1992 में तमिलनाडु के वचाती गाँव में 18 महिलाओं के बलात्कार की दरिंदगी हुई थी। चंदन की लकड़ी बरामद करने के बहाने गाँव में पुलिस, वन विभाग और राजस्व विभाग के लोगों ने गाँव में घुसकर वहशियाना कृत्य किये।
269 लोगों को आरोपी बनाया गया और 19 साल बाद उनको अदालत ने दंडित किया। ऐसे अनेक मामलों में प्रभावशाली अभियुक्त अमूमन कानून से बच निकलते हैं। परंतु वचाती कांड में ऐसा नहीं हुआ।आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलवाने में अखिल भारतीय किसान सभा, किसान सभा से संबंधित आदिवासी टराईबल एसोसिएशन, जनवादी महिला समिति और तमिल नाडु माकपा के संकल्पित संघर्ष की यह अभूतपूर्व सफलता थी।
दोषी व्यक्तियों ने उच्च न्यायालय में अपील की जोकि मद्रास हाईकोर्ट ने रद्द कर दी। प्रत्येक पीड़ित महिला को 10 लाख रु देने और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी का आदेश देने के साथ ही जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के खिलाफ भी कारवाई के आदेश दिए। तमिलनाडु सरकार द्वारा हाईकोर्ट के निर्णय को स्वीकार किये जाने के साथ न्याय की यह बड़ी जीत हुई है। अखिल भारतीय किसान सभा 21 अक्तूबर को देश के स्तर पर न्याय की जीत के आयोजन कर रही है।
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