वीर भूमि हिमाचल तुझे सलाम

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो विशे

वैदिक काल से अपनी समृद्ध संस्कृति को संजोए देवभूमि हिमाचल उन्नति और प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर होता हुआ स्वर्णिम भविष्य की गाथा लिख रहा है | पौराणिक गाथाओं एवं शक्तिपीठों के इतिहास से सिद्ध होता है की यह धरा कोई साधारण धरा नहीं और न ही भूमि का टुकड़ा है | यह वह धरा है जिसकी रचना स्वयं परमपिता परमेश्वर ने है जिसके कण-कण मे शंकर और शक्ति का वास है |

25 जनवरी को यह देवभूमि पूर्ण राजत्व के 50 वर्ष पूरे करने जा रहा है | 15 अप्रैल 1948 को राज्य गठन से आज तक जनमानस की मेहनत की पराकाष्ठा के परिणाम स्वरूप हमने दिन दुगनी रात चौगुनी उन्नति की है | पूर्ण राजत्व हासिल करना और गरिमा बनाए रखने की चुनौती दोनों के महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता | इस पावन अवसर पर कोटि-कोटि नमन श्रद्धेय आचार्य श्री दिवाकर दत्त शर्मा जी को जिन्होंने सुंदर, सुरमई वादियों एवं दिव्यता के अनुरूप प्रदेश का सार्थक नामकरण किया | 25 जनवरी , 1971 तक की असाधारण यात्रा यहां के पहाड़ों के समान दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और जन संघर्ष की कहानी बयान करती है | वे समस्त विभूतियां साधुवाद की पात्र है जिनके भागीरथ प्रयासों से प्रदेश का पूर्ण राजत्व का सपना साकार हुआ |

हिमाचल प्रदेश ने इस अल्प अवधि में देश के अग्रणी राज्यों में अपने आप को स्थापित किया है | प्रदेश की संपूर्ण प्रगति पर कई पुस्तकें लिखी जा सकती हैं | इस ऐतिहासिक पल पर एक छोटा सा प्रयास उन तमाम रणबांकुरो जिनकी बदौलत हम चैन की नींद सो रहे हैं को समर्पित है | एक ऐसा क्षेत्र जो न केवल हिमाचल प्रदेश को गौरवान्वित कर रहा है बल्कि अन्य बड़े-बड़े राज्यों के लिए भी आदर्श है| वह है हिमाचल का भारतीय सेना में योगदान | संघर्षशील हिमाचल महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं रणबांकुरो से प्रेरणा लेता रहा है, यही कारण है कि भारतीय सेना में हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से आनुपातिक भागीदारी बड़े-बड़े राज्यों से बहुत अधिक है |

एक छोटे से पहाड़ी राज्य जिसका गठन देश के 18 वे राज्य के तौर पर हुआ हो में एक लाख बीस हज़ार एक सौ बारह के लगभग पूर्व सैनिकों का होना ही अपने आप में कीर्तिमान है| वर्तमान में हजारों नौजवान भारत की सीमाओं के प्रहरी है| सेना में योगदान इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के प्रथम सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र से गौरवान्वित होने का सौभाग्य हिमाचल की शान मेजर सोमनाथ शर्मा जी को प्राप्त हुआ | शौर्य एवं पराक्रम के पुरोधा मेजर धन सिंह थापा, 24 वर्षीय कैप्टन विक्रम वालिया एवं सूबेदार संजय कुमार भी परमवीर चक्र से अलंकृत हुए | पराक्रम एवं कर्तव्यनिष्ठा की बदौलत हिमाचल के वीर जवान 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 11 महावीर चक्र , 23 कीर्ति चक्र, 95 शौर्य चक्र, 57 वीर चक्र, 526 सेना मेडल के अतिरिक्त विभिन्न श्रेणियों मे लगभग 1102 शौर्य पुरस्कार से विभूषित हुए | इस प्रकार आनुपातिक दृष्टिकोण से हिमाचल प्रदेश वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शिखर पर है |

अशोक चक्र मेजर सुधीर वालिया एवं 22 वर्षीय कैप्टन सौरभ कालिया की शहादत ने सर्वोच्च बलिदान की परंपरा को और गति दी | गत वर्ष मेजर अनुज सूद, 21 वर्षीय अंकुश ठाकुर , प्रशांत ठाकुर, 22 वर्षीय करनैल सिंह एवं रोहन कुमार के बलिदान के मंजर आज भी हमारे रोंगटे खड़े कर देते हैं | केवल कारगिल युद्ध में 52 हिमाचली नौजवानों ने राष्ट्र के नाम अपने प्राणों की आहुति दी | प्रत्येक युद्ध एवं ऑपरेशनो में हिमाचल के 1259 वीरों ने सर्वोच्च बलिदान देकर अमरत्व प्राप्त किया |यही कारण है हिमाचल ने देवभूमि के साथ-साथ वीर भूमि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की है |
परम देव शर्मा
प्रवक्ता
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजौली
7018910335