औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के प्रशिक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए 30 बागवान

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ये बागवान गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में लगाए जाने वाले औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के बारे में करेगे जानकारी हासिल 

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ये बागवान गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में लगाए जाने वाले औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती के बारे में करेगे जानकारी हासिल 

आदर्श हिमाचल ब्यूरो
हमीरपुर। औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई ‘महक’ योजना के तहत जिला हमीरपुर के 30 बागवानों को प्रशिक्षण के लिए लखनऊ के केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीआईएमएपी) में भेजा गया है।
बागवानी विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि इन बागवानों का सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर मंगलवार से आरंभ हो गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ये बागवान गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में लगाए जाने वाले औषधीय और सुगंधित पौधों की खेती, इनके प्रसंस्करण और विपणन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेेंगे। इनमें मुख्यत: वाइल्ड मैरीगोल्ड, जरेनियम, अश्वगंधा, एकोनिटम, शताबरी, एलोवेरा, ब्रह्मी, लेमन ग्रास, मुश्कबला और तुलसी इत्यादि की खेती की जानकारी शामिल होगी।

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राजेश्वर परमार ने बताया कि औषधीय और सुगंधित पौधों की व्यावसायिक खेती से किसान-बागवान अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर सरकार ने ‘महक’ योजना आरंभ की है।  उपनिदेशक ने बताया कि भारत में जड़ी-बूटियों एवं सुगंधित पौधों की खेती और उपयोग का इतिहास बहुत पुराना है। वैद्य और हकीम इन पौधों को चिकित्सीय उपयोग के लिए अपनी गृह वाटिकाओं में लगाया करते थे। अब इन पौधों की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए बागवानी विभाग इन पौधों की खेती को बढ़ावा दे रहा है।