इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा “आप माता-पिता के बिना नहीं है। राज्य सरकार ही आपकी माता और पिता है। इसलिए प्रदेश का मुखिया होने के नाते आपके साथ दीवाली मनाने आया हूँ। दीवाली का पर्व आपके जीवन में खुशियां लाए और राज्य सरकार भी इसी सोच के साथ कार्य कर रही है। जीवन में चुनौतियों का डटकर सामना करें क्योंकि चुनौतियाँ ही आत्मविश्वास पैदा करती हैं और जीवन को दिशा देती हैं।” ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आने वाले समय में राज्य सरकार एकल नारियों तथा मूक-बधिर बच्चों के लिए भी योजना लाने वाली है। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ इन योजनाओं में सुधार भी किया जाएगा।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले बालिका आश्रम टूटीकंडी आए, जो ऐतिहासिक है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सुखाश्रय योजना की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आपदा ने हिमाचल प्रदेश में बहुत नुकसान किया है, जिनकी भरपाई करने में वक्त लगेगा। लेकिन इसकके बावजूद राज्य सरकार जन कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार ज्वालामुखी और सुंदरनगर में अनाथ बच्चों के लिए दो स्टेट ऑफ द आर्ट आश्रम बनाने जा रही हैं, जिनकी आधारशिला जल्द ही करेगी। उन्होंने सभी को दीवाली की शुभकामनाएँ भी दीं।