आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला ।हिमाचल प्रदेश युवा मंच ने राज्य सरकार से सभी शिक्षकों की सेवा-निवृत्ति आयु बढ़ाने की पुरजोर मांग की है। मंच का मानना है कि यह निर्णय न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि उन युवाओं के लिए भी न्यायपूर्ण अवसर प्रदान करेगा जो प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में समय लेते हैं और 40 से 45 वर्ष की आयु में ही नौकरी में प्रवेश कर पाते हैं।
युवा मंच के अध्यक्ष साखी ने कहा:
> “राज्य में सरकारी नौकरी के चयन की प्रक्रिया कठिन और दीर्घकालिक होती है। हजारों युवा वर्षों तक मेहनत कर किसी शिक्षक पद पर चयनित होते हैं, लेकिन जब वे 40 या 45 वर्ष की आयु में नियुक्त होते हैं, तो उन्हें सेवा देने का बहुत सीमित समय मिलता है। ऐसे में यदि सेवानिवृत्ति की आयु को बढ़ाया जाए, तो न केवल शिक्षा को अनुभव मिलेगा, बल्कि इन ‘लेट-एंट्री’ युवाओं को भी उनका न्यायोचित सेवा अवसर मिलेगा।”
मंच ने यह भी सुझाव दिया कि सेवा-निवृत्ति की आयु सभी शिक्षकों—स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए समान रूप से बढ़ाई जाए, ताकि किसी भी स्तर पर भेदभाव न हो। इससे राज्य भर में प्रतिभाशाली, अनुभवी और समर्पित शिक्षकों की उपलब्धता बनी रहेगी।
युवा मंच के अनुसार, यह निर्णय निम्न लाभ देगा:
✅ लेट एंट्री वाले युवाओं को सेवा में अधिक समय मिलेगा।
✅ सरकार ने जिस शिक्षक को भर्ती किया है, उसका अनुभव लंबे समय तक राज्य को मिलेगा।
✅ शिक्षण संस्थानों में स्थायित्व और गुणवत्ता बनी रहेगी।
✅ वरिष्ठ शिक्षक नई पीढ़ी को बेहतर मार्गदर्शन दे सकेंगे।
जहाँ यह मांग समग्र शिक्षा तंत्र से जुड़ी है, वहीं मंच ने राजा वीरभद्र सिंह राजकीय महाविद्यालय सीमा की प्राचार्य डॉ. ललिता रावत के कार्यकाल विस्तार का भी समर्थन किया है। मंच के अनुसार, उन्होंने सीमित समय में संस्थान के शैक्षणिक और अधोसंरचनात्मक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका सेवा विस्तार प्रेरणा और प्रोत्साहन का प्रतीक होगा।
PTA, OSA और CSCA जैसे छात्र निकायों और कई शिक्षक संघों ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए राज्य सरकार से अपील की है कि सेवा-निवृत्ति आयु को यथाशीघ्र संशोधित किया जाए।
🔹 मुख्य मांगें
1. सभी शिक्षकों की सेवा-निवृत्ति आयु समान रूप से कम से कम एक वर्ष बढ़ाई जाए।
2. सरकारी सेवा में विलंब से आने वाले युवाओं को यह निर्णय एक बड़ा राहत देगा।