आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। यौन अपराध के प्रति सख्त रुख अपनाने और ऐसे अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए हिमाचल पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस मुख्यालय ने स्टैंडिंग आर्डर जारी कर सभी थानों में अब रजिस्टर नंबर 26 बनाने के लिए कहा है। इस रजिस्टर में थानाक्षेत्र के उन अपराधियों व अपराधों का पूरा ब्योरा दर्ज होगा, जो यौन अपराध से जुड़े होंगे।
पुलिस प्रवक्ता व एसपी कानून व्यवस्था डॉ. खुशहाल शर्मा ने बताया कि इस संबंध में आदेश सभी जिलों के एसपी को भेज दिए गए हैं। अभी तक हिमाचल में लागू होने वाले पंजाब पुलिस नियम के नियम 22.45 के प्रावधानों के अनुसार प्रत्येक थाने में 25 रजिस्टर तैयार किए जाते है। लेकिन यौन अपराधियों के लिए कोई अलग रजिस्टर बनाने का प्रावधान नहीं था।
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लेकिन पिछले कुछ सालों के आपराधिक आंकड़ों के विश्लेषण से पाया गया कि दुष्कर्म, छेड़छाड़, महिलाओं से क्रूरता और पॉक्सो अधिनियम के अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे सभी मामलों में प्राथमिकी दर्ज की जाती है और अन्वेषण पूरा होने के बाद अपराधियों के खिलाफ अदालतों में चालान प्रस्तुत किए जाते हैं। लेकिन सभी अपराधियों को सजा नहीं मिलती है। इसलिए इन अपराधों को अंजाम देने वालों को शत-प्रतिशत सजा दिलाने के उद्देश्य से अब इन सभी केसों की अलग से निगरानी की जाएगी।
इसी को देखते हुए डीजीपी संजय कुंडू की ओर से स्थायी आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें सभी को रजिस्टर नंबर 26 तैयार कर अपराध का विस्तार जिसमें एफआईआर का विवरण व उसके बाद का अन्वेषण, आरोपी का शारीरिक, सामाजिक व आर्थिक, भावनात्मक, मेडिकल व फोरेंसिक प्रोफाइल के अलावा आरोपी द्वारा अपराध करने के तरीके को दर्ज किया जाएगा। इससे यौन अपराधियों का एक डाटाबेस तैयार होगा हर थाने में एक अगस्त से यौन अपराधियों का रजिस्टर तैयार किया जाएगा।
अपराध का पीड़ित पर पड़ता है बहुत बुुरा प्रभाव
यौन अपराध/यौन हिंसा एक ऐसा भयावह अपराध है जिसका पीड़ितों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। यौन अपराध का प्रभाव पीड़िता पर जीवन भर सामाजिक शर्मिंदगी, अवसाद, चिंता और मानसिक उथल-पुथल के रूप में रहता है। ऐसे में इन मामलों को गंभीरता से लेना अति आवश्यक है।