शूलिनी विश्वविद्यालय में फिल्म प्रशंसा पर वेबिनार, मुख्य वक्ता डा. देवकन्या ने सिखाई फिल्म निमार्ण की बारिकियां

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शूलिनी विश्वविद्यालय में फिल्म प्रशंसा पर वेबिनार का आयोजन
शूलिनी विश्वविद्यालय में फिल्म प्रशंसा पर वेबिनार का आयोजन
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

सोलन। शूलिनी विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग द्वारा  गुरुवार को फिल्म प्रशंसा पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया । सत्र की मुख्य वक्ता हिमाचल की स्वतंत्र फिल्म निर्माता और लेखक डॉ. देव कन्या ठाकुर थी, जो शिमला के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की संस्थापक सदस्य भी हैं। उनकी फिल्मों, बिहाइंड द बार्ज (प्रथम) और नो वूमेन्स लैंड को स्पेशल मेंशन श्रेणी में सम्मानित किया गया है। उनकी फिल्म मोहरा को फिल्म की कहानी के लिए साहित्य अकादमी, हिमाचल प्रदेश पुरस्कार मिला है । डॉ. देव कन्या एक प्रसिद्ध लेखिका भी हैं और उनकी कविता “पहाड़ की औरत” को लाडली मीडिया अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इसके साथ ही डॉ. देव कन्या ठाकुर ने विभिन्न राष्ट्रीय मंचों पर कविता पाठ भी किया है।

मीडिया के छात्रों के साथ बातचीत करते हुए डॉ. देव कन्या ने साझा किया कि कैसे प्रतीकात्मकता का उपयोग करके फिल्मों में कहानी पेश की जाती है। उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म ‘टू’, ‘लाल होता दरखत’, और  ‘काउंटडाउन’ पर भी चर्चा की। डॉ. कन्या ने आगे कहा कि फिल्में और सिनेमा समाज का दर्पण हैं, हमें इसका सावधानी से उपयोग करना चाहिए क्योंकि इसका समाज पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न उत्तर सत्र में उन्होंने कहा कि फिल्म बनाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि क्या हम इस सामग्री को बिना नर्वस या शर्म के अपने परिवार के साथ देख सकते हैं।
इस सत्र में कुलाधिपति प्रो पी के खोसला और फाउंडेशन फॉर लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट की अध्यक्ष श्रीमती सरोज खोसला ने भी भाग लिया। सत्र का संचालन शूलिनी विश्वविद्यालय में रेडियो शूलिनी की प्रमुख सुश्री इंदु नेगी ने किया और कहा कि फिल्में मनोरंजन का बहुत प्रभावशाली स्रोत हैं और बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित करने की शक्ति रखती हैं।

वेबिनार का समापन पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के निदेशक प्रो. विपिन पब्बी की समापन टिप्पणी के साथ हुआ, उन्होंने कहा कि फिल्में और सिनेमा जनसंचार के दो प्रमुख माध्यम हैं जो समाज को बदलने की शक्ति रखते हैं। अगली पीढ़ी के छात्रों को सामग्री वितरण के बारे में सीखना चाहिए।