जानें विधानसभा की विशिष्ट अतिथि गैलरी में क्यों लगे ठहाके…

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हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र

आदित्य शर्मा

 

शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग के सहयोग से हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र में हिमाचल के कैबिनेट मंत्री एवं विधानसभा सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया था.विशेष बात यह रही की मंत्रियों की बैठने के जगह विशिष्ट गैलरी में रखी गयी थी, जब की बाल कैबिनेट सदन में उनकी जगह पर बैठकर प्रश्नकाल और नियम 324 की कार्यवाही का संपादन कर रही थी।

 

सत्र के शुरू होने से पहले मंत्रियों ने सदन में मौजूद सभी “बाल प्रतिनिधियों” से मुलाकात कर बच्चों द्वारा उठाये जा रहे मुद्दे व उनके विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं जानी. इतना ही नहीं मंत्री एवं विधायकों ने बच्चों से उनका चयन कैसे हुआ? उन्हें इस सदन के लिए कैसे तैयार किया गया? वह बड़े होकर क्या बनना चाहतें है जैसे कई सवाल किये और बच्चों के साथ समय बिताया. सत्र के संपादन के बाद बच्चों ने अपने पसंदीदा मंत्रियों एवं अपने क्षेत्र के विधायकों के साथ फोटोज एवं सेल्फी भी ली. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया से बात करते हुए सभी मंत्रियों ने इस ऐतिहासिक “बाल सत्र” के आयोजन को अभिनव प्रयास बताया, एवं ऐसे सत्र हर साल कराने का आग्रह किया।

 

डिजिटल बाल मेला की जान्हवी शर्मा ने बताया कि इस विशेष सत्र में खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह, चिकित्सा मंत्री धनी राम शाण्डिल, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान एवं शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर मौजूद रहे. इसी के साथ मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार, गगरेट विधायक चैतन्य शर्मा, नाहन विधायक अजय सोलंकी, हमीरपुर विधायक आशीष शर्मा, शिमला विधायक हरीश जनारथा, इन्दोरा विधायक मलेंदर राजन, श्री नेना देवी जी विधायक रंधीर शर्मा एवं लाहौल एवं स्पीती विधायक रवि ठाकुर भी इस सत्र का हिस्सा बने।

 

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इसी के साथ जब विशेष “बाल सत्र” के संचालन के समय उक्त मंत्री से जुड़े विभाग पर प्रश्न खड़े हुए तो अन्य मंत्री चुटकी लेते नज़र आये. गौरतलब है कि बच्चों द्वारा दिए गए सुझावों पर मंत्रियों की पैनी नज़र बनी हुई थी और इन्हें लागू करने के प्रयास हेतु मंत्री अपने नोट्स बना रहे थे. विपक्ष के धरना प्रदर्शन करते समय या सदन में अनुशासन हीनता के समय पूरी विशिष्ट अतिथि दिर्गाह ठहाकों से गूंज उठी।

 

बता दें कि “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” के अवसर पर आयोजित हुआ यह बाल सत्र देश का दूसरा एवं हिमाचल प्रदेश का पहला बाल सत्र था. इसके पहले डिजिटल बाल मेला और एल.आई.सी द्वारा राजस्थान विधानसभा “बाल सत्र” का आयोजन 14 नवम्बर 2021 में किया गया था. इसका स्वर्णिम अवसर बच्चों को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी जोशी ने दिया था।