झीलों एवं जलाशयों के आस-पास  बनाए जाएंगे ‘लेक टूरिज़्म’, पर्यटकों को करेंगे आकर्षित 

राज्य की अर्थव्यवस्था मज़बूत होने के साथ-साथ युवाओं के लिए भी खुलेंगे रोज़गार के अवसर

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पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ‘लेक टूरिज़्म’ को बढ़ावा देगा हिमाचल
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ‘लेक टूरिज़्म’ को बढ़ावा देगा हिमाचल

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

 

शिमला। पर्यटन क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नए बदलाव महसूस किए जा रहे हैं। आज देश-विदेश से आने वाले पर्यटक प्राकृतिक नज़ारों के आस-पास अपना प्रवास पसंद करते हैं। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने हिमाचल में स्थित झीलों, जलाशयों सहित अपने अन्य प्राकृतिक संसाधन एवं गंतव्य स्थल पर्यटकों के लिए और आकर्षक बनाने की पहल की है।

 

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गतिशील नेतृत्व में राज्य सरकार झीलों एवं जलाशयों के आस-पास ‘लेक टूरिज़्म’ विकसित करने की कार्य योजना पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण झीलों से पर्यटकों को आकर्षित करेगी। इसके तहत ज़िला कांगड़ा के पौंग बांध, कोल डैम जलाशय, तत्तापानी के गर्म पानी के चश्मे, ज़िला बिलासपुर में भाखड़ा जलाशय, कुल्लू-मनाली के समीप लारजी जलाशय और चंबा में चमेरा बांध जलाशयों में जल आधारित पर्यटन गतिविधियों जैसे हाउस बोट, क्रूज़ और यॉच इत्यादि के संचालन को बढ़ावा प्रदान किया जाएगा।

 

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ‘लेक टूरिज़्म’ को बढ़ावा देगा हिमाचल
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ‘लेक टूरिज़्म’ को बढ़ावा देगा हिमाचल

राज्य सरकार कृत्रिम जलाशयों को अभिनव पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। प्रदेश में पर्यटकों की यात्रा को अविस्मरणीय बनाने के लिए उन्हें जल क्रीड़ा गतिविधियां, मछली पकड़ने, पक्षी देखने, पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियों आदि जैसी साहसिक पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त कला एवं शिल्प केंद्र, शॉपिंग आर्केड और फूड-स्ट्रीट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जो पर्यटकों को एक अच्छा अनुभव प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के यादगार अनुभव प्रदान करने के अलावा उनकी यात्रा अवधि को और अधिक बढ़ाना है।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कृत्रिम जलाशयों के आस-पास पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों को होम स्टे, रेस्तरां, रिजॉर्ट्स और होटल इत्यादि स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा जिससे उनकी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि इन साहसिक गतिविधियों के संचालन के लिए नियम इत्यादि भी तैयार किए जा रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला प्रशासन को एक से दो किलोमीटर तक फैली कृत्रिम झील बनाने के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, नगरोटा में एक वेलनेस सेंटर, आकर्षक झरनों के साथ एक कृत्रिम झील की स्थापना के लिए 5.75 हेक्टेयर भूमि की पहचान भी की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ज़िला कांगड़ा के पौंग बांध में साहसिक पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 70 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे साहसिक गतिविधियों के शौकीन राज्य की ओर रूख करेंगे।

 

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं और राज्य सरकार यहां आने वाले पर्यटकों की यात्रा एवं उनके अनुभवों को अविस्मरणीय बनाने के लिए पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी पांच वर्षों में राज्य में पर्यटकों की आमद बढ़ाकर पांच करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था मज़बूत होने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।