आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला । दिसम्बर 2021 को एसएफआई हिमाचल प्रदेश का 21वां राज्य सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा के निजीकरण, केन्द्रीयकरण तथा भगवाकरण के खिलाफ संघर्ष तेज करने के नारे के साथ धूमधाम से सम्पन्न हुआ।
21वें राज्य सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 300 डेलीगेट्स ने भाग लिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा के निजीकरण, केन्द्रीयकरण व भगवाकरण के खिलाफ 21वें राज्य सम्मेलन के दौरान एसएफआई के अखिल भारतीय महासचिव कॉमरेड म्यूक विशवास ने अपनी बात रखते हुए कहा कि करते पूरे देश और प्रदेश के अंदर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह लचर हो गई है।
उन्होंने बताया कि सरकार लगातार सब्सिडाइज्ड एजुकेशन से अपने हाथ पीछे खींचते हुए शिक्षा को निजी क्षेत्र में सौंपने की तैयारी कर रही है। सरकार द्वारा लगातार उच्च शिक्षा के बजट के अंदर कटौती की जा रही है। जिस कारण उच्च शिक्षा आम आदमी की पहुँच से दूर होती जा रही है।
नई शिक्षा नीति 2020 पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के कई ऐसे महाविद्यालय जहां पर न तो पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर है और न ही सभी अध्यापकों के पद भरे गए है। कुछ महाविद्यालय ऐसे है जहाँ पर सिर्फ एक ही अध्यापक है। कई महाविद्यालयों के पास अभी तक अपना भवन तक न है। यह साफ दर्शाता है की सरकार का रवैया शिक्षा को लेकर कितना नकारात्मक है।
राज्य सचिव अमित ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के की स्थिति पर बात रखते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय आज के समय मे फर्जीवाड़े का अड्डा बन कर रह गया है। विश्विद्यालय में अयोग्य लोगों को धांधली करके भर्ती किया जा रहा है। विश्विद्यालय में पीएचडी के अंदर बिना एंट्रेस लिए नियमों को दरकिनार करते हुए एडमिशन की गई है।
राज्य सचिव अमित ने बताया आने वाले समय में प्रदेश के तमाम छात्र समुदाय को एकजुट करते हुए सरकार की इन छात्र विरोधी नीतियों के खिलाफ तेज करने की जरूरत है ताकि शिक्षा हर वर्ग के लोगों को आसानी से मिल सके।
21वें राज्य सम्मेलन द्वारा 43 सदस्यीय राज्य कमेटी का चुनाव किया गया तथा राज्य कमेटी द्वारा अपने 15 सदस्यीय सचिवालय का गठन किया गया।
21वें राज्य सम्मेलन द्वारा कॉमरेड रमन को राज्य अध्यक्ष तथा कॉमरेड अमित ठाकुर को राज्य सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। एसएफआई हिमाचल प्रदेश के नवनिर्वाचित राज्य अध्यक्ष कॉमरेड रमन थार्टा ने सम्मेलन का विधिवत समापन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा सरकार की अन्य छात्रविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने के लिए यह 21वां सम्मेलन एक मील का पत्थर साबित होगा और पूरे प्रदेश के छात्रों को इसके खिलाफ एकजुट करते हुए एक व्यापक आंदोलन किया जाएगा।