सशस्त्र सेना झंडा दिवस: देश के जवानों पर गर्व

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

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शिमला,स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर एनसीसी कैडेट्स, छात्रों, शिक्षकों, उच्च अधिकारियों व समस्त स्टॉफ के लोगों ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाते हुए भारतीय सेना के शूरवीरों और शहीदों को शत-शत नमन किया और सेवानिवृत्त सैनिकों, बहादुर योद्धाओं और उनके परिवारों के प्रति सम्मान को व्यक्त किया।

इस अवसर पर 7 एच. पी. (आई) कंपनी एनसीसी ग्रुप के अंतर्गत एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के एनसीसी आर्मी यूनिट के कैडेटों ने देश के वीर सैनिकों, शहीदों को याद करते हुए उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया और तिरंगे झंडे को सलाम किया तथा इस अवसर पर कैडेटों ने देश भक्ति गीत भी गाए। इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्ववविद्यालय के प्रति-कुलाधिपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर छात्रों, एनसीसी कैडेटों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस हमारे देश भारत के सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के प्रति कोटि-कोटि आभार व नमन करने का दिन है।

प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने कहा कि भारत को अपने वीर जवानों, सैन्य अधिकारियों की वीरता , उनके सेवाभाव, राष्ट्रभक्ति और निस्वार्थ बलिदान पर गर्व है। प्रो. चौहान ने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सभी भारतीय को भारतीय सेनाओं के कल्याण में योगदान दें और यह हमारे कई बहादुर जवानों और उनके परिवारों के प्रति एकता के भाव को व्यक्त करता है जिससे वे भी आश्वस्त हो जाते हैं कि सारा राष्ट्र उनके साथ खड़ा है।

इस अवसर पर एनसीसी अधिकारी व सीटीओ प्यार सिंह ठाकुर ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय सेना भारत की शान है

और सभी नागरिकों को सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों, अपंग भूतपूर्व सैनिकों, असहाय भूतपूर्व सैनिकों, आश्रितों और युद्ध विधवाओं के कल्याण हेतु धनराशि एकत्र कर सेना के कोष में योगदान करें यह हमारे वीर सैनिकों, शहीदों और भारतीय सेना के हर सैनिक से लेकर सैन्य अधिकारियों और उनके परिवार जनों और आश्रितों के प्रति सम्मान के रूप में सच्ची देशभक्ति व स्नेह है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन एकेडेमिक्स प्रो. डॉ. अनिल कुमार पॉल, विश्वविद्यालय सलाहाकार विक्रांत सुमन, डॉ. अश्वनी शर्मा, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक उपस्थित रहे।