आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग युवा अपनी प्रतिभा, मेहनत और लगन से सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। प्रदेश विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में पीएचडी की छात्रा, सामाजिक कार्यकर्ता, रक्तदाता और कवि प्रतिभा ठाकुर का चयन कॉलेज कैडर में सहायक प्रोफेसर (राजनीति विज्ञान) के पद पर हुआ है। वह 75 प्रतिशत दृष्टिबाधित है।
स्वयंसेवी संस्था उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मंडी के गांव मटाक, डाकघर- तरनोह की रहने वाली प्रतिभा ठाकुर अत्यंत प्रतिभाशाली छात्रा है। उसे पीएचडी के लिए नेशनल फैलोशिप भी मिली है। अपनी दिव्यांगता को उसने कभी भी राह की रुकावट नहीं समझा और हमेशा सभी परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कीं।
प्रतिभा ठाकुर के पिता खेमचंद्र शास्त्री मंडी में पत्रकार और मां सविता कुमारी सरकारी अध्यापिका हैं। उसने मंडी कॉलेज से राजनीति विज्ञान में एमए और बीएड भी किया। ‘हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में महिलाओं का मतदान व्यवहार’ विषय पर डॉ महेंद्र यादव के निर्देशन में पीएचडी कर रही है। बचपन से ही वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर उसने कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
अपनी सफलताओं का श्रेय प्रतिभा ठाकुर अपने माता-पिता, शिक्षकों और उमंग फाउंडेशन को देती है। उसका कहना है कि यदि उनसे कदम कदम पर सहयोग नहीं मिला होता तो वह आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाती। वह शिमला में उमंग फाउंडेशन के साथ जुड़कर सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेती रही और कई वर्षों से नियमित रक्तदान भी कर रही हैं।