चार साल बाद सुरेश भारद्वाज को याद आया जुब्बल-नावर-कोटखाई: कांग्रेस

शिमला : बिलासपुर श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जुखाला में आठ पंचायतों के लिए आयोजित 23वें जनमंच पर कांग्रेस ने सुरेश भरद्वाज पर तंज कसते हुए कहा है कि चार वर्षो तक जुब्बल-नावर-कोटखाई की सुध तक नही ली और उप चुनाव को देखते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को अब हमारे क्षेत्र की याद आई हैं.

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यह बात ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, ब्लॉक कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष मुन्नीलाल नरसेठ, पंचायत समिति जुब्बल-कोटखाई की अध्यक्षा रेखा चौहान, देविन्दर नेगी, निदेशक हिमाचल प्रदेश सहकारी, कृषि एवम् ग्रामीण विकास बैंक, भीम सिंह झौहटा निदेशक हिम्फेड़, कौशल मुंगटा जिला परिषद सदस्य सरस्वती नगर, नगर पंचायत कोटखाई की अध्यक्षा अंजली चौहान, उपाध्यक्ष प्रमोद वर्मा, यशवंत जस्टा उपाध्यक्ष पंचायत समिति आदि ने सँयुक्त ब्यान में कहीं.

1) चार वर्षो वर्ष बाद याद आया जुब्बल-नावर-कोटखाई

उन्होंने कहा कि सुरेश भारद्वाज के जिला शिमला से एकमात्र मंत्री होने से जहां सम्पूर्ण जिले के प्रति उनकी जिम्मेदारी बनती थी वहीं उनके कार्यकलापों से समस्त जिला शिमला के साथ जुब्बल-नावर-कोटखाई की जनता को भी घोर निराशा ही हाथ लगी हैं. एक ओर जयराम सरकार जिला शिमला के साथ हर क्षेत्र में भेदभाव करती रही दूसरी ओर सुरेश भारद्वाज धृतराष्ट्र बनकर देखते रहें. चार वर्षो के कार्यकाल में सुरेश भारद्वाज एक बार भी आधिकारिक दौरे पर जुब्बल-नावर-कोटखाई नहीं आएं और अब उप चुनाव को देखते हुए हितैषी बनने का नाटक कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि सुरेश भारद्वाज के पास शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण विभाग रहा और इनके कार्यकाल में जिला शिमला में एक शिक्षण संस्थान खुलना तो दूर की बात हैं प्रदेश भर में जिला शिमला के स्कुलों में सर्वाधिक अध्यापकों के पद रिक्त रहें.

2) मास्क वितरण पर गृह युद्ध छेड़ा और अब बनें एक-दूसरे के कर्णधार

उन्होंने कहा कि शिमला के मास्क वितरण के द्वन्द में सुरेश भारद्वाज और चेतन बरागटा के बीच डेढ़ वर्ष तक गृह युद्ध छिड़ा रहा. दोनों मुख्यमंत्री और पार्टी आलाकमान तक एक दूसरें की शिकायतें भी करते रहें और आएं दिन ये जंग अख़बारों में सुर्खियां पर रहा जिससे भाजपा की जग हसाई हुई. भाजपा के अंतर्कलह का जुब्बल-नावर-कोटखाई पर भी प्रतिकूल असर पड़ा. कोरोना काल के संकट में चेतन बरागटा जुब्बल-नावर-कोटखाई को छोड़ मास्क बांटने के बहाने शिमला में राजनीतिक ज़मीन तलाशने में लगे रहें और अब बदली परिस्थितियों में जुब्बल-नावर-कोटखाई आकर जनता को बनावटी विज़न दिखा रहें हैं. उन्होंने कहा कि अब सुरेश भारद्वाज और चेतन बरागटा जुब्बल-नावर-कोटखाई में उप-चुनाव को देखते हुए एक दूसरें के खे़वनहार बने हुए हैं मग़र ये पब्लिक हैं, सब जानती हैं.

3) बाग़वानों के प्रति उदासीन

उन्होंने कहा कि उपरी शिमला के बाग़वानों को उम्मीद थी कि मन्त्री सुरेश भारद्वाज सेब पर आएं संकट को दूर करने के लिए पहल करेंगे लेकिन वरिष्ठ मंत्री के नकारात्मक ब्यान से उनके ज्ञान और रुचि का पता चलता हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री ने अपने बयान के द्वारा जले पर नमक छिड़कने का काम किया हैं जो कि बाग़वानों के प्रति उदासीनता को दर्शाता हैं. उन्होंने कहा कि कीटनाशक- फफूंदनाशक दवाइयों पर अनुदान ख़त्म करना भाजपा सरकार का बागवान विरोधी निर्णय हैं.

4) भाजपा सरकार ने हार सामने देख टालें चुनाव

भाजपा सरकार प्रदेश में जहां जन आर्शीवाद यात्रा, स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा और जनमंच का आयोजन कर रही हैं वहीं मुख्यमंत्री और मंत्री भारी भीड़ इक्कठी कर जनसभाएं कर रहें हैं. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं प्रदेश सरकार कबायली ज़िलों में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवा रही हैं जिसमें कोरोना संक्रमण फ़ैलने का कोई भय नहीं जबकि हार सामने देख प्रदेश सरकार ने कोरोना का बहाना बना कर उप-चुनाव से हाथ खींच लिए हैं. उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव ने प्रदेश सरकार के इशारों पर केंद्रीय चुनाव आयोग को ग़ुमराह करने वाले तथ्यों देकर उप-चुनाव टालनें का कार्य किया हैं. उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जुब्बल-नावर-कोटखाई को मंत्री पद का झुनझुना दिया था और आज उप-चुनाव टाल कर भाजपा ने बिना विधायक की विधानसभा बना कर रख दी हैं.

5) चेतन बरागटा असंवैधानिक अधिकार (Unconstitutional Authority) से घोषणाएं कर रहें हैं और अधिकारियों को धमका रहें हैं

उन्होंने कहा कि आएं दिन जुब्बल-नावर-कोटखाई में चेतन बरागटा असंवैधानिक तरीक़े से स्वंयम्भू विधायक बनकर घोषणाएं कर रहें हैं जिसके कई वीडियो अक़्सर सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहें हैं. इतना ही नहीं चेतन बरागटा अपने चहेतों को लाभ पहुँचाने के लिए अफ़सरों को धमका रहें हैं.

अंत में उन्होंने कहा कि जुब्बल-नावर-कोटखाई की जनता कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मन बना चुकी हैं और भाजपा सरकार की उप-चुनाव से प्रेरित घोषणाओं में नहीं आने वाली. जनता बेसब्री से उप चुनाव का इंतज़ार कर रही हैं और जब भी चुनाव होगें जनता भाजपा सरकार से अपना हिसाब सूत समेत चुकता करेगीं.