आनी: PWD MINISTER विक्रमादित्य सिंह को सुनाई व्यथा, एक साल से ठप्प है सड़क की मैटलिंग का कार्य

मंत्री ने दिए आनी-बशता रूके पड़े कार्य को जल्द शुरू करने के दिए निर्देश  

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
आनी: सवार्धिक सेब बहुल क्षेत्र जाबन की जीवन रेखा आनी बशता सड़क मार्ग के बन्द पड़े टारिंग कार्य को जल्द शुरू करने की लोगों ने मांग की है। बन्द पड़े टारिंग कार्य को जल्द शुरू करने की मांग क्षेत्र की जनता के एक प्रतिनिधिमंडल ने ब्लॉक् कांग्रेस कमेटी आनी के उपाध्यक्ष सतपाल ठाकुर की अध्यक्षता में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के समक्ष भी आनी में रखी। जहां लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा को बुलाकर रुके पड़े कार्य को जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए।
क्षेत्र के लोगों ने लोक निर्माण मंत्री को कहा है कि इस सड़क की खस्ताहालत के कारण इससे लाभान्वित हो सकने वाली जाबन , नमहोंग, आनी ,तलूणा, दलाश आदि पंचायतों की हजारों आबादी को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा इसके उपमंडल मुख्यालय आनी के बराड स्थित जीरो पॉइंट से  सिविल अस्पताल आनी तक हर दिन दर्जनों अधिकारी गुजरते हैं। इस खस्ताहाल रास्ते से एसडीएम,बीडीओ ऑफिस,जलशक्ति विभाग और विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता .सहायक अभियंता.अस्पताल जाने  वाली एम्बुलेंस.स्कूलों को जाने वाले दर्जनों वाहनों के अलावा सैंकड़ों वाहन प्रितदिन गुजरते हैं।

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लेकिन बराड जीरो पॉइंट से अस्पताल तक सड़क इतनी खस्ता है कि एक बार यहां से गुजरने के बाद वाहन चालक तौबा कर लेता है। जिसकी दशा सुधारने को लेकर भी कई बार विभाग से आग्रह किया जा चुका है। लेकिन मामला सिरे न चढ़ता देख लोक निर्माण मंत्री से आनी में गुजारिश की गई। लोगों का कहना है कि यदि काम जल्द शुरू न हुआ तो 4 जून को हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का आनी के कराणा में श्रीमद भागवत के समापन समारोह में शामिल होने का कार्यक्रम प्रस्तावित है, जहां मंत्री से लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल फिर से मिलकर शिकायत करेगा।

वहीं इस बारे में पीडब्ल्यूडी के निरमण्ड मण्डल के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा का कहना है कि आनी-बशता सड़क के रुके पड़े मैटलिंग कार्य को जल्द शुरू किया जा रहा है। जिसको लेकर ठेकेदार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

2013-14 में लोकार्पित सड़क रही उदासीनता का शिकार

आपको बता दें कि आनी बशता सड़क निर्माण की गाथा 1977 में लिखनी शुरू हुई थी, लेकिन राजनीतिक कारणों और लोगों की उदासीनता के चलते इसका काम विवादों में अटका रहा। जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करोड़ों की लागत से बनी इस सड़क का लोकार्पण 2013-14 में कर दिया गया था। लेकिन इस सड़क के फेज टू का काम पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार की उदासीनता के चलते कछुआ गति से चलता रहा।

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सड़क दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती गयी। इस सड़क से आनी, तलूणा,जाबन,नमहोंग,दलाश आदि पंचायतों के सेब उत्पादक दर्जनों गांवों की हजारों आबादी लाभान्वित होती है। दर्जनों लोगों ने इस सड़क के निर्माण के लिए अपनी उपजाऊ जमीन दान की है और फलदार सेब के पौधों की बलि दी है। जबकि इस सड़क के बाद बनकर तैयार हुई कई सड़कें पक्की भी हो चुकी हैं। इसके काम को जल्द पूरा करवाने को लेकर लोगों को मजबूरन आनी बशता सड़क संघर्ष समिति का गठन भी करना पड़ा था।