आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। हिमाचल में मानसून के दौरान आई आपदा का असर सेब सीजन पर भी बखूबी पड़ा। शुरू में तो लगा इस बार सेब सीजन काफी बुरी तरह प्रभावित होने वाला है। लेकिन बागवानों ने संयम से काम लिया और खराब मौसम के दौरान बंद पड़ी सड़कों की वजह से सेब तुड़ान रोके रखा। हालांकि इस बार शुरू से सेब पर मौसम की मार देखने को मिली। सर्दियों में बागवान काफी खुश थे कि इस बार सेब के चिलिंग आवर पूरे होने की वजह से सेब की फसल अच्छी होगी लेकिन जिस वक्त फ्लावरिंग का दौर था उस समय भी लगातार खराब मौसम के कारण फ्लावरिंग प्रभावित हुई है। इस साल लगातार खराब मौसम ने फूलों पर परागकण टिकने नहीं दिया तो वहीं बाद में लगातार बारिश व ओलावृष्टि ने सेब का साइज भी सही से बढ़ने नहीं दिया।
अगर हम इस बार सेब सीजन की बात करें तो धीमी रफ्तार से शुरू सेब सीजन में 30 जून से 31 अगस्त यानि दो महीनों में प्रदेश की विभिन्न मंडियों में सेब की लगभग 74,45,108 पेटियां पंहुची हैं जो कि पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। पिछले साल वर्ष 2022 में 31 अगस्त तक 1.81 करोड़ बॉक्स मार्केट में पहुंच चुके थे। ये आंक़ड़े एचपी स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के हैं जो कि पूरे हिमाचल में सेब खरीद की निगरानी करता है। इस बार बड़े खरीरदार के तौर पर एपीएमसी ने भी तीन मुख्य मंडियों से सेब खरीद की शुरूआत की थी और लगभग 40 लाख सेब पेटियां एपीएमसी ने खरीदी है।
गौर रहे कि इस बार सरकार ने प्रदेश में किलों के हिसाब से सेब खरीद के निर्देश दे रखे हैं और जो आढ़ती इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाएगा उसका लाईसेंस रद्द कर कड़ी कार्रवाई अमल में लाने की बात भी बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी कई बार कर चुके हैं। एचपी स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार प्रदेश की प्रदेश की विभिन्न मंडियों में अभी तक 74,45,108 सेब पेटियों का कारोबार हुआ है। इनमें मुख्य तौर पर रोहड़ू, परमाणु, पराला, ढली, सोलन मंडी में बड़े पैमाने पर बागवान अपने सेब लेकर पंहुचे हैं।
एपीएमसी के वरिष्ठ मार्कटिंग अधिकारी अनिल चौहान ने बताया कि वैसे तो इस बार सेब सीजन लेट ही शुरू हुआ है बावजूद उसके उम्मीद है कि अब मौसम खुलने के बाद सेब सीजन रफ्तार पकड़ेगा। इस बार सीजन देरी से शुरू होने के कारण इसकी क्लोजिंग भी देरी से ही होगी। माना जा रहा है कि इस बार सेब सीजन नवंबर माह के अंत तक जा सकता है क्योंकि अभी भी अधिकतर बागवानों ने अपने सेब बागीचों में तुड़ान पूरा नहीं किया है। इस बार उम्मीद की जा रही है कि पौने दो करोड़ के आसपास सेब पेटियां मार्केट में पंहुचेंगी।