कोरोना के चलते बाहर से सेब सीजन में मज़दूरों को लाने के लिए जिला प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
विशेषर नेगी
रामपुर/शिमला। उच्च गुणवत्ता एवं मिठास के लिए मशहूर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर से सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है। इस बार किन्नौर जिला से करीब 33 लाख पेटी सेब मंडी पहुंचने का अनुमान है। सेब को समय पर मंडी पहुंचने के लिए करीब 8200 ट्रकों की जरूरत पड़ेगी। कोरोना महामारी के कारण बागवानों को सब से बड़ी समस्या सेब सीजन के लिए बाहरी राज्यों से मज़दूरों को पहुँचाना चुनौती हो गया था। इस से बागवानों की चिंता बढ़ गई थी। लेकिन बाहर से सेब सीजन में मज़दूरों को लाने में बागवानों को दिक्क़ते न हो इस के लिए जिला प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम किये है।
बागवानी विभाग के आंकड़ों के अनुसार ज़िले के तीन उपमंडलों में , कल्पा उपमण्डल में लगभग 14 लाख 35 हजार 800 बाॅक्स सेब निकलने का अनुमान है और इनको मण्डियों तक पहुंचाने के लिए 3 हजार 590 ट्रकों की आवश्यकता
होगी। इसी प्रकार निचार उपमण्डल में 6 लाख 7 हजार 500 सेब बाॅक्स
निकलने का अनुमान है इसकी ढुलाई के लिए 1519 ट्रकों की आवश्यकता होगी।
इसी तरह पूह उपमण्डल में 12 लाख 40 हजार सेब बाॅक्स की उम्मीद है जिन
की ढुलाई के लिए 3100 ट्रकों की आवश्यकता होगी।
किन्नौर के निचले हिस्से में सेब सीजन आरम्भ हो गया है। -ज़िलाधीश किन्नौर गोपाल चंद ने बताया कोविड के कारण सेब कारोबार के लिए मज़दूरों की कमी महसूस की जा रही थी। लेकिन अब यह समस्या दूर हो गई है। जहाँ बागवानों की ओर से मांग मज़दूरों की आ रही है उन की सहायता की जा रही है। उन्होंने बताया ज़िले के निचले हिस्सों से सेब मंडियों में जाना शुरू हो गया है , बागवानों को किसी भी तरह की समस्या आने नहीं दी जायेगी। सेब ढुलाई में वाहनों की कमी भी नहीं आने दी जाएगी।