आदर्श हिमाचल ब्यूरो
ऊना:ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशु पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने आज बांस व्यवसायी बैंबू इंडिया के योगेश शिंदे से वर्चुअल बैठक की। उन्होंने बताया कि ऊना जिला के बौल में शीघ्र ही बैंबू गांव स्थापित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बौल में बांस के उत्पाद बनाने के लिए संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा यहां पर गिफ्ट शाॅप भी बनाई जाएगी। इस परियोजना पर लगभग एक करोड़ 17 लाख रूपये की राशि व्यय की जाएगी। कृषि मंत्री ने बताया कि इस परियोजना को स्वंय सहायता समूहों की आजीविका के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंबू गांव में बैंबू ऑक्सीजन पार्क, नर्सरी तथा ट्रैकिंग के लिए रास्ता बनाया जाएगा। वहीं बौल में बांस के टूथ ब्रुश, मोबाईल स्टैंड, स्ट्रा, साबुनदानी, पेन स्टैंड तथा ईयरबड इत्यादि जैसे उत्पाद भी तैयार किए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इन उत्पादों की मार्किटिंग बैंबू इंडिया के माध्यम से की जाएगी तथा कंपनी यहां तैयार उत्पादों की शत-प्रतिशत मार्किटिंग के लिए तैयार है। साथ ही कंपनी स्वंय सहायता समूहों के सदस्यों को ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए भी राजी हो गई है। उन्होंने कहा कि जल्द बैंबू इंडिया के साथ एमओयू साईन किया जाएगा।
वीरेंद्र कंवर ने बताया कि बांस के उत्पाद प्लास्टिक का विकल्प बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि बांस से बने टूथब्रश की भारी मांग है। क्योंकि यह पर्यावरण मित्र होते हैं। उन्होंने कहा कि बैंबू गांव के स्थापित होने से ऊना पर्यटन के क्षेत्र में भी विकसित होगा तथा इस गांव को पर्यटन की दृष्टि से ही निर्मित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय स्वंय सहायता समूहों को भी इस परियाजना के साथ जोड़ा जाएगा तथा इससे स्वंय सहायता समूहों की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।
ग्रामीण विकास मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह परियोजना तय सयम सीमा के भीतर पूर्ण करें और इस क्षेत्र में संभावनाएं भी तलाशें। उन्होंने कहा कि स्थानीय बांस से उत्पादों को हिम-ईरा ब्रांड का नाम दिया जाएगा।
बैंबू इंडिया के योगेश शिंदे ने वर्चुअल बैठक में कहा कि जिला ऊना में बैंबू हब बनने की पूरी क्षमता है, यहां का बांस अच्छा है जिससे कई तहर के उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। योगेश शिंदे ने बांस उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि बांस एक पर्यावरण मित्र उत्पाद है, जिससे तैयार होने वाले उत्पाद पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते। शिंदे ने बताया कि वर्ष 2016 में उन्होंने बैंबू इंडिया कंपनी की शुरुआत की थी तथा आज उनकी कंपनी बांस के ऐसे प्रोडक्ट बनाती है, जो प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में सहयोग देते हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त ऊना राघव शर्मा, एडीसी डाॅ अमित कुमार शर्मा, जीएमडीआईसी अंशुल धीमान, पीओ डीआरडीए संजीव ठाकुर, मंडलाध्यक्ष मास्टर तरसेम लाल सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।