आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। एडीसी मनेश यादव ने वीरवार को यहां हमीर भवन में जिला स्तरीय समीक्षा एवं बैंक सलाहकार समिति की बैठक और नाबार्ड की एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम की कार्यशाला की अध्यक्षता की तथा जिला के बैंक अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए।
जिला स्तरीय समीक्षा एवं बैंक सलाहकार समिति की त्रैमासिक बैठक में गत 30 सितंबर को समाप्त हुई वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान बैंकिंग क्षेत्र से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उपलब्धियों की समीक्षा की गई तथा वर्तमान तिमाही में इनकी प्रगति को लेकर व्यापक चर्चा की गई।
एडीसी ने कहा कि जिला में दूसरी तिमाही में सभी बैंकों की जमा राशि 13974.82 करोड़ रुपये रही। सभी बैंकों के इस तिमाही के अंत तक 3381.28 करोड़ रुपये के ऋण थे तथा ऋण-जमा अनुपात 24.20 प्रतिशत रहा।
उन्होंने कहा कि जिला में बैंकों के ऋण-जमा अनुपात यानि सीडी रेशो में अभी भी काफी सुधार की संभावनाएं हैं।
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सीडी रेशो में सुधार के लिए सभी बैंक अधिकारी लोगों को अधिक से अधिक ऋण आवंटित करने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के लिए ऋण आवंटन में बिलकुल भी देरी नहीं होनी चाहिए। इन योजनाओं के लाभार्थियों को उदारता से ऋण दिए जाने चाहिए। जिला में ऋण आवंटन के संबंध में बैंक अधिकारियों को आ रही विभिन्न समस्याओं पर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई। इसके अलावा किसान क्रेेडिट कार्ड और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित विभिन्न बैंकिंग योजनाओं की समीक्षा भी की गई। एडीसी ने कहा कि आम लोगों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए तथा इन योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए।
नाबार्ड की एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेंटर स्कीम की कार्यशाला में एडीसी ने बैंक अधिकारियों के साथ-साथ कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं की जानकारी आम किसानों तक पहुंचाएं और उन्हें इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।
इस अवसर पर एडीसी ने नाबार्ड के क्रेडिट प्लान का विमोचन भी किया। बैठक में जिला अग्रणी प्रबंधक लक्ष्मी नारायण मित्तल ने दूसरी तिमाही की उपलब्धियों और विभिन्न बैंकिंग योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। नाबार्ड के डीडीएम सतपाल चौधरी ने नाबार्ड से संबंधित योजनाओं की ताजा स्थिति से अवगत करवाया।