बदस्तूर चले भ्रष्टाचार पर अब बीजेपी के दिग्गज शांता कुमार ने भी लगाई मोहर राणा

कहा…… विधानसभा में उठेगा बदस्तूर चल रहे भ्रष्टाचार का मामला

 

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

हमीरपुर। देश और प्रदेश में जारी भ्रष्टाचारी व घूसखोरी के बोलबाले पर अब बीजेपी के दिग्गज नेता शांता कुमार ने अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणने कहा कि वह लगातार बीजेपी सरकार में बदस्तूर चले भ्रष्टाचार पर जन आवाज को उठाते आ रहे हैं, लेकिन इस पर कोई सटीक कार्रवाई करने की बजाय सरकार के बचकाने बयान सामने आते हैं। जैसे कभी सरकार कहती है कि कांग्रेस की बातों पर उसने सोचना छोड़ दिया है, तो कभी सरकार को विपक्ष के सुझावों और सलाह पर गुस्सा आता है और अब स्थिति यह है कि बीजेपी के दिग्गज नेता शांता कुमार ने भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी सुप्रीमो अमित शाह को चिट्ठी लिखकर भ्रष्टाचार को लेकर चिंता प्रकट की है। स्वाभाविक है कि जब शांता कुमार जैसे सब्र व संतोष रखने वाले अनुभव प्राप्त नेता भ्रष्टाचार से आहत हैं, तो आम जन बेखौफ चले भ्रष्टाचार से कितना आहत और प्रताडि़त होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

राणा ने कहा कि जब-जब भी बीजेपी सरकार सत्ता में आई है तब-तब प्रदेश में जमीनों से लेकर आम कामों के लिए जम कर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मानों प्रदेश में बीजेपी ने सत्ता को ही भ्रष्टाचार का जरिया बना लिया है। अभी ताजा घटनाक्रम में जिस तरह जयराम सरकार के कैबिनेट मंत्री जमीनी विवाद के बाद विजिलेंस की जांच की जद में आए हैं, तो यह खुलासा हुआ कि सत्ता के दबाव और प्रभाव में अनुमति से कई गुणा जमीनें बेखौफ खरीदी गई हैं। सत्ता के दम पर लैंड होल्डिंग सीलिंग एक्ट की धज्जियां उड़ाई गई हैं। इस जमीनी भ्रष्टाचार में मंत्री के रिश्तेदारों को भी करोड़ों की बेश्कीमती जमीन खरीद के आरोप लगे हैं। राणा ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में जब जमीनी भ्रष्टाचार में सरकार के मंत्री शुमार हैं, तो जमीनी स्तर पर चले भ्रष्टाचार को कौन रोकेगा?

राणा ने कहा कि सवाल यह उठता है कि जब मंत्री पर विजिलेंस की जांच शुरू हो गई थी, तो मंत्री से इस्तीफा लेना जरुरी था, ताकि जांच प्रभावित न होती। मंत्री से इस्तीफा न लेना भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। जो सरकार की लचर व लापरवाह कारगुजारी को उजागर कर रहा है या यूं मानें कि नियमों को ताक पर रखकर प्रदेश में सत्ता संरक्षण में चले रहे भ्रष्टाचार का सिलसिला किसी भी जांच से रुकने वाला नहीं है?

राणा ने कहा कि इस मामले की विजिलेंस ने जांच पूरी करके सरकार को सौंप दी है। लेकिन मानव भारती यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री स्कैम, स्वास्थ्य विभाग घोटाला, ऊना जिला में कौडिय़ों की जमीन हिमुडा द्वारा खरीद घोटाला, एनआईटी हमीरपुर में भर्ती फर्जीवाड़ा, आईएमएम नाहन में मनमानी व राजस्व विभाग में बदस्तूर चल रहे घूसकांड की जांचें बताती हैं कि सरकार जांच के नाम पर महज लीपापोती करने में लगी है। राणा ने कहा कि बदस्तूर चले भ्रष्टाचार से प्रदेश की छवि लगातार दागदार हुई है। कैबिनेट मंत्री के जमीनी विवाद पर अभी तक सरकार की ओर से कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं हो पाई है। मानव भारती यूनिवर्सिटी में सरकार कुछ लोगों को बचाने के प्रयास में इस मामले को सीबीआई को सौंपने से लगातार गुरेज कर रही है। सरकार में चले भ्रष्टाचार के बीच दलालों, माफियों का बोलबाला प्रदेश में अराजकता व आक्रोश बढ़ा रहा है। इन सब मामलों को लेकर विपक्ष सरकार को विधानसभा में घेरेगा, ताकि भ्रष्टाचार के नासूर से जनता को निजात मिल सके।