अर्की उपचुनाव में भाजपा अच्छे मार्जिन से करेगी जीत दर्ज : बिंदल

शुक्रवार को 10 बजे होगा नॉमिनेशन, मुख्यमंत्री व सुरेश कश्यप भी होंगे मौजूद

शिमला: प्रदेश में होने जा रहे उपचुनाव के मद्देनजर भाजपा ने रणनीतियां बनानी शुरू कर दी है. सोलन जिला के अर्की विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में भावी प्रत्याशी रतन पाल को जिताने के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी है. अर्की उपचुनाव प्रभारी डॉ राजीव बिंदल रण क्षेत्र के लिए रवानगी ले चुके हैं. इससे पहले उन्होंने पत्रकारों से हुई एक अनौपचारिक बातचीत में भाजपा प्रत्याशी की बड़े अच्छे माध्यम से जीत का दावा भी किया है.

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उन्होंने बताया कि अर्की उपचुनाव के लिए भाजपा की टीमें सुसज्जित हो चुकी हैं. विधानसभा क्षेत्र को चुनाव की दृष्टि से अलग-अलग सेक्टरों में बांट दिया गया है. उन्होंने बताया कि आज वीरवार की देर शाम तक सभी सेक्टर प्रभारी पहुंच जाएंगे. अर्की भाजपा चुनाव प्रभारी डॉ राजीव बिंदल ने बताया कि 8 अक्टूबर शुक्रवार को भाजपा प्रत्याशी का नॉमिनेशन फाइल किया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप सहित कई नेता प्रत्याशी के साथ मौजूद रहेंगे.

भाजपा में बगावत की बात पर उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को ऐसी घुट्टी पिलाई जाती है जो कि बीजेपी में ही जीता है और बीजेपी में ही रहता है. नाराजगी और बगावत का तो संगठन में सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने कहा कि अगर कुछ मत भेद होंगे भी तो उन्हें मना लिया जाएगा. उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस का बहुत बड़ा वर्ग टिकट ना मिलने से काफी खफा है. बिंदल ने कहा कि कांग्रेस के उन दावेदारों की नाराजगी को बर्दाश्त करनी पाना इनके लिए बड़ा कठिन होगा.

बरहाल अर्की उपचुनाव में रतन सिंह पाल का टिकट फाइनल हो जाने के बाद से भाजपा का दूसरा बड़ा गुट काफी नाराज हो चुका है. सूत्रों की माने तो क्षेत्र की एक महिला नेत्री पूर्व मंडल अध्यक्ष करीब 22 वर्षों से एडी केएम के प्रधान रहे एक नेता सहित दो ठाकुर भाजपा के प्रत्याशी से बुरी तरह खफा है. महिला नेत्री तो खुद अपने दम पर जिला परिषद आजाद जीती है. क्योंकि भावी प्रत्याशी को संगठन मंत्री के काफी करीबी माना जाता है. और आर्थिक कल्याण संस्था जिसमें भाजपा का एक बड़ा वर्ग शामिल हो चुका है. इन सब को मना पाना क्या डॉक्टर बिंदल के लिए आसान होगा या नहीं. चाहूंगी प्रदेश अध्यक्ष और डॉक्टर राजीव बिंदल की रणनीतियां यह तो वक्त ही बताएगा. अब यदि यह सीट भाजपा निकाल लेती है तो जीत का सेहरा संगठन मंत्री के सर बंधेगा और हार का ठीकरा किसके सर बनेगा यह सब जानते हैं.