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छात्रों की मांगों को लेकर विद्यार्थी परिषद ने उपयुक्त कार्यालय के बाहर किया धरना प्रदर्शन

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला ।  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला शिमला द्वारा उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदेश स्तरीय विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया । विद्यार्थी परिषद छात्रों की मांगों को लेकर निरंतर संघर्ष करती आ रही है |

 

जिला संयोजक दिविज ठाकुर द्वारा कहा गया कि वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार छात्र संघ चुनाव को प्रदेश भर मे बंद किया गया था जो अभी तक बहाल नहीं किए गए है। विद्यार्थी परिषद वर्षों से छात्र संघ चुनाव बहाल करने की प्रदेश सरकार से मांग करती आ रही है ताकि छात्रों की समस्या का अच्छे से समाधान हो सके। अगर प्रदेश सरकार छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं करती है तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में उग्र से उग्र आंदोलन करेगी। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि प्रदेश में दिन प्रतिदिन कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। प्रदेश में दिन प्रतिदिन अपराधिक घटनाएं और गैर कानूनी कार्य हो रहे हैं हिमाचल प्रदेश एक शांतिप्रिय राज्य है अगर प्रदेश में इस प्रकार से ही अपराधिक घटनाएं वह गैर कानूनी कार्य होते रहे तो वह दिन दूर नहीं जब हिमाचल प्रदेश एक असुरक्षित राज्य बनेगा। प्रदेश में दिन प्रतिदिन खनन माफिया के भ्रष्टाचार बढ़ते जा रहे हैं।

 

विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है कि खनन माफिया के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई “जॉब ट्रेनी” पॉलिसी का कड़े शब्दों में विरोध करती यह एक युवा विरोधी पॉलिसी है और युवाओं के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड़ जो प्रदेश सरकार कर रही है विद्यार्थी परिषद इसका कड़े शब्दों में विरोध करती है और प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि इस पॉलिसी को वापस लिया जाए ।

 

शिमला महानगर मंत्री कुणाल द्वारा कहा गया कि शिक्षण संस्थानों की तालाबंदी जो प्रदेश सरकार कर रही है वह निंदनीय है जिसका विद्यार्थी परिषद कड़े शब्दों में विरोध करती। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है कि मंडी जिला मे जो लोग आपदा से प्रभावित हुए है उन लोगों को प्रदेश सरकार उचित मुआवजा उपलब्ध करवाया जाए। अगर प्रदेश सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करती है तो विद्यार्थी परिषद आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार की होगी

तीन विषय विशेषज्ञों की एक साथ उपनिदेशक (उद्यान) पद पर पदोन्नति — बागवानी विभाग के लिए गौरव का क्षण

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला । हिमाचल प्रदेश बागवानी विभाग के लिए यह अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है कि विभाग के तीन वरिष्ठ विषय विशेषज्ञों को एक साथ उपनिदेशक (उद्यान) या समकक्ष पद पर पदोन्नत किया गया है। यह निर्णय विभागीय पदोन्नति समिति की अनुशंसा पर राज्यपाल महोदय द्वारा तत्काल प्रभाव से जारी किया गया।

पदोन्नत अधिकारियों में शामिल हैं

शमशेर सिंह, एसएमएस (फल प्रसंस्करण), जो वर्तमान में रिकांगपिओ, जिला किन्नौर में कार्यरत थे, को उपनिदेशक (पौध संरक्षण), निदेशालय शिमला-2 के रूप में तैनाती दी गई है।


राज कुमार, एसएमएस (मार्केटिंग), जो एडीएच काँगड़ा के अधीन कार्यरत थे, को उपनिदेशक उद्यान, जिला कुल्लू के पद पर तैनात किया गया है।

 

अलक्ष पठानिया, एसएमएस (फल प्रसंस्करण), एफसीयू राजपुरा, जिला चम्बा से उपनिदेशक उद्यान, जिला काँगड़ा (धर्मशाला) के पद पर नियुक्त किए गए हैं।

 

बागवानी सेवा संघ, हिमाचल प्रदेश की ओर से तीनों अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण पदोन्नति पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित की जाती हैं। यह पदोन्नति उनकी सेवाओं, समर्पण एवं विशेषज्ञता का प्रतीक है।

संघ के अध्यक्ष डॉ. रंजन शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. शमशेर सिंह डेरु, उपाध्यक्ष डॉ. समीर सिंह राणा, महासचिव डॉ. कुशाल सिंह मेहता, वित्त सचिव डॉ. अजय रघुवंशी, सचिव डॉ. जीना बन्याल, सदस्य डॉ. राजेश भागटा, डॉ. शैलजा राणा एवं प्रेस सचिव डॉ. राहुल चौधरी सहित अन्य पदाधिकारियों ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए तीनों अधिकारियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दी हैं।

संघ ने इस अवसर पर माननीय बागवानी मंत्री श्री जगत सिंह नेगी जी का विशेष आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने अपने कार्यकाल में बागवानी सेवा संघ की मांगों को गंभीरता से संज्ञान में लिया तथा विभागीय कर्मचारियों एवं बागवानों के हित में अनेक दूरगामी एवं ऐतिहासिक निर्णय लिए।

बागवानी सेवा संघ इस निर्णय को न केवल विभागीय कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने वाला कदम मानता है, बल्कि इसे बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए एक सकारात्मक संकेत भी मानता है।

सेब की बर्फी बना रहा जय देवता जाबल नारायण स्वयं सहायता समूह रोहडू ।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला । हिमाचल प्रदेश का जिला शिमला जहाँ एक ओर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है वहीं सेब उत्पादकता के लिए भी यह जिला अपनी विशेष पहचान रखता है। सेब की विभिन्न किस्में बाजार में उपलब्ध रहती हैं और सेब से जुड़े अनेकों उत्पादों का आपने कभी न कभी जीवन में आंनद लिया ही होगा। लेकिन आप में से बहुत कम ऐसे लोग होंगे जिन्होंने कभी सेब की बर्फी का स्वाद चखा होगा। जिला शिमला अब सेब की बर्फी के लिए भी मशहूर होने लगा है।

 

 

जिला शिमला के आकांक्षी खंड छोहारा के तहत एक स्वयं सहायता समूह ऐसा है जो पिछले कुछ सालों से सेब की बर्फी तैयार करके लोगों तक पहुंचा रहा है। सेब की बर्फी को जिसने भी खाया है उसने बेहद पसंद किया है। सेब की बर्फी लोगों के दिलों के पास पहुंच रही है। इस बर्फी को ऑर्गेनिक तौर पर तैयार किया जाता है।

ऐसे बनती है सेब की बर्फी

समूह की सदस्य सपना ने जानकारी देते हुए बताया कि हम सबसे पहले सबसे अच्छे सेब एकत्रित करते है। पहले चरण में इन्हें तीन चार बार स्वच्छ पानी के साथ धोया जाता है। दूसरे चरण में सेब से पल्प निकाला जाता है। पल्प निकालने के बाद काफी देर तक पकाया जाता है। इसके बाद ड्राई फ्रूट मिलाए जाते है। फिर पल्प और ड्राई फ्रूट दोनों को पकाया जाता है। काफी देर तक पकाने के बाद जब रंग गहरा भूरा हो जाता है तो फिर पकाना बंद कर दिया जाता है। इसके बाद इसके प्लेट में तीन से चार दिनों तक रख दिया जाता है। फिर सेब की बर्फी बनकर तैयार हो जाती है। इसके तुरंत बाद छोटे-छोटे पीस में काटकर डिब्बे में पैकिंग की जाती है।

एक साल तक नहीं लगती फंगस

स्वयं सहायता समूह के अनुसार वह पिछले तीन सालों से सेब की बर्फी बना रहे है। यह बर्फी एक साल तक बिना फंगस के रहती है और बिलकुल भी खराब नहीं होती है, जबकि इसका स्वाद एक दम ताजा ही रहता है। इसकी डिमांड अब बढ़नी शुरू हो गई है।

आकांक्षी हाट में खरीद सकते सेब की बर्फी

अगर आप सेब की बर्फी का स्वाद चखना चाहते है तो रिज मैदान के साथ पदमदेव परिसर में छौहारा और कुपवी आकांक्षी विकास खंड की ओर से लगाए गए ‘आकांक्षी हाट’ में जय देवता जाबल नारायण स्वयं सहायता समूह के स्टॉल पर खरीद सकते है। इसका एक डिब्बा 325 रुपए का बेचा जा रहा है। वहीं अगर आनलाईन भी सेब की बर्फी मंगवानी हो तो समूह आनलाईन भी डिलीवरी भिजवा देता है।

मटर की खेती से बर्फी तक सफर

सेब की बर्फी तैयार करने वाले स्वयं सहायता समूह का सफर काफी प्रेरणादायक है। वर्ष 2019 में जाबली गांव की 05 महिलाओं ने जय देवता जाबल की जमीन पर एनआरएलएम के माध्यम से मिली 15000 रुपए की वित्तीय सहायता से मटर की खेती शुरू की थी। समूह ने पहली ही फसल में 75 हजार रुपए की कमाई की थी। इसके बाद अगले वर्ष 75 हजार रुपए की फसल लगाने के बाद ढाई लाख रुपये की आय हुई। फिर समूह ने 30 हजार रुपए जय देवता जाबल के मंदिर में दे दिए और खेती करना बंद कर दिया। फिर समूह ने फैसला किया कि एप्पल सीडर विनेगर बनाएंगे। समूह ने प्राकृतिक तौर पर एप्पल सीडर का उत्पादन शुरू किया। इससे महीने की 10 हजार रुपए के आसपास आय होना शुरू हो गई। धीरे-धीरे समूह ने सेब जैम, सेब की चटनी, ड्रायड सेब, सेब का आचार, पिअर जैम, पिअर चटनी, ड्राय पिअर, मूली का आचार, लिंगड़ का आचार, बुरांश का जूस और सेब की बर्फी बनाना शुरू कर दिया।

समूह की प्रधान आशु ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि सेब की बर्फी की मांग काफी बढ़ रही है। हर महीने करीब 25 हजार रुपए की बर्फी कुल्लु जिला में भेजी जाती है। इसके अलावा कामधेनु में भी भेजी जाती है। स्थानीय स्तर पर भी हम सेब की बर्फी बेच रहे है। सेब की बर्फी बनाने में काफी मेहनत लगती है। ऐसे में दाम भी उसी तरह तय किए गए है। प्रदेश सरकार और प्रशासन के हम आभारी है जो हमें समय-समय पर मेलों और कार्यक्रमों में मुफ्त स्टॉल लगाने देते है।

एग्जीक्यूटिव, एनआरएलएम मिशन छौहारा कुशाल सिंह ने कहा कि हमारे स्वयं सहायता समूह मुख्य रूप से आजीविका को बढ़ा रहे हैं। जनजातीय क्षेत्र डोडरा क्वार क्षेत्र में भी इसी तरह के स्वयं सहायता समूहों के लिए नए अवसर मुहैया करवाए जाएंगे ताकि हमारी ग्रामीण दीदियां मजबूत हो सके और आत्मनिर्भर बनकर नई पहचान बना सके।

उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला भर में स्वयं सहायता समूह बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं। हमारी प्राथमिकता स्वयं सहायता समूहों को मूलभूत सुविधाएं, प्रशिक्षण मुहैया करवाना है। इसके अलावा समय-समय पर उनके लिए स्टॉल लगाने की सुविधा मुहैया करवाई जाती है। जिला में स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए जा रहे कई उत्पादों की मांग देश दुनिया में भी होने लगी है।

1999 में जब मैं मुख्यमंत्री बना तो पूरा लॉटरी सिस्टम हमने बंद किया : धूमल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार की चार दिवसीय महामंथन मंत्रिमंडल बैठक का सबसे प्रमुख निर्णय, प्रदेश में लॉटरी को पुनः आरंभ करने की निंदा करते हुए कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय से हिमाचल प्रदेश केवल मात्र बर्बादी की ओर बढ़ेगा।

 

प्रो धूमल ने कहा कि आज से 30 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1996 को माननीय उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चल रही सिंगल डिजिट लॉटरी की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके उपरांत जब मैं स्वयं 1998 में पहली बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना उसके अगले वर्ष 1999 में हमारी भाजपा सरकार ने एक मत में निर्णय लिया की हिमाचल प्रदेश में पूरा लॉटरी सिस्टम बंद कर दिया जाएगा।

 

उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल मात्र एक निर्णय नहीं था, अपितु पूरे प्रदेश को बर्बादी से बचाने की एक दूरगामी सोच थी। उसे समय हिमाचल प्रदेश की सभी श्रेणियों के कर्मचारियों, सेवानिवृत कर्मचारी, मजदूरों एवं युवाओं ने बड़ी संख्या में लॉटरी खरीदनी शुरू कर दी थी, जिसके कारण कर्मचारियों की सैलरी, युवाओं की बचत, सेवानिवृत की पेंशन और मजदूरों का पैसा दाव पर लग गया था और कई परिवार एवं घर तबाह हो गए थे। इस अभिशाप लॉटरी की आदत हिमाचल प्रदेश की जनता को ना लग जाए इसलिए जनहित में लॉटरी को बंद किया गया था।

 

उस समय कई कर्मचारी एवं सेवानिवृत कर्मचारियों ने अपना वेतनमान एवं रिटायरमेंट की कमाई लॉटरी में गंवा थी।

प्रो प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 2004 में कांग्रेस की सरकार ने लॉटरी को फिर शुरू किया और उसके उपरांत तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा इस लॉटरी सिस्टम के ऊपर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। शायद पूर्व मुख्यमंत्री को भी समझ आ गया था की लॉटरी एक अभिशाप है। उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश को केवल मात्र इससे लगभग चार-पांच करोड़ की आमदनी हुआ करती थी।

 

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में कुल 231180 कर्मचारी काम कर रहा है, जिसमें से 160000 पक्के कर्मचारी है। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में 9 से 10 लाख बेरोजगार है जिनको इस लॉटरी प्रथा से बड़ा खतरा है, जिससे इनका जीवन दाव पर लग सकता है। हिमाचल की कांग्रेस की सरकार सत्ता में प्रथम कैबिनेट में 1 लाख युवाओं को और 5 साल में 5 लाख युवाओं को पक्की नौकरी देने के वादे पर सत्ता में आई थी पर असलियत जिस प्रकार से निकल कर सामने आ रही है की हिमाचल प्रदेश शराब, चिट्टा, भांग, नशा और लॉटरी का गढ़ बनता दिखाई दे रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि इस प्रकार के जन विरोधी निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस ले।

मीडिया के अनेक साथियों की प्रताड़ना स्वीकार नहीं : बिंदल

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार निरंतर जो भी व्यक्ति जनता के हित की आवाज को बुलंद कर रहा है उसकी आवाज को दबाने और उस व्यक्ति पर मुकदमे बनाने के अंदर महारत हासिल कर चुकी है।

 

बिंदल ने कहा कि मीडिया के अनेक साथियों की प्रताड़ना करना उनके ऊपर मुकदमे बनाने का काम पिछले ढाई एवं पौने तीन साल में वर्तमान कांग्रेस की सरकार ने किया है। आज एक और नया कीर्तिमान कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने किया है। जहां संवाद भारत और पंजाब केसरी के संजीव शर्मा दो महत्वपूर्ण मीडिया के जो स्तंभ है उनके खिलाफ एक झूठा मुकदमा दायर करके मीडिया की आवाज को दबाने का एक प्रयास किया गया है, यह निंदनीय यह एवं असहनीय है।

 

 

उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है और मीडिया की आवाज को दबाकर आप हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ जो कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार अन्याय कर रही है उसको छुपा नहीं सकते। इसलिए यह जो मीडिया के साथ जो व्यवहार कांग्रेस की सरकार कर रही है, भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में इसकी निंदा करती है।

ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज के अर्हान रोहता ने रीजनल CISCE शूटिंग टूर्नामेंट में जीता स्वर्ण पदक

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। ऑकलैंड हाउस स्कूल फॉर बॉयज के छात्र मास्टर अर्हान रोहता ने रीजनल CISCE शूटिंग टूर्नामेंट में अंडर-14 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर विद्यालय और क्षेत्र का नाम रोशन किया है। यह प्रतियोगिता पठानकोट स्थित अल्पाइन स्टॉक वर्ल्ड स्कूल में आयोजित की गई थी

 

प्रतियोगिता में उत्तर क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों से 108 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिससे यह मुकाबला बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। अर्हान ने अपनी सटीक निशानेबाजी, एकाग्रता और अनुशासन के माध्यम से खुद को एक उदीयमान युवा निशानेबाज़ के रूप में स्थापित किया।

 

इस उपलब्धि के साथ अर्हान अब राष्ट्रीय स्तर की CISCE शूटिंग चैम्पियनशिप में उत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे।
विद्यालय परिवार उनकी इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर गर्व करता है और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है। यह सफलता स्कूल के आदर्श वाक्य “Altiora Peto” – “मैं ऊँची चीज़ों की खोज करता हूँ” की सच्ची मिसाल है।

कांग्रेस सरकार दमनकारी सरकार, एफआईआर और चार्जशीट वाली सरकार

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने हिमाचल प्रदेश में लॉटरी शुरू होने पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब प्रदेश में ले लो सुखों की लॉटरी ले लो के स्वर उठाएंगे।

 

 

कांग्रेस सरकार 1 लाख पक्की नौकरी देने के वादे पर सत्ता में आई थी पर अब प्रदेश के बेरोजगारों को लॉटरी की ओर धकेल रही है, ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार पेपर की तैयारी नहीं करेंगे पर अपना जीवन दाव पर लगा देंगे। डॉ बिंदल ने दावा किया कि जब भाजपा की सरकार सत्ता में आएगी तो ऐसे फैसले वापस लेगी, 1998 में जब प्रो प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने थे तो लॉटरी को बंद कर दिया गया था, 2004 में कांग्रेस ने लॉटरी को शुरू किया और 2007 में वीरभद्र सिंह ने फिर बंद किया।

 

डॉ बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शराब, चिट्टा, भांग और लॉटरी का अड्डा बन गया है। कांग्रेस सरकार की राज में लोक निर्माण विभाग की जमीनों पर अति सुंदर शराब के ठेके खोल दिए गए हैं, पर अगर छोटा सा व्यक्ति वहां मक्की बेच तो उसका चालान हो जाता है।

 

बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में दमनकारी सरकार चल रही है जिसका काम एफआईआर और चार्जशीट बनाना है। जो सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसपर एफआईआर, ट्रांसफर या फाइल खोल दी जाती है, जो लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरते हैं उनके खिलाफ मुकदमें बना दिया जाता है, राजनीतिक प्रतिद्वंदियों पर गलत मुकदमे बना दिए जाते हैं इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिरमौर में हुई एफआईआर है। थुनाग में जिन लोगों के परिवार, घर और जमीने आपदा में चली गई उनके खिलाफ तिरंगे की आड़ में 72 लोगों पर देशद्रोह के झूठे मुकदमे बना दिए गए और एक व्यक्ति तो जेल में भी है, अब वह लोग घर देखेंगे या जेल। बिंदल ने ऐलान किया कि इस दमनकारी सरकार के खिलाफ 6 अगस्त को मंडी में भाजपा एक विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन करेगी।

 

 

बिंदल ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार को बताना होगा की आपदा के समय अभी तक उन्होंने स्टेट हेड के अंतर्गत कितना पैसा खर्चा है ? हमारी जानकारी के मुताबिक 2022 से 2025 तक वर्तमान कांग्रेस सरकार ने केवल 150 करोड़ खर्च है, पर इसके विपरीत केंद्र सरकार ने 7513 करोड़ दिया है और इसके अलावा मनरेगा और एक लाख आवास योजना के घर अलग है। अब तो भाजपा के नेताओं के आग्रह पर बीबीएमबी यानी भाखड़ा ब्यास बोर्ड भी हिमाचल को आपदा के समय सहयोग देने को तैयार है, इस बारे में हमारी केंद्रीय मंत्री मोहनलाल खट्टर से बात हुई है।

वरिष्ठ संपादक डॉ. राजेश शर्मा सूचना एवं जन संपर्क विभाग से सेवानिवृत्त

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला ।गिरिराज साप्ताहिक समाचार-पत्र के वरिष्ठ संपादक डॉ. राजेश शर्मा के सम्मान में सूचना एवं जन संपर्क निदेशालय में एक गरिमामय विदाई समारोह आयोजित किया गया।

डॉ. राजेश शर्मा ने 9 अक्तूबर, 1995 को विभाग में उप-संपादक के रूप में अपनी सेवाओं की शुरुआत की। लगभग 30 वर्षों की सेवा अवधि में उन्होंने अपनी संपादकीय दक्षता और प्रशासनिक क्षमता से विभाग में उल्लेखनीय योगदान दिया। कर्तव्यनिष्ठा और पेशेवर प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाने वाले डॉ. शर्मा ने विभागीय प्रकाशनों को प्रभावशाली बनाने में अहम भूमिका निभाई और पूर्व मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।

 

सूचना एवं जन संपर्क विभाग के निदेशक राजीव कुमार ने डॉ. राजेश शर्मा को शुभकामनाएं देते हुए विभाग को उनके बहुमूल्य योगदान की सराहना की और उनके सुखद एवं स्वस्थ सेवानिवृत्त जीवन की कामना की।
अतिरिक्त निदेशक महेश पठानिया ने विभाग की ओर से डॉ. शर्मा को सम्मानित किया और उनकी विभाग के प्रति बहुमूल्य सेवाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. शर्मा की कार्य के प्रति निष्ठा, ईमानदारी और अनुशासन विभागीय कर्मियों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है जो विभाग के लिए आने वाले वर्षों तक प्रेरणादायक रहेगा।

 

संयुक्त निदेशक अजय पाराशर और यू.सी. कौंडल सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी इस अवसर पर डॉ. राजेश शर्मा को शुभकामनाएं दीं और उनके समर्पित सेवाकाल की सराहना करते हुए उनके सुखद एवं स्वस्थ सेवानिवृत्त जीवन की कामना की।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में आगामी शहरी निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके दृष्टिगत आरक्षण रोस्टर को अन्तिम रूप प्रदान करने से पहले पिछड़े वर्ग की आबादी का सही डेटा एकत्रित करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंजूरी दी गई है।
मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 18 अगस्त से 2 सितम्बर, 2025 तक आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया।

 

बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग द्वारा आयोजित टीजीटी और जेबीटी पदों के लिए परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में दो वर्ष की एकमुश्त छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमंडल ने अनाथ बच्चों के लिए आइटीआई, पॉलटैक्निक्स, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों सहित सभी सरकारी, सरकार द्वारा वित्त पोषित और निजी तकनीकी संस्थानों में प्रति पाठ्यक्रम एक सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया।

 

प्रदेश के दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मंत्रिमंडल ने 290 अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में हिमाचल प्रदेश सचिवालय में विधि अधिकारी (अंग्रेजी) के पांच और विधि अधिकारी (हिन्दी) के दो पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने भरमौर, पांगी और स्पिति  में  एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना के कार्यालयों में अनुसंधान अधिकारी के तीन पद सृजित कर इन्हें भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।

 

प्रदेश में हाल ही में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण हुए व्यापक क्षति के दृष्टिगत मंत्रिमंडल ने राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित परिवारों को किराए के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को पांच हजार रुपये प्रति माह और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से अधिकतम छः माह की अवधि के लिए किराया सहायता प्रदान की जाएगी।

 

विनिर्माण ईकाइयों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रिमंडल ने प्रत्येक डिस्टिलरी, बॉटलिंग और ब्रुअरी संयंत्रों में दो होमगार्ड तैनात करने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक संयंत्र में एक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई। एक निर्धारित अवधि के बाद अधिकारी का उसी जिले में अनिवार्य रूप से रोटेशन किया जाएगा।
बैठक में जिला कांगड़ा में दस लघु खनिज खदानों की नीलामी और जिला बिलासपुर में 11 खदानों की पुर्ननीलामी को मंजूरी दी गई। इससे प्रदेश के राजस्व मंे 18.82 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और इससे अवैध खनन पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

 

बैठक में 50 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश परियोजनाओं पर विचार करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद की स्थापना को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल ने निःशुल्क या रियायती यात्रा सुविधाओं को सुव्यवस्थित करने और उन पर निगरानी रखने के लिए, हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) को पात्र लाभार्थियों को ‘हिम बस कार्ड’ जारी करने की अनुमति दी है।

 

हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामलों के निपटान की योजना-2025 के दूसरे चरण को शुरू करने का निर्णय लिया गया है। यह योजना एक सितंबर, 2025 से तीन महीने तक लागू रहेगी और इसका उद्देश्य लगभग 30,000 लंबित मामलों का निपटारा करना है। इस योजना में वित्त वर्ष 2020दृ21 तक के पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य मूल्य वर्धित कर (वैट) से संबंधित मामले भी शामिल किए जाएंगे।

 

मंत्रिमंडल ने नियमित अपंजीकृत निर्माण उपकरण वाहनों को पंजीकृत करने के लिए वन टाईम लैगेसी पॉलिसी को मंजूरी दी है। इस नीति के अंतर्गत वाहन मालिक एकमुश्त टैक्स और बकाया जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि जमा कर अपने वाहनों का पंजीकरण करवा सकेंगे। यह नीति अधिसूचना की तिथि से तीन माह तक लागू रहेगी। एक अनुमान के अनुसार, राज्य में ऐसे लगभग 2795 वाहन हैं जो इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

 

बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की उन सिफारिशों को स्वीकृति दी गई, जिनका उद्देश्य खाली पड़ी सरकारी भवनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना है। समिति ने सिफारिश की है कि विभिन्न विभागों के सभी खाली सरकारी भवनों का चरणबद्ध तरीके से उपयोग किया जाए। इसके साथ ही एक नोडल एजेंसी नामित करने की भी सिफारिश की गई है, जो ऐसे विभागों, बोर्डों और निगमों को कार्यस्थल स्थापित करने के लिए स्थान उपलब्ध करवाएगी।

 

मंत्रिमंडल ने सोलन नगर निगम क्षेत्र में सभी सेवा प्रदाताओं की जल शुल्क दरों को जल शक्ति विभाग की दरों के समान करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से सोलन नगर निगम के हजारों जल उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
बैठक में जिला हमीरपुर के नादौन नगर परिषद क्षेत्र से वार्ड नंबर-8 के अमतर स्टेडियम और पंचायत घर बेला क्षेत्र को बाहर करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमंडल ने राज्य में लॉटरी संचालन शुरू करने को भी स्वीकृति प्रदान की।

कुलदीप पठानियां ने पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल के निधन पर गहरा दु:ख प्रकट किया।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानियां ने चिन्तपूर्णी के पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल के आकस्मिक निधन पर गहरा दु:ख प्रकट किया है। अपने शोक सन्देश में पठानियां ने कहा कि गणेश दत्त भरवाल संगठन से जुड़े नेता थे तथा उनका जीवन सदैव संघर्ष पूर्ण रहा।

 

 

पठानियां ने कहा कि वह पार्टी के एक जुझारू तथा कर्मठ कार्यकर्ता थे तथा अपने सादेपन से लोगों में काफी लोकप्रिय थे। उन्होने वर्ष 1968 में क्षयरोग स्वास्थ्य सेवा कर्मी के रूप में अपने लिए अजिविका शुरू की थी लेकिन दो वर्ष पश्चात वर्ष 1970 में उन्होने सरकारी नौकरी त्याग कर काँग्रेस पार्टी के लिए एक सक्रिय युवा काँग्रेस कार्यकर्ता के रूप में कार्य आरम्भ किया। वह वर्ष 1985 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े तथा विजयी हुए थे। वह एक बार ही विधान सभा सदस्य रहे।

 

विधान सभा अध्यक्ष ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है तथा शोकाकुल परिवार को इस दु:ख को सहन करने की परमात्मा से प्रार्थना की है।
विधान सभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने भी पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है तथा दिवंगत आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की है।

 

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