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सिद्ध बाबा बालक नाथ सेवा संघ ने भव्य जागरण किया आयोजित

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

जालंधर। सिद्ध बाबा बालक नाथ सेवा संघ, किशनपुरा जालंधर की ओर से बाबा बालक नाथ की पावन स्मृति में भव्य धार्मिक एवं सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जालंधर में रह रहे हिमाचल वासियों ने बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। इसके उपरांत 14वां विशाल जागरण एवं भंडारा भी भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुआ। हिमाचल प्रदेश असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (के.के.सी.) के प्रदेश चेयरमैन राजीव राणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जालंधर पहुंचने पर उन्हें हिमाचलियों और सेवा संघ के पदाधिकारियों ने ढोल-नगाड़ों और पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया।

इस दौरान कार्यक्रम में प्रसिद्ध पंजाबी गायक सोनू सैनी ने बाबा बालक नाथ की महिमा का भव्य गुणगान किया। राजीव राणा ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा बालक नाथ की भक्ति समाज में प्रेम, एकता और सेवा का प्रतीक है। उन्होंने सेवा संघ के सभी पदाधिकारियों और स्वयंसेवकों का सफल आयोजन के लिए आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के अंत में भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस आयोजन ने हिमाचल और पंजाब के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को भी मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शिव प्रताप शुक्ल ने रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का किया शुभारंभ

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिमला के रामपुर बुशहर में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने मेले के सांस्कृतिक और व्यावसायिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन हिमाचल की गौरवशाली परंपराओं का जीवंत प्रतीक है। राज्यपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही इस मेले को अंतरराष्ट्रीय दर्जा प्राप्त हुआ। उन्होंने मेले में भाग लेने वाले कलाकारों और आयोजकों की सराहना की और कहा कि यह उत्सव पारंपरिक कला, संगीत और शिल्प को बढ़ावा देने का मंच है, जिससे युवा पीढ़ी तक हमारी सांस्कृतिक विरासत पहुँच सके।

इस अवसर पर उन्होंने नशीले पदार्थों के खतरे और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि नशे के जड़ से उखाड़ने के लिए सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है और पर्यावरण की सुरक्षा हिमाचल की समृद्धि के लिए जरूरी है। राज्यपाल ने मेले में लगे स्थानीय शिल्प, ऊनी उत्पाद और सूखे मेवे प्रदर्शनों का उद्घाटन किया और कारीगरों व किसानों को अपने उत्पाद बेचने के अवसर प्रदान करने की सराहना की। राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक नंद लाल ने मेले के ऐतिहासिक और व्यावसायिक महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि अब मेले में खेल गतिविधियों को शामिल करने से युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी। इस अवसर पर उपायुक्त एवं मेले के आयोजन समिति के अध्यक्ष अनुपम कश्यप, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्रप्रभा नेगी, नगर परिषद अध्यक्ष मुस्कान नेगी, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मेले के दौरान हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के लोक कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।

लाहौल-स्पीति में डेटा व सांख्यिकी कार्यशाला आयोजित

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

लाहौल-स्पीति। राज्य की सांख्यिकीय गतिविधियों में समन्वय, पारदर्शिता और दक्षता को सुदृढ़ करने के लिए केलांग में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला की अध्यक्षता सचिव वित्त, अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी तथा योजना डॉ. अभिषेक जैन ने की, डॉ. जैन ने कहा कि सटीक और समेकित डेटा नीति निर्माण की रीढ़ है। उन्होंने सभी विभागों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण कर विकास के रुझानों को समझें और योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रशासनिक सुधारों, ई-ऑफिस, आधार नवीनीकरण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निरंतर प्रयासों के महत्व पर भी जोर दिया।

इस दौरान उन्होंने स्थानीय उत्पादों, कृषि, बागवानी और हस्तशिल्प क्षेत्रों में डेटा आधारित शोध और विपणन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके तहत छोटे शोध समूह बनाए जाने और स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया गया। इस कार्यशाला में उपायुक्त किरण भड़ाना ने कहा कि डेटा आधारित निर्णय प्रणाली प्रशासनिक उत्तरदायित्व बढ़ाकर बेहतर परिणाम सुनिश्चित करती है। आर्थिक सलाहकार डॉ. विनोद राणा ने डेटा की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को सुशासन का मूल आधार बताया गया। इस तकनीकी सत्र में विभागों ने आवश्यक डेटा आवश्यकताओं पर प्रस्तुतियां दीं। इसके उपरांत प्रतिभागियों के लिए एक क्विज भी आयोजित किया गया, जिसने ज्ञान वृद्धि के साथ प्रतिस्पर्धात्मक उत्साह को भी प्रोत्साहित किया, इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सांख्यिकी विशेषज्ञ और प्रमुख हितधारक उपस्थित थे।

बलदेव ठाकुर ने सुक्खू की जनहित योजनाओं की जमकर सराहना की

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव और राज्य बस अड्डा प्राधिकरण के निदेशक बलदेव ठाकुर ने जारी प्रेस बयान में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के जनहित कार्यक्रमों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में उमड़ती भारी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश की जनता उनके द्वारा धरातल पर लाई जा रही योजनाओं का दिल खोलकर समर्थन कर रही है। बलदेव ठाकुर ने आरोप लगाया कि वर्तमान में विपक्ष जनहित के मुद्दों की बजाय जनता को झूठ परोसकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता अपने आप को भविष्य का मुख्यमंत्री घोषित करने में लगे हैं, जबकि आपदा प्रभावित प्रदेश में उन्हें केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज की मांग करनी चाहिए थी।

इस दौरान बलदेव ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंडी जिले में आपदा प्रभावितों को 81.28 करोड़ रुपये की राहत राशि वितरित कर जनहितैषी नेता होने का परिचय दिया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि मंडी के कार्यक्रम में सिवाय अनिल शर्मा के अन्य विधायक शामिल नहीं हुए, जो उनके अनुसार शर्मनाक है। बलदेव ठाकुर ने केंद्रीय सरकार से अपील की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 15,000 करोड़ रुपये की राशि जल्द से जल्द हिमाचल प्रदेश को भेजी जाए, ताकि आपदा से टूटे सड़कों, इमारतों और अन्य संस्थानों की मरम्मत कार्य शीघ्र पूरा किया जा सके।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा सुधार और आपदा प्रभावित स्कूलों की मरम्मत पर जोर दिया

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शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार और सरकारी स्कूलों के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उठाए जा रहे कदमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस मॉनसून सीजन में प्रदेश के लगभग 1,411 शैक्षणिक संस्थानों में लगभग ₹126.73 करोड़ की क्षति हुई है और आपदा प्रभावित स्कूल भवनों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए उप-निदेशकों को हिमुडा को शीघ्र धनराशि जारी करने और कार्यों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

इस दौरान रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र का कायाकल्प हो रहा है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं और वर्तमान में 42 स्थानों पर 94.46 करोड़ रुपये की लागत से डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय और खेल सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी स्कूलों में 100 विद्यालयों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा और 45 स्कूलों को एफिलिएट किया गया है और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए विषय विशेषज्ञ अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे।

इस बैठक में मंत्री ने कम परिणाम वाले स्कूलों पर विशेष ध्यान, बीएड/डीएलएड छात्रों का शैक्षणिक प्रशिक्षण, और कॉम्पलेक्स स्कूल प्रणाली के तहत मर्ज किए गए स्कूलों के छात्रों को समीपवर्ती स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षकों के गैर-शैक्षणिक कार्यों को सरल बनाने और बच्चों को प्रताड़ित करने वाले अध्यापकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तेज करने के निर्देश भी दिए। इस बैठक में सचिव शिक्षा राकेश कंवर, समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक राजेश शर्मा, निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली, शिक्षा विभाग और हिमुडा के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा, राज्य कार्यक्रम अधिकारी एनएचएम डॉ. रविंद्र कुमार ने शैक्षणिक संस्थानों को तम्बाकू-फ्री बनाने पर प्रस्तुति दी गई।

शिमला में कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति उत्पीड़न रोकने कार्यशाला आयोजित

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शिमला। शिमला मंडल में बचत भवन में “कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013” पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने की और कार्यशाला का उद्देश्य कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए सुरक्षित, समान और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करना बताया गया। इस कार्यक्रम में पोश अधिनियम, 2013 के प्रावधान, शिकायत निवारण तंत्र और संवेदनशीलता बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा हुई। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रहाटकर ने कहा कि महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को रोकना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जागरूकता और संवेदनशीलता ही पोश अधिनियम के सफल क्रियान्वयन की कुंजी है। उन्होंने प्रतिभागियों से अपील की कि वे अपने कार्यालयों में पोश नीति को प्रभावी रूप से लागू करें और महिला कर्मचारियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करें।

इस कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने आयोग के साथ सीधे संवाद किया और पोश अधिनियम पर सवाल पूछे और रहाटकर ने सभी समितियों को एक सप्ताह के भीतर बैठक आयोजित कर रिपोर्ट एडीसी कार्यालय शिमला भेजने और जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा विद्या नेगी ने कहा कि राज्य आयोग लगातार महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें सुरक्षित कार्यस्थल उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है और इसके अतिरिक्त उपायुक्त शिमला दिव्यांशु सिंघल ने प्रशासनिक स्तर पर पोश अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उपायों की जानकारी दी और विभागों से सहयोग की अपील की गई।

इस दौरान कार्यशाला में एडीसी सोलन राहुल जैन, एएसपी शिमला नवदीप सिंह, राज्य महिला आयोग की सदस्य रीना पंडीर, प्रधान निजी सचिव राष्ट्रीय महिला आयोग रामावतार सिंह, एडीएम सिरमौर एलआर वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इस कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को पोश अधिनियम से संबंधित दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं पर विस्तृत जानकारी दी गई। राष्ट्रीय महिला आयोग से रिसोर्स पर्सन एडवोकेट आस्था कोहली ने अधिनियम पर विशेष प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया।

एचपीयू और भारतीय सेना ने अनुसंधान और विकास के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए

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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू), शिमला और भारतीय सेना ने सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास पहलों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। भारगीर अनुराग पांडे ने भारतीय सेना की ओर से और कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने विश्वविद्यालय की ओर से MoU पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री सुखू ने इस अवसर पर कहा कि यह समझौता भारतीय सेना और प्रदेश विश्वविद्यालय के बीच एक सहक्रियात्मक साझेदारी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है।
मुख्य सहयोग क्षेत्रों में भारत-तिब्बत संबंधों पर संयुक्त ऐतिहासिक शोध, हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों पर आर्थिक और विकासात्मक अध्ययन, ड्रोन प्रौद्योगिकी और ड्रोन-रोधी उपाय, साइबर सुरक्षा की सर्वोत्तम प्रथाओं का विकास, तथा हरित ऊर्जा और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार पहलों को बढ़ावा देना शामिल है।

इस दौरान यह समझौता प्रभावी सूचना प्रसार, संकाय और कर्मचारियों के आदान-प्रदान, तथा संयुक्त संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन को भी बढ़ावा देगा, इसके तहत भारतीय सेना के कर्मियों को एचपीयू, शिमला में शैक्षणिक पाठ्यक्रम करने का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, लेफ्टिनेंट जनरल डी.जी. मिश्रा और शिक्षा सचिव राकेश कंवर उपस्थित थे।

हिमाचल में अवैध जमा और साइबर धोखाधड़ी पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की 20वीं बैठक मुख्य सचिव संजय गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में अवैध जमा स्वीकृति, साइबर धोखाधड़ी और राज्य के सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विभागों में हाल ही में किए गए प्रयास और उपलब्धियों की जानकारी साझा की और मुख्य सचिव ने वित्तीय स्थिति और संबंधित मामलों पर दिशा निर्देश जारी किए।

इस दौरान राज्य स्तरीय समन्वय समिति का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, आईआरडीए, एनएचबी, पीएफआरडीए, कंपनी रजिस्ट्रार, राज्य सरकार के गृह, वित्त, विधि विभागों और आर्थिक अपराध शाखा जैसी एजेंसियों के बीच जानकारी का प्रभावी आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है। इसका मुख्य लक्ष्य अवैध और धोखाधड़ीपूर्ण जमा स्वीकार करने वाली संस्थाओं की गतिविधियों को रोकना और नियंत्रण करना है। इस बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक अनुपम किशोर, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सेबी, नाबार्ड, कंपनी रजिस्ट्रार, आईसीएआई, ट्राई, एनएचबी और पीएफआरडीए के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने पीजी आयुष डॉक्टर्स को 100% वेतन देने के दिए निर्देश

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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आयुष विभाग के स्नातकोत्तर कर रहे डॉक्टर्स को अब शत-प्रतिशत वेतन देने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले केवल 40 प्रतिशत वेतन देने का प्रावधान था, यह निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने में आयुष विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने उच्च ओपीडी टर्नआउट वाले आयुष संस्थानों का अध्ययन कर इन्हें और सुदृढ़ करने और पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने रोगी डेटा को हिम परिवार के आंकड़ों के साथ एकीकृत करने और सेवा वितरण में सुधार करने पर भी जोर दिया।

इस दौरान सुक्खू ने नाहन में नए आयुष महाविद्यालय की स्थापना और पपरोला स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय को सुदृढ़ करने पर विचार करने को कहा। इसके अलावा, उन्होंने स्पीति घाटी जैसे उच्च-ऊँचाई वाले क्षेत्रों में हर्बल उद्यान विकसित करने और बालिका आश्रम व वृद्धाश्रमों में योग कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए। इस बैठक में आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, सचिव ए. शायनामोल, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक रोहित जम्वाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

हिमाचल में मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना से युवाओं को रोजगार के नए अवसर

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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना राज्य के युवाओं, किसानों और ग्रामीण आबादी के लिए रोजगार और आजीविका का नया अवसर साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कृषि के साथ साथ मत्स्य पालन को एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय के रूप में विकसित करना है। इसके तहत प्रदेश के उष्ण जलवायु वाले क्षेत्रों में मीठे पानी में कार्प मछली पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मत्स्य पालन विभाग के अनुसार, योजना में तालाब निर्माण और प्रारंभिक वर्ष की इनपुट लागत पर सरकार 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है। प्रति हेक्टेयर 12.40 लाख रुपये की यूनिट लागत निर्धारित की गई है, जिसमें तालाब निर्माण के लिए 8.40 लाख रुपये और इनपुट सामग्री के लिए 4 लाख रुपये शामिल हैं। इस योजना में शामिल होने के लिए लाभार्थी के पास स्वामित्व भूमि या न्यूनतम सात वर्षों के लिए पट्टे पर ली गई भूमि होना आवश्यक है। आवेदन में बेरोजगार युवाओं, महिलाओं और अनुसूचित वर्ग के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाती है।

इस दौरान मत्स्य विभाग द्वारा लाभार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण, मत्स्य बीज आपूर्ति, रोग नियंत्रण, चारा प्रबंधन और विपणन सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा मत्स्य सहकारी समितियों और समूहों को भी योजना में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि सामूहिक उत्पादन और विपणन नेटवर्क मजबूत हो सके। इसी तरह तहसील नूरपुर के लवली कुमार को योजना के तहत 1.39 लाख रुपये की सब्सिडी मिली। उन्होंने विभाग की सहायता से मछली पालन शुरू किया और अब दो अन्य व्यक्तियों को रोजगार भी दे रहे हैं। तहसील नूरपुर के राकेश कुमार और तहसील फतेहपुर के रमेश चंद्र ने भी योजना का लाभ उठाते हुए तालाब निर्माण कर स्वरोजगार शुरू किया। इस सहायक निदेशक मत्स्य पालन, पौंग जलाशय संदीप कुमार ने बताया कि योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामान्य वर्ग सभी लाभार्थियों को समान रूप से 80 प्रतिशत अनुदान मिलता है।

इसी तरह उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार विशेष पहल कर रही है। पोंग बांध और निचले इलाकों में योजना के तहत युवाओं और मछुआरों को आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में हिमाचल के युवाओं के पास अपार संभावनाएं हैं और सरकार उनकी हर संभव मदद कर रही है। मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना न केवल ग्रामीण युवाओं के लिए स्वरोजगार का माध्यम बन रही है, बल्कि यह प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विविधता और मजबूती देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।

Shoolini University

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