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भाजपा में शामिल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष से मिले पालमपुर के पूर्व डिप्टी मेयर अनीश नाग

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

पालमपुर । पूर्व डिप्टी मेयर अनीश नाग  ने सुक्खू सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा है। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिष्टाचार भेंट की और उन्होंने अनीश नाग को भाजपा का पटका पहना कर स्वागत किया।

 

उन्होंने कहा कि विकास के समर्थक नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश जिस तेज़ी से आगे बढ़ रहा है उससे प्रेरित होकर भाजपा से जुड़ कर समाज के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं। प्रदेश और पालमपुर के विकास के लिए उनका अनुभव, समर्पण और ऊर्जा भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

सांसद सुरेश कश्यप ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से शिष्टाचार भेंट कर जन्मदिवस की भी शुभकामनाएँ दी।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, भारत सरकार, माननीय जगत प्रकाश नड्डा  से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप ने  नड्डा  को उनके जन्मदिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए उनके दीर्घ, स्वस्थ एवं यशस्वी जीवन की कामना की।

 

 

सांसद कश्यप ने कहा कि  नड्डा  का नेतृत्व, संगठन क्षमता और जनसेवा के प्रति समर्पण हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्रोत है। संगठन को मजबूती देने और देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने में उनका योगदान अतुलनीय एवं अनुकरणीय है।” भेंट के दौरान संगठनात्मक गतिविधियों, केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं तथा हिमाचल प्रदेश के विकास से जुड़े विषयों पर भी सार्थक चर्चा हुई।

 

 

इसी क्रम में सांसद सुरेश कश्यप ने लोकसभा में आज पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या–6 के उत्तर का उल्लेख करते हुए बताया कि केंद्र सरकार देश में कौशल विकास को सुदृढ़ करने के लिए आईटीआई (ITI) और एनएसटीआई (NSTI) संस्थानों का तेज़ी से आधुनिकीकरण कर रही है। वर्तमान में देश भर में 14,682 आईटीआई, 33 एनएसटीआई तथा 120 आईटीओटी संस्थान संचालित हैं, जो युवाओं को भविष्य की तकनीक-आधारित प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।

सरकार द्वारा युवाओं को बदलते तकनीकी युग के अनुरूप सक्षम बनाने के उद्देश्य से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ड्रोन टेक्नोलॉजी, 3D प्रिंटिंग, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैकेनिक सहित 31 नए भविष्य उन्मुख पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। इसके साथ ही डिजिटल डिज़ाइन की क्षमता को बढ़ाने के लिए Autodesk कंपनी के साथ साझेदारी भी की गई है, जिससे युवाओं को आधुनिक सॉफ्टवेयर एवं तकनीकी दक्षता का लाभ मिल रहा है।

सांसद सुरेश कश्यप ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश में 64,863 युवाओं ने आईटीआई में नामांकन लिया है, जो प्रदेश के युवाओं में तकनीकी शिक्षा के प्रति बढ़ते रुझान को दर्शाता है। नए तकनीकी पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को पर्यटन, ऊर्जा, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेवा क्षेत्र में बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

उन्होंने विशेष रूप से कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी, ग्रीन हाइड्रोजन और स्मॉल हाइड्रो पावर जैसे कोर्स पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे, जिससे हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और पलायन पर भी अंकुश लगेगा।

सांसद सुरेश कश्यप ने कहा—
“कौशल विकास के क्षेत्र में केंद्र सरकार की दूरदर्शी पहल हिमाचल के युवाओं को नई तकनीकी क्रांति से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रही है। इससे प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। मैं निरंतर यह प्रयास कर रहा हूँ कि भविष्य में हिमाचल प्रदेश में और अधिक कौशल प्रशिक्षण संस्थान स्थापित हों, ताकि हमारे युवाओं को प्रदेश में ही बेहतर प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।”

हर्ष महाजन ने जगत प्रकाश नड्डा  से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं एवं बधाई दी।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  जगत प्रकाश नड्डा  से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी।

 

इस अवसर पर दोनों नेताओं के बीच हिमाचल प्रदेश से जुड़े विभिन्न समसामयिक विषयों को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई। राज्यसभा सांसद ने श नड्डा  के नेतृत्व की सराहना करते हुए उनके दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य एवं सफल कार्यकाल की कामना की।

 

 

नड्डा ने भी प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों एवं संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी ली तथा सभी को जनसेवा के कार्यों में निरंतर सक्रिय रहने का संदेश दिया।

हिमाचल की प्राकृतिक खेती ने जापानी शोधार्थियों को किया आकर्षित

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । हिमाचल प्रदेश द्वारा सतत् कृषि तकनीक के रूप में चलाई जा रही राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना देश विदेश में ख्याति प्राप्त कर रही। कई राज्यों एवं देशों के कृषि वैज्ञानिक एवं शोधार्थी प्रदेश सरकार की इस पहल के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश का दौरा कर रहे हैं।
इसी क्रम में सोमवार को जापान के हिरोशिमा विश्वविद्यालय की एक टीम ने कृषि निदेशालय शिमला में  राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की राज्य परियोजना इकाई का दौरा किया। विश्वविद्यालय के ह्यूमैनिटी एवं सोशल साइंसेज के प्रोफेसर ड़ॉ ओसामु योशिदा के नेतृत्व में शोधार्थियों ने हिमाचल के कृषि परिदृश्य और प्राकृतिक खेती की पहल पर अधिकारियों के साथ विस्तृत बातचीत की।
इस दौरान राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त निदेशक कृषि, डॉ. सुरेश कुमार शर्मा ने जापानी शोधार्थियों को हिमाचल प्रदेश के कृषि क्षेत्र की विशेषताओं से अवगत कराया और प्राकृतिक खेती योजना पर प्रस्तुति दी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि यह योजना राज्य में बिना कृषि रासायनिकों, कम लागत, जलवायु अनुकूल और पर्यावरण हितैषी प्राकृतिक खेती तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती, राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें प्रकृति और किसान—दोनों को केंद्र में रखा गया है।
डॉ. शर्मा ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में करीब 2.23 लाख किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं, जो राज्य के 38,456 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में बहुफसलीय खेती प्रणाली को अपना रहे हैं।
उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल सरकार ने अग्रणी कदम उठाते हुए प्राकृतिक खेती से उगाई मक्की, गेहूं, कच्ची हल्दी और जौ को सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है और किसानों से सीधे इन फसलों की खरीद की जा रही है। सरकारी स्तर पर खरीद के उपरांत उत्पादों की प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग कर इन्हें ‘हिम-भोग’ ब्रांड के तहत बाजार में उतारा जा रहा है। अभी तक इस ब्रांड के तले मक्की का आटा, गेहूं का आटा और दलिया बाजार में उतारा गया है।
हिरोशिमा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योशिदा और शोधार्थियों ने हिमाचल सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे एक प्रभावी कदम बताया तथा राज्य में सब्जी फसलों के कोल्ड स्टोरेज प्रबंधन पर भी चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने जापान के कृषि परिदृश्य पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक डॉ. अतुल डोगरा, उप निदेशक डॉ. मोहिंदर भवानी तथा इकाई के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

मानवता की मिसाल डॉ. सुरेंद्र डोगरा: सुबह किया वादा, शाम तक निभा दिया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
सुजानपुर। अक्सर राजनीति में वादे किए जाते हैं, लेकिन पूरे होने में महीनों, कई बार सालों का समय लग जाता है। जनता सुन-सुनकर थक जाती है और विश्वास टूटने लगता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके लिए वादा सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि जिम्मेदारी होती है। सुजानपुर क्षेत्र में डॉ. सुरेंद्र डोगरा यही भरोसा बनकर उभरे हैं—एक ऐसे जनसेवक, जिनके लिए लोगों की तकलीफें प्राथमिकता हैं और मदद करना उनके स्वभाव का हिस्सा।
मंगलवार की सुबह का एक छोटा-सा दृश्य पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया। डॉ. सुरेंद्र डोगरा एक जगह चाय पीने रुके। वहीं चाय की रेहड़ी लगाने वाली महिला सुदेश ने बहुत संकोच के साथ अपनी परेशानी बताई—कहा कि ठंड बढ़ रही है और उनका पुराना तिरपाल अब फट चुका है, इसलिए उन्हें एक नए तिरपाल की जरूरत है।
सुदेश को यह अंदाजा भी नहीं था कि उनकी ये मामूली-सी लगने वाली जरूरत किसी नेता के दिल पर इतनी जल्दी असर कर जाएगी। डॉ. डोगरा ने उसी क्षण मुस्कुराकर कहा—“तिरपाल आज ही पहुंच जाएगा।”
बहुतों को यह सिर्फ एक वादा लगा, लेकिन डॉ. सुरेंद्र डोगरा के लिए यह एक दायित्व था। और उन्होंने इसे उसी दिन शाम तक पूरा करके दिखा दिया।
शाम को जब तिरपाल सुदेश के पास पहुंचा तो वह भावुक हो उठीं। उनकी आंखों में सिर्फ राहत नहीं, बल्कि विश्वास की चमक भी थी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि इतनी जल्दी कोई उनकी मदद करेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि अधिक से अधिक लोग डॉ. सुरेंद्र डोगरा से जुड़ें, क्योंकि वे सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए सहारा हैं।
यह घटना सिर्फ एक तिरपाल देने की कहानी नहीं है। यह कहानी है संवेदनशीलता की, ईमानदारी की, और उस जनसेवा की भावना की जो धीरे-धीरे दुर्लभ होती जा रही है। जिस समय राजनीति में बड़े-बड़े वादों के बीच जनता अक्सर खुद को अकेला महसूस करती है, उसी समय डॉ. सुरेंद्र डोगरा जैसे लोग लोगों को यह एहसास दिलाते हैं कि नेता और जनता के बीच का रिश्ता अभी भी इंसानियत और भरोसे पर कायम हो सकता है।
सुदेश ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा—
“मुझे लगा था कि बस ऐसे ही कह दिया होगा… पर जब शाम तक तिरपाल मिल गया तो दिल भर आया। ऐसे लोग कम होते हैं। डॉ. डोगरा जी जैसे संवेदनशील और मददगार व्यक्ति का साथ हर किसी को देना चाहिए।
डॉ. सुरेंद्र डोगरा का यह छोटा-सा कदम आज पूरे क्षेत्र में बड़ी मिसाल बन चुका है। यह बता रहा है कि सच्ची राजनीति वही है, जहां एक रेहड़ी लगाने वाली महिला की जरूरत भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो जितनी किसी बड़ी समस्या की।
सुजानपुर में लोगों के दिलों में डॉ. डोगरा की पहचान केवल एक नेता की नहीं, बल्कि एक समर्पित जनसेवक की बनती जा रही है—जो वादा करते हैं तो निभाते भी हैं, और जरूरत सुनते ही कदम उठाते हैं।

तीन दिवसीय फार्मा इनोवेशन प्रोग्राम में छात्रों ने एआई का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों
सोलन । स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज, ई-युवा सेंटर और आईहब शूलिनी ने ई-सेल आईआईटी हैदराबाद के सहयोग से “फार्मास्युटिकल साइंसेज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता” पर तीन दिवसीय कार्यशाला और प्रमाणन कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को फार्मास्युटिकल विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को एकीकृत करने के व्यावहारिक और वैचारिक ज्ञान से लैस करना था। यह कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया: शूलिनी विश्वविद्यालय में प्रमाणन कार्यक्रम, उसके बाद आईआईटी हैदराबाद में आगामी क्षेत्रीय प्रतियोगिता, जहाँ पाँच चयनित छात्र शूलिनी विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उद्घाटन समारोह की शुरुआत कुलाधिपति प्रो. पी. के. खोसला के प्रेरक संबोधन से हुई, जिन्होंने अनुसंधान और शैक्षणिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला।
शूलिनी विश्वविद्यालय के नवाचार और विपणन अध्यक्ष प्रोफेसर आशीष खोसला ने “कृत्रिम बुद्धिमत्ता और स्वास्थ्य विज्ञान” पर एक व्याख्यान दिया, जिसमें बताया कि कैसे एआई ने प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी, रोग निदान और दवा अनुसंधान को बदल दिया है।
डॉ दीपक कुमार, डीन, स्कूल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज और ई-युवा केंद्र और आईहब शूलिनी के मुख्य समन्वयक ने कार्यशाला के उद्देश्यों को रेखांकित किया, और कहा कि ये सत्र एआई-संचालित यौगिक निर्माण, रेट्रोसिंथेसिस, छवि विश्लेषण और आधुनिक दवा खोज से संबंधित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में छात्रों के कौशल को मजबूत करेंगे।
तीन दिनों के दौरान, कार्यशाला ने तकनीकी शिक्षा, व्यावहारिक अनुभव और व्यावसायिक विकास का एक समृद्ध मिश्रण पेश किया और दवा मूल्य श्रृंखला में एआई की विशाल क्षमता पर ध्यान केंद्रित किया, इस बात पर जोर दिया कि कैसे एआई-संचालित समाधान तेजी से दवा विकास, बेहतर सटीकता और बेहतर रोगी परिणामों को सक्षम कर रहे हैं उत्तरदायी एआई पर आयोजित सत्र में वास्तविक दुनिया के उदाहरण प्रस्तुत किए गए, जिनमें दर्शाया गया कि कैसे एआई प्रणालियां कभी-कभी पूर्वाग्रह को प्रतिबिंबित कर सकती हैं।
तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन आईआईटी हैदराबाद में होने वाली क्षेत्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने वाले पाँच चयनित छात्रों की घोषणा के साथ हुआ। प्रो. दीपक कुमार ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया और आईआईटी हैदराबाद के निरंतर सहयोग के लिए उनकी सराहना की। आयोजन समिति में डॉ. अरुण कुमार, डॉ. रवीन चौहान, डॉ. निष्ठा सिंह, डॉ. शिखा महंत और डॉ. हिमांशु गांधी के साथ-साथ ई-युवा केंद्र के समन्वयक डॉ. अभिषेक सिंह और परियोजना सहायक सुबोध कुमार शामिल थे।

शिमला नर्सिंग कॉलेज–शुराला में विश्व एड्स दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला ।  शिमला नर्सिंग कॉलेज–शुराला में विश्व एड्स दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, जिसका उद्देश्य एड्स के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस वर्ष का विषय था “विघ्नों पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया को रूपांतरित करना”। कार्यक्रम रेड क्रॉस सोसाइटी के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कॉलेज में यूथ रेड क्रॉस क्लब का गठन किया गया, जिसमें 40 छात्रों ने सदस्यता ली, ताकि विद्यार्थियों में मानवतावादी सेवा और नेतृत्व के गुणों को प्रोत्साहित किया जा सके।

 

कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे  वरिंदर बिष्ट – कोऑर्डिनेटर, यूथ रेड क्रॉस यूनिट (स्टेट ब्रांच) एवं  सिद्धार्थ – कोऑर्डिनेटर, यूथ रेड क्रॉस यूनिट (जिला शाखा) तथा रेड क्रॉस विभाग की टीम। डॉ. किमी सूद, सचिव – शिमला नर्सिंग कॉलेज, ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई और छात्रों को एड्स के बारे में जागरूक रहने तथा समुदाय में सही जानकारी फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया। शिमला नर्सिंग कॉलेज-शुराला के प्रिंसिपल, डॉ. कृष्णा चौहान ने भी नर्सिंग छात्रों को संबोधित किया।

 

कार्यक्रम के तहत विभिन्न जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें वाद-विवाद (डिक्लेमेशन) प्रतियोगिता तथा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता शामिल थीं। छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और विचारों के माध्यम से HIV/AIDS जागरूकता पर प्रभावशाली संदेश प्रस्तुत किए।

 

इसके अतिरिक्त, कॉलेज के छात्रों ने शूराला गाँव के सामुदायिक क्षेत्र में एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें एचआईवी/एड्स से जुड़े मिथक, रोकथाम और सही जानकारी पर ध्यान केंद्रित किया गया। लगभग 60–80 ग्रामीणों ने यह प्रस्तुति देखी। यह जन-जागरूकता कार्यक्रम स्थानीय समुदाय द्वारा बहुत सराहा गया।
कार्यक्रम के बाद सभी प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों के लिए रेड क्रॉस विभाग द्वारा जलपान की व्यवस्था की गई।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ, जिससे एक सार्थक और प्रभावशाली जागरूकता पहल का सफल समापन हुआ।

विश्व एड्स दिवस पर समारोह | जागरूकता और सहयोग की ओर एक कदम|

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । राजीव गांधी राजकीय महाविद्यालय, (कोटशेरा), चौड़ा मैदान, शिमला में विश्व एड्स दिवस उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। इस वर्ष की थीम थी – “विघटन पर विजय, एड्स प्रतिक्रिया का रूपांतरण”।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गोपाल चौहान रहे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई केवल चिकित्सा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जिम्मेदारी भी है। हमें जागरूकता फैलाकर समाज को सशक्त बनाना होगा।

 

इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. पी.डी. कौशल भी उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत करते हैं।
कार्यक्रम का संचालन रेड रिबन क्लब की संयोजक डा. नीना गौतम के मार्गदर्शन में हुआ। महाविद्यालय से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज़ तक छात्रों द्वारा निकाली गई जागरूकता रैली में लगभग 135 छात्रों ने भाग लिया।

एच.पी. एयर स्क्वाड्रन एनसीसी कुल्लू ने 300 किमी साइक्लिंग अभियान सम्पन्न

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला ।  एयर स्क्वाड्रन एनसीसी कुल्लू ने कुल्लू से शिमला तक 300 किलोमीटर की साइक्लिंग एक्सपेडिशन सफलतापूर्वक सम्पन्न की। इस दौरान कैडेट्स ने 16 स्कूलों और 5 कॉलेजों में 3,400 छात्रों को फिटनेस, नशा-निवारण, एयरो-मॉडलिंग तथा सशस्त्र बलों में करियर के प्रति प्रेरित किया। अभियान का समापन शिमला के जतोग कैंट में ब्रिगेडियर हरप्रीत सिंह, ग्रुप कमांडर, एनसीसी ग्रुप मुख्यालय शिमला द्वारा फ्लैग-इन के साथ किया गया।

 

कैडेट्स ने बंजार, जलोड़ी दर्रा, आनी, लुहरी, सैंज, कमरसीन, नारकंडा, मटियाना, संधू, चिखड़ और ठियोग जैसे कठिन पहाड़ी क्षेत्रों से गुजरते हुए बेहद दुर्गम हिमालयी मार्ग, तीखी चढ़ाइयों और बदलते तापमान का सामना किया। अभियान का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा 10,800 फीट ऊंचाई वाले जलोड़ी दर्रे को पार करना रहा।

 

इस अभियान की विशेष उपलब्धि ग्रामीण स्कूलों में एयरो-मॉडलिंग डेमो देना रही, जिसमें छात्रों ने ड्रोन डेमो, स्थिर विमान मॉडल और फ्लाइंग मॉडल एयरक्राफ्ट का प्रदर्शन करना रहा।।इन लाइव प्रदर्शनों ने छात्रों में विमानन, एरोनॉटिक्स और सशस्त्र बलों में तकनीकी करियर के प्रति अभूतपूर्व उत्साह जगाया।

 

इस अभियान में विकसित भारत अभियान के तहत विभिन्न लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए भी जागरूक किया गया। इसमें नशा-निवारण और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना, सशस्त्र बलों में करियर मार्गदर्शन प्रदान करना, रोमांच, टीमवर्क और शारीरिक फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाना, एयरो-मॉडलिंग व विमानन के माध्यम से छात्रों को प्रेरित करना और मार्ग में स्थित भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान करना रहा।

 

 

विंग कमांडर कुनाल शर्मा ने छात्रों के लिए एनडीए, सीडीएस, AFCAT, अग्निवीर, एनसीसी स्पेशल एंट्री, परीक्षा तैयारी, शारीरिक फिटनेस और अनुशासन की भूमिका जैसे विषयों पर विस्तृत सेशन लिए। उन्होंने कहा कि यह प्रभावशाली पहल रोमांच, तकनीकी exposure, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्रीय जागरूकता का अद्भुत समन्वय थी, जिसने हिमाचल प्रदेश के छात्रों पर गहरा और स्थायी प्रभाव छोड़ा है।

 

 

टीम का नेतृत्व अधिकारी विंग कमांडर कुनाल शर्मा (भारतीय वायु सेना, कमांडिंग ऑफिसर), फ्लाइंग ऑफिसर प्रो. निश्चल शर्मा, डॉ. हिमांग झरैक, सहायक स्टाफ में जे.डब्ल्यू.ओ. रहमान, सार्जेंट मुकेश, सार्जेंट रजनीश गुलेरिया, सार्जेंट मनदीप
,जी.सी.आई. पूजा, ए.एम.आई. रेशमा गुलशन नंदा (होमगार्ड) और श्याम (होमगार्ड) रहे।

अतुल्य भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म से हिमाचल पर्यटन को मिलेगा वैश्विक बढ़ावा : सांसद सुरेश कश्यप

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आदर्श हिमाचल बयूरों

शिमला । संसद के सत्र के पहले ही दिन शिमला लोकसभा क्षेत्र के माननीय सांसद सुरेश कश्यप द्वारा पूछे गए अतारांकित प्रश्न संख्या 139 के लिखित उत्तर में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा विकसित संशोधित “अतुल्य भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म ” देश के पर्यटन को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

 

पर्यटन मंत्री ने अपने लिखित उत्तर में स्पष्ट किया कि यह डिजिटल प्लेटफॉर्म भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक सौंदर्य, साहसिक पर्यटन, पाक-कला, कला एवं शिल्प, वेलनेस और ग्रामीण पर्यटन जैसे विविध आयामों को एक ही डिजिटल मंच पर प्रस्तुत करता है। यह प्लेटफॉर्म अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित तकनीक से लैस है, जिससे पर्यटकों को मौसम की जानकारी, शहर-विशेष विवरण, मार्गदर्शन तथा आवश्यक यात्रा सेवाएँ रीयल टाइम में उपलब्ध होंगी।

 

 

पर्यटन मंत्रालय ने जानकारी दी कि यह प्लेटफॉर्म देश की कई प्रमुख ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों से भी एकीकृत है। इसके माध्यम से यात्री एक ही डिजिटल मंच से उड़ान टिकट, होटल बुकिंग, टैक्सी, बस सेवा तथा एएसआई के स्मारकों के टिकट आसानी से बुक कर सकेंगे। इससे यात्रियों को सुविधा, पारदर्शिता और समय की बचत सुनिश्चित होगी।

 

 

इस अवसर पर सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि यह डिजिटल पहल हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के लिए एक वरदान साबित होगी। हिमाचल जैसे पर्यटन-प्रधान राज्य को इससे राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी और पर्यटकों का आवागमन तेजी से बढ़ेगा।

हिमाचल प्रदेश को होने वाले प्रमुख लाभ : हिमाचल के प्रमुख व उभरते पर्यटन स्थलों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल प्रमोशन होगा। पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। होटल, टैक्सी, होम-स्टे, ट्रैवल एजेंसियाँ और स्थानीय उद्यमियों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा। यात्रा व्यवस्था अधिक सुरक्षित, सुगम और पारदर्शी होने से पर्यटकों का अनुभव और बेहतर होगा। ग्रामीण पर्यटन व दूरस्थ क्षेत्रों को भी मुख्यधारा से जोड़ने में यह मंच प्रभावी भूमिका निभाएगा।

सांसद सुरेश कश्यप ने केंद्र सरकार और पर्यटन मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “अतुल्य भारत डिजिटल प्लेटफॉर्म हिमाचल प्रदेश के पर्यटन विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में निर्णायक सिद्ध होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।”

Shoolini University

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