आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में वीरवार को विश्वविद्यालय के सभागार में विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से नए शैक्षणिक सत्र में विभिन्न संकायों और पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए ओरियंटेशन व स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रथम सत्र के पहले दिन तीन सौ नवागन्तुक विद्यार्थियों हिस्सा लिया। नए विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय में यह पहला दिन था। इस कार्यक्रम में शिमला जिला के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (एडीसी) आई.ए.एस अभिषेक वर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मुख्य अतिथि अभिषेक वर्मा ने मां सरस्वती के सम्मान में सरस्वती वंदना व दीप प्रज्वलित कर ओरियंटेशन व स्वागत समारोह का शुभारंभ किया।
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचे एडीसी अभिषेक वर्मा का एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजेन्द्र सिंह चौहान और कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. आर.एल. शर्मा ने हिमाचली टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र सिंह चौहान ने एडीसी अभिषेक वर्मा का विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन करने, उनका मार्गदर्शन करने और जीवन में अच्छा काम करने और अच्छा नागरिक बनने के साथ साथ अच्छा इंसान बनने और बेहतर शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद किया। कुलपति चौहान ने कहा कि अभिषेक वर्मा स्वयं भी युवा आई. ए. एस. अधिकारी हैं, बहुमुखी प्रतिभा वाले छात्र रहे हैं और युवाओं को जीवन में किसी भी क्षेत्र में समाज और राष्ट्रहित में बेहतर कार्य करने के लिए अपने आप में प्रेरणाश्रोत हैं। कुलपति चौहान ने नवागंतुक विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की तथा प्राध्यापकों और अध्यापकों के साथ मिलकर हर तरह की सुविधा और सहयोग करने की बात की। कुलपति चौहान ने नवागंतुक विद्यार्थियों को सही शिक्षा, सही ज्ञान, संस्कार, चरित्रनिमाण और स्किल्स, नेतृत्व और समाज और अपने राष्ट्र के विकास में युवा पीढ़ी की भूमिका बारे विद्यार्थियों को अवगत करवाया और विश्वविद्यालय के स्वच्छ वातावरण में गुणात्मक शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि एडीसी अभिषेक वर्मा ने नवागन्तुक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश एक सुंदर प्रदेश है और शिमला में स्थित एपीजी शिमला विश्वविद्यालय हरे भरे वातावरण वाले और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले परिसर में बेहतर पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थियों के लिए अच्छा है। मुख्य अतिथि एडीसी अभिषेक वर्मा ने एक कवि के अंदाज़ में विद्यार्थियों से संवाद करते हुए व प्रेरित करते हुए कहा कि पहाड़ सिर्फ पहाड़ नहीं होते बल्कि पहाड़ धैर्य और विनम्रता के प्रतीक हैं।
अभिषेक वर्मा ने पहाड़ों से प्रेरणा लेकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि जीवन में आप कुछ भी हासिल कर लें, बड़ी ऊंचाइयों को छू लें अगर आपके चरित्र, आपकी शिक्षा, ज्ञान और कार्य में मानवहित, धैर्य, शिष्टता और विनम्रता का भाव नहीं है तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि किसी काम की नहीं। अभिषेक वर्मा ने कहा कि मनुष्य सिर्फ शिक्षा शिक्षण संस्थाओं से ही प्राप्त नहीं करता बल्कि पहली शिक्षा माता पिता और आसपास के लोगों से प्राप्त करते हैं और यह शिक्षा उन लोगों के अनुभव से सही साकारात्मक जीवन जीने का मार्गदर्शन करती है। अभिषेक वर्मा ने कहा कि आसपास के लोगों के अनुभव से शिक्षा नकारात्मक और साकारात्मक दोनों होती है लेकिन साकारात्मक शिक्षा ही ग्रहण करनी है, नाकारात्मक नहीं। अभिषेक वर्मा ने कहा कि शिक्षा का पहला काम संस्कार, चरित्रनिमाण, अनुशासन और जनकल्याण के लिए है। वर्मा ने कहा कि सीखने के लिए कई स्रोत हैं, वे सभी लोग है, लेकिन याद रहे कि जानने और सीखने के लिए विवेचना करना, मूल्यांकन करना भी करना चाहिए कि क्या सही है और गलत है। सही को सीखें और गलत और गलतियों से सीखकर सही काम करें। जब आपने यह अनुभव कर लिया और सीख लिया तो जीवन जीने की कला तो सीख ही जाएंगे।
एडीसी अभिषेक वर्मा ने कहा कि शिक्षा प्राप्ति और जीवन में सफल उद्यमी बनने या नौकरी प्राप्त कर लेने या बड़े संस्थान से पढ़ाई कर लेने से जीवन में श्रेष्ठता तभी संभव है जब आप समाज और राष्ट में रहकर उनकी आवाज बनो जिन्हें समाज भूल गया है, उन गुमनाम नायकों की आवाज बनो जिन्होंने इस समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दिया था और उन से प्रेरित होकर मानव विकास, समाज और राष्ट्र के विकास में अपनी शिक्षा का प्रयोग कर अपने माता पिता, गुरुजनों और समाज को कुछ न कुछ बदले में बेहतर उपहार दे सकें। अभिषेक वर्मा ने कहा कि जीवन कभी खत्म नहीं होता बल्कि जीवन ढेरों चॉइस से भरा पड़ा है, असफलताओं से घबराएं नहीं बल्कि मुकाबला करें और अपने लक्ष्य से डिगे नहीं और अपने जीवन का उद्देश्य ऊंचा रखें और योजनबद्ध तरीके से अपनी मंजिल को पाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। सफलता अपने आप मिल जाएगी। वर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी नशाखोरी से दूर रहें और मन लगाकर पढ़ाई करें।
कार्यक्रम के अंत प्रश्न सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने एडीसी अभिषेक वर्मा से संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के बारे में जाना और वर्मा ने विद्यार्थियों को सफलता का मूलमंत्र भी दिया कि किस तरह प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की जा सकती है। अंत में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. आर. एल. शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत कर सभी नवआगंतुक विद्यार्थियों का विश्वविद्यालय में शामिल होने के लिए धन्यवाद किया और उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से हों इसके लिए भरोसा दिलाया। कुलसचिव ने मुख्य अतिथि अभिषेक वर्मा का विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन करने और उन्हीं जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद किया।
नवागंतुक विद्यार्थियों का उत्साहवर्द्धन करने के लिए सभी संकायों के शिक्षकगण, विभागाध्यक्ष , अधिष्ठाता प्रो. डॉ. आनंदमोहन शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. नीलम शर्मा, पत्रकारिता विभाग के अधिष्ठाता डॉ. अश्वनी शर्मा, परीक्षा नियंत्रक अफजल खान, इंजीनियर विभाग से अधिष्ठाता प्रो. अंकित ठाकुर, साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. मनिंदर कौर, डॉ. मोनिका वर्मा, डॉ.भावना वर्मा और डॉ. देविका राणा, डॉ. विजयश्री, डॉ. नरेंद्र कुमार समेत विश्वविद्यालय के अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद थे।
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