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केंद्र से दिए पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पा रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार : भाजपा

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला ।  भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी, प्रवक्ता बलबीर वर्मा एवं मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार केंद्र से पैसा मांगने में तो आगे रहती है पर हिसाब देने में बहुत पीछे रहती है। कांग्रेस के सभी नेता केंद्र सरकार पर दोषारोपण करते हैं और लगातार जनता में ऐसा मैसेज देते हैं कि केंद्र से पैसा नहीं आ रहा, पर भाजपा की सभी नेता कांग्रेस के लोगों से यह पूछना चाहते हैं कि जो पैसा आया है वह हिमाचल में इस्तेमाल क्यों नहीं हो पा रहा है।

 

उन्होंने कहा कि पैसा तो दे दो पर अगर उसका इस्तेमाल ही नहीं होगा तो पैसा लेप्स होकर वापस तो जाएगा। सरल शब्दों में कहा जाए तो यह सरकार को प्रबंधन की सरकार है, केंद्र से विभिन्न योजनाओं के पैसे को व्यवस्थित तरीके से यह सरकार इस्तेमाल कर ही नहीं पाई।

 

भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए प्रदान की गई आर्थिक सहायता का उपयोग कांग्रेस सरका कर ही नहीं पा रही है। 2021 से 2025 तक स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ही आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फास्ट्रक्चर मिशन के तहत 360 करोड़ 11 लाख रुपये प्रदान किए गए हैं, जिसमें से प्रदेश सरकार केवल 78 करोड़ ही खर्च कर पाई है। इस योजना के तहत प्रदेश में 73 ब्लाक लेबल पब्लिक हेल्थ यूनिट बनाए जाने प्रस्तावित हैं, जिनमें से छह ही बन पाए हैं जबकि 14 के टेंडर हुए हैं।

 

आठ क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित होने हैं, जिसमें रोहडू, रिकांगपिओ, घवांडल, टांडा, मंडी अस्पताल व पांवटा साहिब शामिल हैं। प्रदेश को 15वें वित्तायोग से 521 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसमें से केवल 128 करोड़ 62 लाख रुपये ही खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि 25 मई को मुख्यमंत्री भाजपा के वृक्ष नेता जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में मिले थे और नफा ने स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री को कहा था कि जो पैसा दिया है इसका इस्तेमाल करो और देंगे पर इस्तेमाल तो करो । मुख्यमंत्री ने नड्डा से जाइका से पैसा दिलवाने का आग्रह किया था जिस पर 30 जून को 1138 करोड़ रुपये केंद्र ने मंजूर किए। इसमें से प्रदेश सरकार को 1024 करोड़ रुपये ग्रांट इन एड दिए गए हैं जबकि शेष राशि सस्ते लोन पर उपलब्ध करवाई गई है।

 

भाजपा नेताओं ने कहा कि केंद्र की ओर से हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी गई है अगर कमी और खोट है तो वह हिमाचल प्रदेश की सरकार में ही है।

जिला प्रशासन हर आपदा से निपटने के लिए तैयार – अनुपम कश्यप

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि मानसून में लगातार भारी बारिश से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर काफी नुकसान हुआ है और जिला शिमला भी इसका असर देखने को मिला है लेकिन जिला प्रशासन हर आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से सजग और तैयार है।

 

उपायुक्त आज यहाँ जिला के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा, जिसके लिए सभी विभाग निरंतर स्थिति का जायजा लेते रहें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत आवश्यक कार्यवाई करें। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में मानसून की बारिश से फिलहाल कोई बड़ी घटना नहीं घटी है पर हम सभी को सजग रहने की जरुरत है।

 

 

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड, पुलिस की टीम 24×7 रहेंगी तैयार

उपायुक्त ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, होमगार्ड और पुलिस विभाग को अपनी त्वरित प्रतिक्रिया टीम तैयार रखने के निर्देश दिए हैं ताकि आपदा आने पर यह टीम सम्बंधित क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य तुरंत प्रारंभ कर सके। यह टीम जिला में विभिन्न स्थानों पर 24×7 तैयार रहेंगी जिसमें एक टीम शिमला शहर की लिफ्ट के पास, दूसरी मॉल पर स्थित पुलिस सहायता कक्ष के पास, तीसरी सुन्नी में, चौथी पराला में और पांचवी रामपुर में तैनात रहेगी। उन्होंने सभी को उपलब्ध संसाधनों की समय रहते जाँच करने के भी निर्देश दिए ताकि जरुरत पड़ने पर कोई समस्या न आये।

lसभी स्कूल अपने भवन की करें जांच

उपायुक्त ने कहा कि जिला में सभी स्कूल फ़िलहाल खुले रहेंगे। अगर किसी क्षेत्र में कोई आपदा या अन्य समस्या आती है तो सम्बंधित उपमंडल दण्डाधिकारी स्कूल बंद करने के लिए आदेश जारी करेंगे। उन्होंने सभी स्कूलों को अपने भवन की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अगर किसी स्कूल के भवन को खतरा है तो ही स्कूल बंद करने से संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर आपदा की स्थिति में स्कूल बंद किए जाते हैं तो ऑनलाइन माध्यम से पढाई जारी रहेगी, जिसके लिए सभी स्कूल अपने ऑनलाइन तंत्र को तैयार रखें।

आपदा मित्र और युवा स्वयं सेवियों की ली जाएगी मदद

उपायुक्त ने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए जिला में लगभग 200 आपदा मित्र तैयार किए गए हैं, जिन्हे हर प्रकार की आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में उपलब्ध आपदा मित्रों की सहायता आपदा से निपटने के लिए ली जाएगी। इसके अतिरिक्त, युवा स्वयं सेवियों से भी आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य में सहायता ली जाएगी।

जिला में खुदाई और कटाई कार्य पर रहेगा प्रतिबंध

अनुपम कश्यप ने कहा कि मानसून के दौरान पूरे जिला में खुदाई, उत्खनन और कटाई कार्य पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा ताकि बारिश से भूस्खलन न हो। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी कटाई वाले स्थानों को तरपाल से ढकने के भी निर्देश दिए ताकि कोई भूस्खलन न हो और किसी भी सरकारी और निजी भूमि को नुकसान हो।

एसडीएम अस्थाई पुनर्वास योजना करें तैयार

उपायुक्त ने कहा कि उपमंडल दंडाधिकारी अपने क्षेत्र में अस्थाई पुनर्वास की योजना भी तैयार करें। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान लोगों का दूसरी जगह अस्थाई पुनर्वास करवाना पड़ता है, जिसके लिए अभी से उपयुक्त जगह का चयन किया जाना चाहिए जहाँ सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो ताकि जरुरत पड़ने पर प्रभावित लोगों को वहां आश्रय प्रदान किया जा सके।

खाद्यान्न की उपलब्धता करें सुनिश्चित

उपायुक्त ने जिला नियंत्रक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले को निर्देश दिए की आपदा की सम्भावना को ध्यान में रखते हुए खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करें और जरुरत पड़ने पर सभी के लिए भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

हर क्षेत्र में डॉक्टर की टीम रहे तैनात

उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हर क्षेत्र में 2-3 डॉक्टर की टीम तैनात रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी आपदा के दौरान प्रभावित लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए जोकि निजी एम्बुलेंस और शव वाहन चालकों से सीधे संपर्क में रहे।

अफवाहों पर न करें विश्वास, आधिकारिक फेसबुक पेज से लें जानकारी

उपायुक्त ने कहा कि सोशल मीडिया में चल रही हर खबर पर विश्वास न करें और किसी भी प्रकार की जानकारी लेने के लिए केवल डीसी शिमला, शिमला पुलिस, डीपीआरओ शिमला और डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी शिमला के आधिकारिक फेसबुक पेज पर जाएं।

यह रहे उपस्थित
बैठक में पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रोटोकॉल ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी कानून एवं व्यवस्था पंकज शर्मा सहित, उपमंडल दण्डाधिकारी शिमला ग्रामीण मंजीत शर्मा, सहायक आयुक्त देवी चंद ठाकुर सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड व विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

डॉ बिंदल बने भाजपा अध्यक्ष तीसरी बार,भाजपा मुख्यालय में संभाला पदभार

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों 

शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने पार्टी मुख्यालय दीप कमल चक्कर में पदभार ग्रहण किय। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप, संजीव कटवाल, संगठन महामंत्री सिद्धार्थ सहित भाजपा प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित रहे।

 

इस अवसर पर पदभार ग्रहण करने से पूर्व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल को कुमकुम और चावल का टीका लगाया। उसके उपरांत डॉ राजीव बिंदल ने पद ग्रहण किया, इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, संगठन महामंत्री सिद्धार्थ एवं समस्त पदाधिकारीयो ने डॉक्टर बिंदल को फूल मालाएं पहना एवं लड्डू खिलाकर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। यह जानकारी भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा द्वारा दी गई।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की  बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष  महेंद्र सिंह तंवर  की अध्यक्षता में फॉक्स रिजॉर्ट रांची झारखंड मैं संपन्न हुई

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

  1. शिमला । अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की  बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष  महेंद्र सिंह तंवर  की अध्यक्षता में फॉक्स रिजॉर्ट रांची झारखंड मैं संपन्न हुई जिसमें  डिंपल राणा राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा  डी पी सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सिंह  ए पी सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सीनियर एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ध्यान पाल जादौन अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश गीता चौहान एडवोकेट अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश महिला विंग  एच एन सिंह एडवोकेट तेज प्रताप सिंह एडवोकेट दिल्ली  विनय कुमार सिंह ठाकुर प्रदेश अध्यक्ष झारखंड कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह युवा प्रदेश अध्यक्ष आदर्श कुमार  सूर्य देव सिंह महासचिव प्रदेश झारखंड  मनीषा महिला प्रदेश अध्यक्ष झारखंड दामोदर सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बिहार मीटिंग में उपस्थित हुए।

जिला कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन में बूथ एवं पंचायत स्तर तक संगठन को मजबूत करने बल पर दिया जाएगा

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आदर्श  हिमाचल ब्यूरों

शिमला ।प्रदेश में संगठनात्मक गतिविधियों को गति देने और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी  रितुराज गोविंद झा और सह-प्रभारी  विजय फुलारा सात दिवसीय जिला कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन के दौरे पर निकल रहे हैं।

 

 

इस दौरे का उद्देश्य पार्टी संगठन के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं में संवाद स्थापित करना एवं बूथ एवं पंचायत स्तर तक पार्टी संगठन को मजबूत करना है।

 

 

आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश में संगठन और पार्टी विचारधारा को जन-जन तक लेकर जाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही प्रदेश के होनहार युवाओं से आम आदमी पार्टी ने आव्हान किया है कि हिमाचल प्रदेश की बेहतरी के लिए युवा आम आदमी पार्टी से जुड़ें। आज जिस प्रकार प्रदेश कर्जे में डूबता जा रहा है उससे प्रदेश को केवल एक वैकल्पिक राजनीति ही उभार सकती है।

*जिला वार कार्यक्रम*
– 3 जुलाई : मंडी जिला
– 4 जुलाई : कुल्लू जिला
– 5 जुलाई : कांगड़ा जिला
– 6 जुलाई : कांगड़ा जिला
– 7 जुलाई : चंबा जिला
– 8 जुलाई: हमीरपुर जिला

जिला कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन के दौरान जिलों में दौरे के लिए आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेश के 22 नेताओं की केंद्रीय टीम तैयार की गई है जो प्रभारी और सह प्रभारी के साथ दौरे में साथ रहेंगे।

जिला कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन- केंद्रीय टीम

1- सुरजीत सिंह ठाकुर (प्रदेश अध्यक्ष)
2- राकेश मंडोत्रा (प्रदेश सचिव)
3- पूर्णचंद (प्रदेश उपाध्यक्ष)
4- शेर सिंह ठाकुर (प्रदेश उपाध्यक्ष)
5- राकेश चमन आजटा (लोकसभा अध्यक्ष )
6- बलदेव राज (प्रदेश प्रवक्ता)
7- रीता ठाकुर (पर्यवेक्षक शिमला)
8- नैना सिंह (राज्य महिला उपाध्यक्ष)
9- सुषमा शर्मा (प्रदेश प्रवक्ता)
10- पंकज सोहल (लोकसभा पर्यवेक्षक , सह सचिव)
11- अत्तर सिंह चंदेल (उपाध्यक्ष शिमला एवं पूर्व प्रत्याशी, ठियोग)
12- केशव नरयाल (जिला अध्यक्ष, बिलासपुर)
13- मनीष नेगी (जिला किन्नौर)
14- बिमला चौहान (महिला विंग, जिला मंडी)
15- अनिल राणा (पूर्व प्रत्याशी, जिला हमीरपुर)
16- अश्वनी शर्मा (प्रवक्ता, सरकाघाट)
17- पवन कुमार (जिला मंडी)
18- तिलक राज रोच (पर्यवेक्षक जिला शिमला)
19- शेरा नेगी (जिला अध्यक्ष, कुल्लू)
20- नीरज सैनी (पूर्व प्रत्याशी, जिला कुल्लू)
21- डॉक्टर सुमित पुनियाल (जिला हमीरपुर)
22- मनजीत नेगी (जिला प्रवक्ता, किन्नौर)

आम आदमी पार्टी ने कहा कि जमीनी स्तर पर मजबूती ही किसी भी संगठन की सफलता की कुंजी होती है। यह दौरा प्रदेश भर में पार्टी की उपस्थिति को और अधिक प्रभावी बनाएगा और आगामी चुनौतियों के लिए संगठन को तैयार करेगा।

अदालतें बन रही हैं जलवायु की रणभूमि

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आदर्श हिमाचल की विशेष रिपोर्ट

दुनिया भर में बढ़ते क्लाइमेट मुक़दमे और भारत में इसकी गूंज

एक ज़माना था जब जलवायु संकट का ज़िक्र सिर्फ़ वैज्ञानिक रिपोर्टों, यूएन सम्मेलनों या NGO की याचिकाओं तक सीमित होता था। लेकिन अब वही मुद्दा अदालतों की चौखट लांघ चुका है। कोर्टरूम अब सिर्फ़ न्याय का मंच नहीं, बल्कि जलवायु की अगली लड़ाई का अखाड़ा बन चुके हैं। और इस बदलाव की पुष्टि करता है Grantham Research Institute (London School of Economics) का नया विश्लेषण, जिसने दुनिया भर में जलवायु मुक़दमों की तस्वीर बदलती देखी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 से 2024 के अंत तक दुनिया भर में 276 जलवायु मामले उच्चतम न्यायालयों (जैसे सुप्रीम कोर्ट या संविधानिक अदालतों) तक पहुंचे हैं। ये आंकड़े केवल संख्या नहीं हैं—ये एक नई चेतना का संकेत हैं, जहां आम लोग, समुदाय, और संस्थाएं जलवायु के नाम पर जवाबदेही मांग रही हैं। अमेरिका में दो मामलों में राज्य सरकारों को अधिक महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई के आदेश दिए गए। यूरोप की सुप्रीम कोर्ट्स, ख़ासतौर पर नॉर्वे और ब्रिटेन की, नए फॉसिल ईंधन प्रोजेक्ट्स को रोकने के पक्ष में खड़ी दिखीं। नॉर्वे ने तो नॉर्थ सी के नए तेल क्षेत्र के अनुमोदन पर रोक ही लगा दी।

लेकिन हर मुक़दमा जलवायु संरक्षण के लिए नहीं लड़ा जा रहा। 2024 में दर्ज 226 मामलों में से 60 ऐसे थे जो सरकार की क्लाइमेट नीति के विरुद्ध थे। इनमें से कई ESG (Environmental, Social, Governance) बैकलैश का हिस्सा हैं—यानि वो शक्तियाँ जो जलवायु नीतियों को आर्थिक या राजनीतिक बाधा मानती हैं। Grantham Institute मानता है कि ट्रंप-वैन्स प्रशासन के तहत अमेरिका में ऐसे मुक़दमे और तेज़ी से बढ़ सकते हैं, जो जलवायु नीति को उलटने का प्रयास करेंगे।

क्लाइमेट लिटिगेशन की बदलती प्रकृति: अब सिर्फ़ नीति नहीं, कंपनियों की भी ज़िम्मेदारी तय हो रही है

रिपोर्ट बताती है कि 2015 से 2024 के बीच 80 से ज़्यादा “polluter pays” मुक़दमे दायर हुए, जिनमें प्रदूषण फैलाने वालों से आर्थिक मुआवज़ा मांगा गया। इनमें से कई मामलों में कंपनियों को हर्जाने देने का आदेश मिला—खासकर ब्राज़ील में अवैध जंगल कटाई से जुड़े मुक़दमों में।

जर्मनी के चर्चित मामले Lliuya बनाम RWE में, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि कंपनियों को उनके ऐतिहासिक कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है—भले ही वह मुक़दमा सबूतों के आधार पर खारिज हो गया हो।

2024 में दर्ज किए गए कुल मुक़दमों में 20% कंपनियों के ख़िलाफ़ थे। इनमें से कई मुक़दमे तथाकथित “ग्रीनवॉशिंग” पर थे—यानि जब कंपनियां पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का झूठा दावा करती हैं, पर असल में वो टिकाऊ नहीं होतीं। अब ये मुक़दमे सिर्फ़ तेल-गैस कंपनियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि फैशन, फूड और फाइनेंशियल सेक्टर की बड़ी ब्रांड्स भी घेरे में हैं।

भारत में जलवायु न्याय की पहली दस्तकें

भारत में जलवायु मुक़दमे अब भी नवजात अवस्था में हैं, लेकिन कुछ मामलों ने संकेत दे दिए हैं कि यह क्षेत्र जल्द ही तेज़ गति से बढ़ सकता है।

  1. ऋद्धिमा पांडे बनाम भारत सरकार (2017):

महज़ 9 साल की उम्र में ऋद्धिमा ने जलवायु न्याय के लिए आवाज़ उठाई। उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में याचिका दाख़िल की कि भारत सरकार की क्लाइमेट पॉलिसी पेरिस समझौते के तहत की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप नहीं है। हालाँकि NGT ने यह याचिका खारिज कर दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अब भी लंबित है। खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कई मंत्रालयों को नोटिस जारी कर जवाबदेही मांगी है। ये एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो भारत की न्यायपालिका को जलवायु न्याय की ओर उन्मुख करता है।

  1. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड केस (M.K. Ranjitsinhबनाम भारत सरकार, 2024):

यह मामला बेशक एक पक्षी की रक्षा के नाम पर शुरू हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला कहीं गहरे तक जाता है। अदालत ने साफ़ शब्दों में कहा कि “जलवायु परिवर्तन से मुक्त रहने का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार है।” ये भारत की संवैधानिक सोच में जलवायु को पहली बार स्पष्ट रूप से जगह देने जैसा है।

इन दो मामलों के अलावा, भारत में कई पर्यावरणीय याचिकाओं में जलवायु परिवर्तन का ज़िक्र ज़रूर आता है, परंतु अदालतें अब तक इन मुद्दों को सहायक तर्क की तरह ही देखती रही हैं, न कि मुक़दमे की मूल भावना के रूप में।

भारत को क्या सबक लेना चाहिए?

भारत में जलवायु नीति का ज़िक्र ज़रूर होता है, लेकिन अब वक्त आ गया है कि जलवायु न्याय एक विधिक ढांचे में तब्दील हो। भारत के पास अभी तक कोई समर्पित जलवायु क़ानून नहीं है। ऐसे में अदालतें मौजूदा पर्यावरण कानूनों और संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) के तहत ही जलवायु मामलों को सुन रही हैं। लेकिन जिस रफ़्तार से जलवायु संकट गहराता जा रहा है, उसमें इस स्तर की कानूनी अस्पष्टता अब पर्याप्त नहीं रह गई है।

जो दुनिया की अदालतें कर रही हैं, वो केवल न्याय नहीं दे रहीं—वे बदलाव की राह खोल रही हैं। भारत में भी ऋद्धिमा और ग्रेट इंडियन बस्टर्ड जैसे मामले इस बात का आह्वान कर रहे हैं कि जलवायु अब केवल पर्यावरण का विषय नहीं, बल्कि जीवन और संविधान का विषय है।

चलते चलते Grantham Institute की विशेषज्ञ Joana Setzer कहती हैं, “Litigation is now a two-way street”

यानि अदालतें अब जलवायु कार्रवाई को तेज़ करने और उसे रोकने—दोनों तरह के मुक़दमों की ज़मीन बन चुकी हैं। भारत को तय करना है कि वह इस सड़क पर किस दिशा में बढ़ना चाहता है।

क्योंकि अगर हम जलवायु संकट से वाक़ई जूझना चाहते हैं, तो अदालत की डेस्क भी उतनी ही अहम होगी जितनी कोई पॉलिसी टेबल।

 

 

 

लोगों को बेहतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य करें सभी बैंक – उपायुक्त

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहाँ बचत भवन सभागार में जिला स्तरीय त्रैमासिक समीक्षा एवं सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न योजनाओं को लेकर खंड स्तर पर विस्तार से चर्चा की गई।

 

उपायुक्त ने कहा कि सभी बैंक लोगों को बेहतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि लक्ष्यों का निर्धारण व्यावहारिक होना चाहिए ताकि निर्धारित लक्ष्य और प्राप्त लक्ष्य में अंतर ज्यादा न हो।
बैठक में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत 8208.93 करोड़ रूपए का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से जिला ने वित्त वर्ष की आखरी तिमाही मार्च तक 6025.63 करोड़ रूपए का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है जोकि 73.40 प्रतिशत है। इसमें कृषि क्षेत्र में 61.97 प्रतिशत, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में 92.58 प्रतिशत तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में 85.10 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त किया गया है।

 

उपायुक्त ने बैंकिंग अधिकारियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लोगों को प्रदान करने के निर्देश दिए ताकि जरूरतमंद परिवारजनों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। जिला शिमला में प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 31 मार्च 2025 तक 199963 खाते खोले गए हैं।

 

जून, 2024 तक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 3 लाख 48 हजार 504 लोगों ने, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 01 लाख 49 हजार 131 लोगों ने एवं अटल पेंशन योजना के तहत 73 हजार 755 लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया है।
उन्होंने कहा कि मार्च, 2025 तक कुल 652 स्वयं सहायता समूह को 13 करोड़ 12 लाख रूपये की राशि ऋण सहायता के रूप में प्रदान की गयी है ताकि ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में वृद्धि लायी जा सके। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत जिला में मार्च, 2025 तक 189 मामलों के तहत 17 करोड़ 45 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई है।

किसानों को केसीसी की अदायगी के लिए करें प्रोत्साहित

बैठक में बताया गया कि मार्च 2025 तक किसान क्रेडिट कार्ड के कुल 93745 खातों में 3304 करोड़ 12 लाख रूपए की बकाया राशि है। उपायुक्त ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कोई भी किसान डिफाल्टर नहीं होना चाहिए इसलिए किसानों को समय पर अदायगी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाये।

 

बैठक में बताया गया कि इस तिमाही में सभी बैंक द्वारा लगभग 736 वित्तीय साक्षरता शिविरों का आयोजन किया गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम आगामी तिमाही में देखने को मिलेंगे। उन्होंने सभी बैंक के अधिकारियों को इस संदर्भ में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि साक्षरता शिविरों के माध्यम से बैंकिंग अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकार की योजनाओं एवं बैंकिंग प्रणाली से अवगत कराएं।

 

बैठक में बताया गया कि गत वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान एवं वित्तीय साक्षरता एवं क्रेडिट परामर्श केंद्र द्वारा 34 बैच में कुल 1078 प्रशिक्षुओं को मधुमक्खी पालन, ब्यूटी पार्लर चलाने, जूट के उत्पाद तैयार करने, पापड, अचार व मसाला पाउडर तैयार करने, सूट सिलने आदि से सम्बंधित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर अग्रणी जिला प्रबंधक कुलवंत राय ने उपायुक्त का स्वागत किया और उन्हें गत बैठक की कार्यवाही से अवगत करवाया।

 

बैठक में आरबीआई से एजीएम आशीष शर्मा, नाबार्ड से डीडीएम विवेक अबरोल, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र संजय कंवर, उपनिदेशक पशुपालन डॉ. नीरज मोहन, उपनिदेशक कृषि अजब कुमार नेगी, विभिन्न बैंक के अधिकारी एवं प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  सौदान सिंह के शिमला आगमन पर भाजपा अध्यक्ष ने हार्दिक स्वागत किया।

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  सौदान सिंह के शिमला आगमन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल,  राजीव भारद्वाज, बिहारी लाल शर्मा, संजीव कटवाल,  कर्ण नंदा, और  सजीव दृष्टा ने हार्दिक स्वागत किया।

 

इस अवसर पर विभिन्न संगठनात्मक विषयों पर सार्थक चर्चा हुई, जिसमें पार्टी की रणनीति, कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय, और आगामी योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। यह बैठक हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम रही।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मैराथन विजेताओं को सम्मानित किया

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला । नशे के विरूद्ध जागरूकता बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग द्वारा  शिमला में 12वीं हिमाचल प्रदेश पुलिस हाफ मैराथन का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मैराथन विजेताओं को सम्मानित किया। इस मैराथन में पुरूष, महिला और वरिष्ठ नागरिक (75 वर्ष से अधिक) श्रेणी के प्रतिभागियों ने भाग लिया।

 

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नशे संबंधी गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने नशे संबंधी गतिविधियों में शामिल 80 सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई है। नशे की तस्करी संबंधी मामलों में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है और राज्य सरकार पुलिस बल में अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मैनुअल में संशोधन पर विचार कर रही है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार निकट भविष्य में बड़े स्तर पर नशा विरोधी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है। नशे पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत स्तर पर मैपिंग करवाई जा रही हैै। सरकार नशे की तस्करी पर रोक लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का भी गठन कर रही है जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग को मजबूत करने के लिए 500 नए पद भरे जाएंगे।

 

नशे के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं जिनको नशे की बुराई से बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंे द्विआयामी रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है जिसमें नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और नशे के आदि लोगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाकर काम किया जा रहा है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने पीआइटी-एनडीपीएस अधिनियम को लागू किया है जिसे पिछली भाजपा सरकार पांच साल के कार्यकाल के दौरान लागू नहीं कर पाई। इस अधिनियम के तहत 40 डिटेंशन आदेशों को मंजूरी दी गई जिनमें से इस वर्ष 36 आदेश जारी किए गए। सरकार ने नशे के तस्करों के विरूद्ध कड़ा रूख अपनाते हुए सात नशा तस्करों की संपत्तियों को गिराया गया है और अन्य के खिलाफ सक्रियता से कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश एंटी ड्रग्स एक्ट पारित किया है जिससे अपराधियों और पीड़ितों के बीच अन्तर किया जा सकता है। नशे से पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार कार्य कर रही है ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों के साथ खुला संवाद स्थापित करने का आह्वान किया और उन्हें नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों से नशा निवारण अभियानों में सक्रियता से भाग लेने का भी आह्वान किया।

 

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाफ मैराथन (21.5 किलोमीटर) पुरूष वर्ग के विजेता रविदास और महिला वर्ग की विजेता रूबी कश्यप को 51-51 हजार रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त मिनी मैराथन (10 किलोमीटर) पुरूष वर्ग के विजेता रवि चौधरी, महिला वर्ग में सुनीता, ड्रीम रन (3 किलोमीटर) 16 से 30 आयुवर्ग (पुरूष) वर्ग के प्रथम विजेता मोहम्मद सोहेल, (महिला) वर्ग के लिए विपाशा वर्मा, 31 से 45 आयुवर्ग (पुरूष) वर्ग के प्रथम विजेता नागेंद्र पाल, महिला वर्ग के लिए प्रतिभा, 46 से 60 आयुवर्ग (पुरूष) वर्ग के प्रथम विजेता कुलदीप, महिला वर्ग में विजेता, 10 से 15 आयुवर्ग के लिए पुरूष वर्ग में हर्ष कुमार, महिला वर्ग रीतिका वर्मा को सम्मानित किया।

 

मुख्यमंत्री ने ‘हार्मनी ऑफ पाइन’ के नशे पर जन जागरूकता आधारित एक विशेष गीत को भी जारी किया।
विधायक हरीश जनारथा, महापौर सुरेन्द्र चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान (मीडिया) सलाहकार नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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स्टेटा ब्रदर्स बटाड़” द्वारा आयोजित पंचायत स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में मुख्य आतिथि के रूप में शिरकत की

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आदर्श हिमाचल ब्यूरों

शिमला ।  शिक्षा मंत्री  रोहित ठाकुर  ने जुब्बल तहसील की ग्राम पंचायत कठासू के बटाड़ गाँव में नव युवक मंडल “स्टेटा ब्रदर्स बटाड़” द्वारा आयोजित पंचायत सतरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में बतौर मुख्य आतिथि के रूप में शिरकत की। बटाड़ गाँव में नव युवक मंडल स्टेटा ब्रदर्स बटाड़ द्वारा व स्थानीय जनता द्वारा गर्मजोशी के साथ शिक्षा मंत्री  का स्वागत व अभिनंदन किया गया।

 

शिक्षा मंत्री  रोहित ठाकुर  ने नव युवक मंडल स्टेटा ब्रदर्स बटाड़ के सभी आयोजकों को वॉलीबॉल प्रतियोगिता के इस सफ़ल आयोजन के लिए बधाई दी। इस दौरान जिला परिषद् सदस्य  कौशल मूंगटा , प्रधान ग्राम पंचायत कठासू  गीता नाज्टा , पूर्व जिला परिषद् सदस्य  मोती लाल सीथटा , हिमफ़ैड के निर्देशक  भीम सिंह झौटा , एसडीएम जुब्बल, अधिशासी अभियंता,जुब्बल, तहसीलदार जुब्बल, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधिगण, अधिकारीगण व कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।

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