शूलिनी विश्वविद्यालय में कराधान कानूनों की व्यावहारिक समझ पर कार्यशाला का आयोजन
पानी से जुड़ी हर समस्या, सेवा या जानकारी के लिए सिर्फ एक नंबर 87671 98000 करें डायल शिमलावासियो से SJPNL की अपील
केंद्र ने एनएच-154ए पर संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों की मरम्मत के लिए 93.55 करोड़ रुपये मंजूर किएः विक्रमादित्य सिंह
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । हिमाचल प्रदेश सरकार के निरंतर और प्रभावी प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत सरकार ने नेशनल हाईवे-154ए के संवेदनशील स्थानों पर तटबंधों की विशेष मरम्मत के लिए 93,55,59,489 रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां बताया कि मानसून के दौरान इस राष्ट्रीय राजमार्ग को बार-बार होने वाले नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार निरन्तर इस मामले को केंद्र से उठा रही थी। चंबा जिला में मानसून आपदा के बाद हुए नुकसान का विस्तृत आकलन किया गया और उन्होंने स्वयं जाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में विस्तृत चर्चा की। आकलन के उपरान्त त्वरित वित्तीय सहायता के लिए इस प्रस्ताव को प्राथमिकता के साथ केंद्र सरकार को भेजा गया। भूस्खलन, कटाव और सड़क टूटने की घटनाओं के कारण यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान में रखते हुए यह मामला गंभीरतापूर्वक केन्द्र से उठाया गया था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के बाद केंद्र के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लोक निर्माण विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव का परीक्षण कर तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना चंबा जिला के चक्की-बनीखेत-चंबा-भरमौर सड़क मार्ग के संवेदनशील तटबंधों की विशेष मरम्मत से संबंधित है। योजना को पूरी सावधानी के साथ कार्यान्वित किया जाएगा ताकि अनावश्यक विलम्ब और लागत बढ़ोतरी से बचा जा सके।
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि इस कार्य योजना के तहत वर्ष 2025-26 में 30 प्रतिशत कार्य, वर्ष 2026-27 में संपूर्ण कार्य और उसके बाद वर्ष 2031-32 तक नियमित रखरखाव का प्रावधान किया गया है। इससे इन संवेदनशील हिस्सों की लंबे समय तक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और सड़क की मजबूती में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय के लिए रखरखाव की यह स्वीकृति प्रदेश सरकार के प्रयासों का परिणाम है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि एनएच-154ए पर्यटन, व्यापार और स्थानीय लोगों के दैनिक आवागमन के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण मार्ग है। तटबंधों की मजबूती से भारी बारिश के समय सड़क बंद होने की घटनाएं भी कम होंगी। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर बार-बार होने वाली सड़क धंसने की घटनाएं न केवल यात्रियों के लिए घातक हैं, बल्कि यह आवश्यक सेवाओं और आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करती है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह स्वीकृति राज्य में सड़क सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार अन्य संवेदनशील राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भी इसी प्रकार की स्वीकृतियां प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि पूरे प्रदेश में निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए शिमला में तैनात मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी को आहरण एवं वितरण अधिकारी नियुक्त किया गया है। सभी कार्य सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी तकनीकी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किए जाएंगे।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सड़क अवसंरचना को उन्नत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। केंद्र द्वारा एनएच-154ए के लिए दी गई यह बड़ी स्वीकृति भी इन्हीं निरंतर प्रयासों और प्रभावी फॉलो-अप का परिणाम है।
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अनोखी डाली मेले को जिला स्तरीय घोषित करने का दिया आश्वासन
इस अवसर पर पंचायत समिति के उपाध्यक्ष रामलाल ठाकुर, ब्लॉक कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष गोपाल शर्मा, उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर, बीडीओ टूटू कार्तिकेय शर्मा, बागी पंचायत प्रधान नरेश ठाकुर, धमून, ज़ुबरहट्टी तथा चनोग पंचायत प्रधान, आसपास की पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के अधिकारी, मेला कमेटी के समस्त प्रतिनिधिगण व बड़ी संख्या में मेला प्रेमी उपस्थित रहे।
कांग्रेस सरकार का कुप्रबंधन बेनकाब — सुरक्षा हेतु खरीदा आपातकालीन वाहन निजी उपयोग में लगा : प्यार सिंह कंवर
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । भाजपा प्रदेश सह मीडिया संयोजक प्यार सिंह कंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार कुप्रबंधन तथा जनसुविधाओं के साथ खिलवाड़ का खुला खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में आपातकालीन सेवाओं को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है, जो सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
प्यार सिंह ने बताया कि जिन दो आपातकालीन/काल ड्यूटी वाहनों (एचपी 63 सी–7802) तथा (एचपी 63 सी–7805) को सरकार ने चिकित्सकों और स्टाफ, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए खरीदा था, उनमें से एक वाहन को कथित रूप से सीनियर मेडिकल सुपरिटेंडेंट की निजी अटैच गाड़ी के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इस गंभीर अनियमितता के संबंध में डॉक्टर एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सचिव को लिखित शिकायत भेजकर वाहन को तुरंत आपातकालीन सेवाओं में पुनः बहाल करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि कोलकाता मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हिमाचल सरकार ने महिला डॉक्टरों और स्टाफ के सुरक्षित आवागमन हेतु ये वाहन खरीदे थे। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला और सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा में देर रात तक ड्यूटी, ओवरटाइम और इमरजेंसी कॉल के दौरान सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के लिए इन वाहनों को 24 घंटे सेवा पर तैनात किया गया था।
प्यार सिंह कंवर ने बताया कि वाहन (एचपी 63 सी–7802) को आपातकालीन ड्यूटी से हटाकर निजी उपयोग में लगाना न केवल सरकारी आदेशों की सीधी अवहेलना है, बल्कि वित्तीय अनियमितता और स्टाफ की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी है। आईजीएमसी में 40 डॉक्टर और 100 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ तैनात रहता है। संस्थान का कार्य क्षेत्र व्यापक है, तथा आपातकालीन परिस्थितियों में स्टाफ को देर रात शहर के विभिन्न इलाकों से बुलाया जाता है, जिसके लिए एक वाहन पर्याप्त नहीं होता। इसके अलावा, आईजीएमसी और चमियाणा के बीच ब्लड व ब्लड प्रोडक्ट्स ले जाने के लिए भी आपातकालीन वाहन का उपयोग किया जाता है। चमियाणा में 24×7 ब्लड बैंक उपलब्ध न होने के कारण एक वाहन अधिकतर इस कार्य में व्यस्त रहता है। ऐसे में कम से कम दो वाहनों की उपलब्धता अनिवार्य है।
पेंशन और मेडिकल बिलों के भुगतान में हो रही देरी पर भाजपा ने जताई कड़ी नाराज़गी
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । भाजपा प्रदेश वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार को हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मचारियों की कोई चिंता नहीं है। पेंशन न मिलने से सेवानिवृत वरिष्ठ कर्मचारी लगातार परेशान हैं और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) के पेंशनरों ने पेंशन में हो रही लगातार देरी और लंबित मेडिकल बिलों के भुगतान न होने के खिलाफ सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
त्रिलोक कपूर ने कहा कि 20 नवंबर तक भी पेंशन जारी न होना चौंकाने वाला और दुखद है, जिससे पेंशनरों को गंभीर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पेंशन के साथ-साथ महीनों से रुके पड़े मेडिकल बिलों के भुगतान को लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कपूर ने कहा कि इलाज कराने के लिए वृद्ध पेंशनरों को अब अपनी जमा पूंजी खर्च करनी पड़ रही है। इसके बावजूद सरकार उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने बताया कि नवंबर का आधा महीना बीत चुका है लेकिन पेंशन अब तक जारी नहीं की गई, जिससे पेंशनरों में भारी आक्रोश है। पुराने पेंशनरों को भी हर महीने पेंशन मिलने में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी की स्वर्ण जयंती के अवसर पर कई घोषणाएं की थीं, लेकिन वे अभी तक धरातल पर नहीं उतर सकी हैं। त्रिलोक कपूर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने और पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा का वायदा किया था, लेकिन आज हालात यह हैं कि पेंशनधारक समय पर भुगतान के लिए भी तरस रहे हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की कि पेंशन और मेडिकल बिलों का भुगतान तत्काल प्रभाव से किया जाए, ताकि वृद्ध और सेवानिवृत कर्मचारी सम्मानजनक जीवन जी सकें।
तीन साल का जश्न नहीं, सरकार को करना चाहिए आत्मचिंतन: युवाओं के वादे अधूरे”- रोहित भारद्वाज
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । पिछले तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश की सुखु सरकार पर युवाओं के साथ वादों के अनुरूप व्यवहार न करने के आरोप लगातार बढ़ते रहे हैं। सरकार ने अपने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को हर साल एक लाख रोजगार देने का जो बड़ा वादा किया था, वह ज़मीन पर कहीं दिखाई नहीं देता। आरोप है कि तीन साल में एक लाख तो दूर, 30 हज़ार नौकरियां भी युवाओं को उपलब्ध नहीं करवाई गईं। इससे नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं में गहरा असंतोष है।
रोहित ने कहा भर्तियों में देरी और पारदर्शिता पर सवाल
कई विभागों में भर्तियाँ लंबे समय से लंबित पड़ी हैं। लिखित परीक्षाएँ, परिणाम तथा नियुक्ति प्रक्रियाएँ अक्सर विलंब से चल रही हैं। इससे युवाओं में यह धारणा बनी कि सरकार रोजगार निर्माण को लेकर गंभीर नहीं है। कुछ भर्ती बोर्डों और विभागीय परीक्षाओं पर पारदर्शिता को लेकर भी सवाल उठे, जिससे विश्वास और कमजोर हुआ।
सरकार ने युवाओं के साथ-साथ आम जनता के लिए भी कई वादे किए थे—जैसे 1500 रुपये प्रतिमाह महिलाओं के लिए, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, स्वरोजगार को प्रोत्साहन, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को मजबूत करना आदि। परंतु कथित रूप से इनमें से कई गारंटियाँ समय पर पूरी न होने से जनता में असंतोष बढ़ा है। रोहित ने कहा युवाओं का मानना है कि सरकार की प्राथमिकताओं में उनका हित लगातार पीछे रहा।
जश्न बनाम आत्मचिंतन का सवाल
सरकार अपने तीन वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाने मंडी जा रही है, जिसे विरोधी और असंतुष्ट युवा “दुर्भाग्यपूर्ण” बता रहे हैं। उनका कहना है कि उत्सव मनाने से अधिक ज़रूरी है कि सरकार पिछले तीन वर्षों का आत्मचिंतन करे और स्वीकार करे कि वह जनता—खासकर युवाओं—के विश्वास पर खरा उतरने में विफल रही है।
शिमला के 13ब्लॉक व शिमला शहरी तथा रामपुर ब्लॉक के करीब बारह सौ पेंशनर्स करेगें 28 को विधान सभा का घिराव ।
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति के अतिरिक्त महासचिव भूप राम वर्मा, वरिष्ठ उपाध्य्क्ष गंगा राम शर्मा, मीडिया प्रभारी सैन राम नेगी, प्रेस सचिव लायक राम शर्मा, ज़िला अध्यक्ष भाग चंद चौहान, ज़िला संयोजक मोहन ठाकुर सह -संयोजक बुद्धि राम जस्ता, महिला विंग की प्रमुख हेम प्रभा चौहान ने शिमला से जारी संयुक्त विज्ञप्ति मे कहा की 28 नवंबर को धर्मशाला में आयोजित आक्रोश रैली में ज़िला शिमला के 13ब्लॉक व शिमला शहरी तथा रामपुर ब्लॉक के करीब बारह सौ पेंशनर्स धरना प्रदर्शन व आक्रोश रैली में भाग लेंगे!
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में पेंशनर्स नेताओं ने कहा की 28 नवंबर को तपोवन विधान सभा मैं मंत्रिओ का घेराव किया जाएगा!भूप राम वर्मा, गंगा राम शर्मा, सैन राम नेगी व मोहन ठाकुर ने बताया की सरकार को 14 सूत्रीय मांग पत्र पहले हि भेजा जा चुका है जिसमें 18संगठनों की मांगो के बारे मैं उल्लेख किया गया!पेंशनर्स नेताओं ने हैरानगी जताई की अभी तक भी सरकार ने पेंशनर्स को वार्ता के लिए नहीं बुलाया!पेंशनर्स नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया की प्रदेश सरकार की ना कोई नीति और नीयत ठीक है! पेंशनर्स ने सरकार पर आरोप लगाया की एक जनवरी 2016 व 31जनवरी 2021के मद्य रिटायर्ड हुए पेंशनर्स को आज तक संशोधित लीव इन कैशमेंट, कॉम्युटेशन, ग्रेजुइटी तेरह प्रतिशत देय डी. ए. तीन वर्षों से चिकित्सा बिलो का भुगतान नहीं किया जा रहा है!
जिस कारण सरकार के खिलाफ पेंशनर्स में भारी रोष है व आर पांर की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं!पेंशनर्स ने सरकार पर आरोप लगया की कुछ स्वयंभू नेता अपनी नेता गिरी चमकाने के लिए सरकार को गुमराह कर रहें हैं! जिन्हें पेंशनर्स ने बाहर का रास्ता दिखा दिया!ये मुठी भर लोग सरकार की गणेश परिक्रमा करके अपना राजनीतिक हित साधना चाहते हैं इनके मनसूबे पेंशनर्स कभी पुरे नहीं होने देंगे!हिमाचल प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से आग्रह किया की पेंशनर्स के लिए शीघ्र ही जे. सी. सी. की मीटिंग बुलाकर पेंशनर्स की समस्याओ का समाधान किया जाये! सैन राम नेगी, मीडिया प्रमुख हिमाचल प्रदेश संयुक्त संघर्ष समिति (हि. प्र.)
विश्व शौचालय दिवस पर टूटू स्कूल में SJNPL–SUEZ का जागरूकता सेमिनार
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला। विश्व शौचालय दिवस के मौके पर बुधवार को सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टूटू में SJNPL और SUEZ की ओर से एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में छात्रों को स्वच्छता, साफ पानी के महत्व और जल संरक्षण की जरूरत के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में SUEZ के PRO राहुल शर्मा ने बच्चों से बातचीत की और कहा कि साफ-सफाई की आदतें घर और समाज दोनों के लिए जरूरी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे घर जाकर अपने अभिभावकों को भी इस बारे में जागरूक करें।
फेस-3 का काम टूटू से शुरू—बालूगंज, कच्चीघाटी और समरहिल भी शामिल
कार्यक्रम के दौरान टीम ने बताया कि SJNPL और SUEZ जल्द ही फेस-3 के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने के काम की शुरुआत करने जा रहे हैं। इसमें टूटू के साथ बालूगंज, कच्चीघाटी और समरहिल क्षेत्र शामिल रहेंगे। काम करीब तीन से चार महीने तक जारी रहेगा।
टीम ने कहा कि काम के दौरान सड़क कटाई, अस्थायी बाधाएं और पानी की सप्लाई में थोड़ी-बहुत रुकावटें आ सकती हैं। लेकिन हर समस्या का समाधान SJPNL द्वारा समय पर किया जाएगा। किसी भी असुविधा को टीम मौके पर ही संभालेगी।
कस्टमर केयर नंबर—87671 98000 के बारे में भी दी बच्चों को जानकारी
इस दौरान पानी से संबंधित शिकायतों और जानकारी के लिए SJPNL का कस्टमर केयर नंबर 87671 98000 भी छात्रों को बताया गया।
टीम ने कहा कि प्रोजेक्ट के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत या जानकारी के लिए नागरिक इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
टीम ने दी परियोजना और हाइजीन पर विस्तृत जानकारी
SUEZ की टीम से प्रदीप कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। उन्होंने छात्रों को साफ पानी के उपयोग, हाइजीन के तरीकों और फेस-3 प्रोजेक्ट के काम को लेकर जानकारी साझा की।
स्कूल प्रबंधन ने जताया आभार
स्कूल की प्राचार्या डॉ. रशिमा ने SJNPL और SUEZ टीम का धन्यवाद किया और कहा कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों के माध्यम से पूरे समुदाय में जागरूकता बढ़ाने का अच्छा माध्यम हैं।
महाविद्यालयों की संयुक्त पहल | 50+ अंतरराष्ट्रीय–राष्ट्रीय वक्ता | 7-दिवसीय कार्यशाला + 3-दिवसीय सम्मेलन
आदर्श हिमाचल ब्यूरों
शिमला । हिमाचल प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली में 2025 का वर्ष एक ऐतिहासिक अध्याय के रूप में दर्ज होगा, जहां राज्य के सात प्रमुख सरकारी महाविद्यालयों—राजकीय महाविद्यालय नेरवा, जीडीसी चौपाल, जीडीसी कंडाघाट, जीडीसी निरमंड, जीडीसी संगड़ाह, ठाकुर पीजी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धलियारा और केडीसी जीडीसी ज्वालामुखी/जैसिंहपुर—द्वारा 10-दिवसीय प्री-कॉन्फ्रेंस + इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सीरीज़ 2025 का सफल आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को हिमालयन राइज़ MSME (पंजीकृत) तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के मनोविज्ञान विभाग के तकनीकी सहयोग से सम्पन्न किया गया। इस आयोजन में 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया, हजारों छात्रों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से जुड़कर वैश्विक शिक्षा एवं नवाचार का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।
भाग–1 : प्री-कॉन्फ्रेंस इंटरनेशनल वर्कशॉप 2025 (7 दिन)
“सीख बिना सीमा, नवाचार बिना रुकावट और शिक्षा बिना भेदभाव के”— इसी संदेश के साथ कार्यशाला का समापन हुआ
प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप 2025 का नेतृत्व मुख्य समन्वयक डॉ. बी. एस. चौहान ने किया, जिन्होंने प्रत्येक सत्र में विद्यार्थियों को डिजिटल साक्षरता, साइबर मनोविज्ञान, अंतरराष्ट्रीय शोध, जनरेशन-अल्फ़ा की मानसिकता, वैश्विक रोजगार, उद्यमिता और सांस्कृतिक समझ से परिचित करवाया।
प्रथम दिवस – वैश्विक तकनीक और साइबर मनोविज्ञान
प्रो. (डॉ.) अतुल ठाकुर, NUIST चाइना: AI और वैश्विक शोध नेटवर्क
डॉ. एपरना वोल्लुरू, इटली: न्यूरो–टेक्नोलॉजी और मानव-मशीन इंटरफेस
प्रो. (डॉ.) राकेश क्रिप्लानी, नागपुर: साइबर सुरक्षा, डिजिटल व्यवहार, और भावनात्मक संतुलन
दूसरा दिवस – मीडिया, शासन और अर्थव्यवस्था
डॉ. सुरेंद्र सिंह: भारत की बदलती अर्थव्यवस्था और युवाओं के अवसर
डॉ. पवन शर्मा, संसद टीवी: मीडिया सत्यापन और डिजिटल पत्रकारिता
डॉ. लभ सिंह, पूर्व सलाहकार, GOI: 5G, साइबर सिक्योरिटी और टेलीकॉम करियर
तीसरा दिवस – युवा नेतृत्व, वित्त साक्षरता और वैश्विक नौकरियाँ
श्रेया शर्मा, छात्रा व युवा प्रेरक: टॉपर की रणनीतियाँ
डॉ. राजन देवी नेगी: वित्तीय प्रबंधन, बैंकिंग, निवेश
दिल्लीप आचार्य, अफ्रीका विशेषज्ञ: अफ्रीकी देशों में नौकरी बाजार
लाइजा सरकार, एचपीयू: पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति
चौथा दिवस – संस्कृति, खेल, उद्यमिता और वैज्ञानिक शोध
निष्ठा शर्मा: राजस्थान की कला व लोक संस्कृति
प्रियंका भारद्वाज: घुड़सवारी और टेंट पेगिंग
संगीता मेहता, CSCA: जीवन संघर्ष एवं नेतृत्व की प्रेरणा
डॉ. हिमेश शर्मा: ग्रामीण उद्यमिता
डॉ. पवन कुमार, HFRI: हिमालयी पारिस्थितिकी और अनुसंधान
पाँचवाँ दिवस – भारत–जर्मनी ज्ञान आदान-प्रदान
अंकिता, GISMA जर्मनी: वैश्विक exposure
एम. नवीन साहू: AI जीनोमिक्स और डिजिटल स्वास्थ्य
डॉ. शालू सेहगल: इनोवेशन और research frontiers
डॉ. तुलिका मेहता: स्टार्टअप इकोसिस्टम
डॉ. पीटर गसेलर, जर्मनी: स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली
छठा दिवस – नेतृत्व, फिनटेक, पर्यटन और वैश्विक दृष्टि
अंचल धर्माइक, CSCA: संघर्ष से सफलता तक
डॉ. शालू सेहगल: फिनटेक और डिजिटल वित्त
डॉ. गसेलर: महिला सशक्तिकरण और childcare
शलभ तंवर: हिमालयी पर्यटन
• सातवाँ दिवस – मनोविज्ञान, दीर्घायु विज्ञान और वस्त्र-इंजीनियरिंग
मुस्कान भट: जेन-अल्फ़ा mindset
डॉ. नवीन साहू और अभिनेता अभिनव सरदार: longevity science
प्रो. विवेक शर्मा और टीम: स्मार्ट फैब्रिक और रक्षा वस्त्र तकनीक
भाग–2 : अंतरराष्ट्रीय बहुविषयी सम्मेलन 2025 (16–18 नवंबर)
तीन दिनों का अकादमिक उत्सव: विज्ञान, समाज, संस्कृति और तकनीक का अद्भुत संगम
पहला दिन : 16 नवंबर 2025 — GDC कंडाघाट में भव्य उद्घाटन
मुख्य अतिथि डॉ. लभ सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का आरंभ हुआ।
डॉ. मदन मंकॉटिया ने स्वागत करते हुए कहा कि यह सम्मेलन ग्रामीण–पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को विश्वस्तरीय exposure दिलाने का माध्यम बनेगा।
इस दिन डॉ. बी. एस. चौहान, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. वाधवा, डॉ. बनियाल, डॉ. पवन राणा सहित विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर प्रभावशाली व्याख्यान दिए।
अंत में “Inborn Talents” पर विशेष कार्यशाला और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम हुआ।
दूसरा दिन : 17 नवंबर 2025 — GC Nerwa में तकनीकी सत्र एवं अंतरराष्ट्रीय निबंध प्रतियोगिता
डॉ. एच. एल. शर्मा ने उद्घाटन वक्तव्य देते हुए कहा –
“Global Knowledge + Local Innovation = भविष्य का सशक्त हिमाचल”
प्रमुख वक्ता:
डॉ. पवन राणा — कीटनाशकों का पर्यावरण व स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉ. कृष्ण लाल — जीवनशैली विकार एवं तनाव प्रबंधन
शोध प्रस्तुति सत्र:
हिमाचल के विभिन्न महाविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने AI, ग्रीन एनर्जी, शिक्षा प्रबंधन, डिजिटल हेल्थ व समाज विज्ञान पर अपने शोध प्रस्तुत किए।
विशेष संबोधन:
कर्नल (डॉ.) सुभाष चंद्र ने “ऊर्जा एवं ब्रह्मांड” विषय पर अत्यंत प्रेरक चर्चा की।
तीसरा दिन : 18 नवंबर 2025 — समापन समारोह + दो विशेष कार्यशालाएँ
समापन सत्र का संचालन GC Nerwa द्वारा किया गया।
डॉ. विकास सुमन ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
छात्रों व शिक्षकों ने फीडबैक देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम उनके जीवन की “टर्निंग प्वाइंट लर्निंग” रहा।
कुलपति प्रो. (डॉ.) महावीर सिंह का विशेष संबोधन
समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) महावीर सिंह, कुलपति, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला, ने कहा कि आधुनिक भारत का भविष्य बहुविषयक शिक्षा, कौशल-आधारित शिक्षण, डिजिटल दक्षता, अनुसंधान संस्कृति पर आधारित होगा।
उन्होंने आयोजन में शामिल सभी महाविद्यालयों के छात्रों और नेरवा क्षेत्र के स्थानीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को विशेष रूप से HPU के नवस्थापित ज्ञान केंद्रों का भ्रमण करने हेतु आमंत्रित किया:
AI & Data Science
Green Energy Innovation Center
Disaster Management Center
Art, Culture & Heritage Study Center
Indian Knowledge System (IKS) Center
उन्होंने सभी महाविद्यालयों के HODs से अनुरोध किया कि वे विश्वविद्यालय के निदेशकों से संपर्क स्थापित कर विशेष विज़िट, प्रशिक्षण, कार्यशालाएँ और इंटर्नशिप सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि “गांवों और पहाड़ों के बच्चे यदि सही दिशा पाएं तो वे विश्व को नई दिशा दे सकते हैं।”
विशेष कार्यशाला – 1
अपस्किलिंग एवं भविष्य की क्षमताएँ – डॉ. बी. एस. चौहान**
यह सत्र सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धियों में से एक रहा।
डॉ. चौहान ने विद्यार्थियों को Future Readiness Index, Career Competency Matrix और Personal Talent Graph के द्वारा यह दिखाया कि कैसे वे अपने भीतर छिपी प्रतिभाओं की पहचान कर सकते हैं।
सत्र में AI, डिजिटल रिसर्च, साइबर साइकॉलजी, नेतृत्व कौशल, संचार दक्षता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EQ) और समस्या-समाधान (Problem Solving) के व्यावहारिक मॉडल सिखाए गए।
उन्होंने कहा कि डिजिटल युग “सीखने की गति” को तय कर रहा है और ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्र के छात्र भी सही मार्गदर्शन के साथ विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं।
विशेष कार्यशाला – 2
ब्रेन पावर और न्यूरो–दक्षता – डॉ. जितेन्द्र कुमार**
इस कार्यशाला में छात्रों को बताया गया कि मस्तिष्क की पाँच तरंगें—डेल्टा, थीटा, अल्फा, बीटा और गामा—हमारी स्मरण शक्ति, ध्यान, सीखने की क्षमता और भावनाओं के नियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
डॉ. जितेन्द्र ने Brain Clock Method, Focus Cycle, Neuro Boost Exercises, Cognitive Mapping और Emotional Detox Meditation जैसी तकनीकों का लाइव प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि अच्छी नींद, पौष्टिक आहार, डिजिटल अनुशासन और योग–ध्यान से मस्तिष्क को कई गुना अधिक कार्यक्षम बनाया जा सकता है।
छात्रों ने बताया कि यह कार्यशाला उनके लिए “जीवन-रूपांतरण अनुभव” साबित हुई।
स्कूलों और महाविद्यालयों की भागीदारी
उत्कृष्ट GSSS नेरवा, हिमालयन पब्लिक स्कूल, एसडी पब्लिक स्कूल, जाखू पब्लिक स्कूल, हिमाद्री पब्लिक स्कूल, नेरवा पब्लिक स्कूल के छात्रों और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी की।
सत्र में प्रो. रविंद्र जग्गी, श्री दिनेश स्टाटा और कई छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए।
अंतिम संदेश
10-दिवसीय यह आयोजन हिमाचल प्रदेश की उच्च शिक्षा में समन्वय, अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक दृष्टि का नया अध्याय बनकर उभरा।
यह साबित करता है कि—
“हिमाचल के युवा केवल भारत का नहीं, विश्व का भविष्य लिखने की क्षमता रखते हैं।”

















