छौहारा एप्पल वैली सोसायटी ने एसडीएम के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप सेब के दामों में भारी गिरावट पर जताई चिंता

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छौहारा एप्पल वैली एसडीएम के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए
छौहारा एप्पल वैली एसडीएम के जरिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए
आदर्श हिमाचल ब्यूरो 
रोहड़ू। छौहारा एप्पल वैली-सोसायटी ने वीरवार को एसडीएम रोहड़ू के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सोसयाटी ने इन दिनों सेब के दामों में आ रही भारी गिरावट पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। सोसायटी के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने कहा कि आजकल फल मंडियों में प्रदेश की आर्थिकी के मुख्य स्त्रोत सेब की बिक्री जोरों पर चल रही है लेकिन हम मुख्यमंत्री के संज्ञान में सेब की कीमतों पर हो रही गिरावट पर लाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सेब उत्पादन के कारण हिमाचल प्रदेश पूरे विश्व में सेब राज्य के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है, सेब प्रदेश में आर्थिकी का मजबूत पक्ष उभर कर सामने आया है, जिसके पीछे सेब बागवानों की कड़ी मेहनत है, सेब के कारण प्रत्यक्ष व् अप्रत्यक्ष रूप से कई वर्गों भरण- पोषण सम्भव हो पाया है।
संजीव ठाकुर ने कहा कि छौहारा क्षेत्र एक बहुत ही विषम परिस्थितियों वाला भौगोलिक क्षेत्र है जिसमें 35 पंचायतें व् एक नगर पंचायत है। यहाँ से सेब उत्पादन 40 लाख बॉक्स प्रतिवर्ष होता है। उन्होंने आजकल सेब की गिरती कीमतों पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द सेब मूल्य पर कोई ठोस नीति न बनाई तो बहुत से छोटे किसानों को सेब बागवानी को छोड़नी पड़ सकती है, क्योंकि खर्च प्रति वर्ष विकराल रूप धारण कर रहें हैं।
कहा कि मंडियों में आढती वर्ग व् लदानी वर्ग की मिली–भगत के कारण सेब उत्पादकों को उनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है जबकि कश्मीर में सेब का निर्धारित मूल्य ए ग्रेड सेब का मूल्य न्यूनतम मूल्य 60 रूपये, बी ग्रेड सेब के लिए 44 रूपये व् सी ग्रेड सेब के लिए 24 रूपये प्रति किलोग्राम है, साथ ही बागवानों के फायदे के लिए प्रदेश में अडानी ग्रुप को लाया गया लेकिन वो भी बागवानों को उनकी फसल मूल्य बाज़ार मूल्य के अनुसार ही दे रहे हैं जबकि वो फसल को मार्च अप्रेल में कई गुना ऊँचे दामों पर बेचते हैं।
संजीव ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने का महाप्रण धूमिल होता नज़र आ रहा है क्योंकि आज जो कीमत सेब बागवानों को दी जा रही है। उससे सेब उत्पादन में कुल लागत को पूरा कर पाना कठिन प्रतीत हो रहा है। उन्होंने छौहारा एप्पल वैली–सोसायटी की तरफ से मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि आप जोकि स्वयं एक नेकदिल, विनम्र और समाज के हर व्यक्ति का ख्याल रखने वाले व्यक्तित्व के रूप में प्रदेश का सफल नेतृत्व कर रहे हैं।, इसलिए आपसे उम्मीद है कि हमारी व्यथा पर जरूर विचार कर सेब बागवानों की उम्मीद की किरण के रूप में उजागर हो कर कोई ठोस नीति का निर्धारण करें।
छौहारा एप्पल वैली सोसायटी ने सरकार व मुख्यमंत्री से ज्ञापन के जरिए कुछ मांगें रखी है। इनमें मुख्य तौर पर सेब का MSP कश्मीर की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी रखा जाए, सिक्स लेयर व् उससे नीचे के सेब का मूल्य समर्थन मूल्य के न बराबर हो ताकि बागवान छोटा सेब न उगाए, छोटे कोल्ड स्टोरेज 2000 पेटी तक पर 80 प्रतिशत व् 5000 पेटी वाले कोल्ड स्टोरेज पर 50 प्रतिशत का अनुदान हो ताकि छोटे बागवानों का ज्यादा फायदा CA स्टोर पर अनुदान बंद हो तथा CA स्टोर केवल सरकार खुद लगाए नही तो अदानी जैसे व्यवसायायियों ने सरकार से मिली सब्सिडी भी डकार ली व् बागवानी भी ख़त्म कर दी। इसके अलावा सोसायटी ने सरकार से प्रोसेसिंग यूनिट जैसे जूसर , पल्पर, सन ड्रायर चिप्स सुखाने वाली मशीनों पर 80 प्रतिशत अनुदान देने के साथ साथ इसकी ट्रेनिंग का भी प्रावधान करने की मांग की है।