आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोन बार लक्ष्य तय कर और वृतवार मासिक समीक्षा कर विभिन्न सड़क परियोजनाओं का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि काॅन्ट्रेक्टर्ज को सक्रिय रूप से शामिल कर संसाधन आधारित योजना भी आरम्भ की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैर-बिटुमिनस कार्यों को उपयुक्त टारिंग सीजन से पहले पूरा करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क सुविधा प्रदान करने में राज्य के लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 21 हजार 860 किलोमीटर स्वीकृत कुल लंबी सड़कों में से 16 हजार 771 किलोमीटर सड़कों का कार्य पूरा हो चुका है और 5059 किलोमीटर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के मामले में हिमाचल प्रदेश देश का दूसरा राज्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कुल 3226 पंचायतों में से 3162 पंचायतों को मोटर योग्य सड़क से जोड़ा गया है और 29 पंचायतों को जोड़ने का कार्य चल रहा है, 15 पंचायतों को जीप योग्य सड़क मार्ग से जोड़ा गया है। उन्होंने शेष पंचायत मुख्यालयों तक सड़क कनेक्टिविटी की संभावना तलाशने के लिए उपमंडलाधिकारी, वन मंडलाधिकारी, अधिशाषी अभियंता और संबंधित प्रधानों की संयुक्त समिति गठित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि सड़कें देश के साथ-साथ किसी भी राज्य के विकास का आईना है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता पर बल दिया जाना चाहिए और लापरवाही को गंभीरता से लिया जाए। उन्होंने कहा कि अनियमितता बरतनेे वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के कई भागों में कार्य का मौसम बहुत कम है, इसलिए विभिन्न सड़क और पुल निर्माण परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाने पर बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिकताएं तय कर कार्य को शीघ्र आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य लोक निर्माण विभाग ने पंजाब लोक निर्माण विभाग कोड के स्थान पर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग मैनुअल और एसओपी को अपनाया है, ताकि कार्य प्रणाली को सरल बनाकर और वर्तमान समय के अनुसार इसे निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों के साथ बातचीत करके कार्य आवंटन 51 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कार्य आवंटन प्रक्रिया में होने वाली देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कार्य के आवंटन के समय को कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-द्वितीय (2019-20) के लिए लाॅकडाउन अवधि सहित स्वीकृति से आवंटन के लिए औसत समय 5.8 महीने था, जो पिछले 5 वर्षों के 7.1 महीनों के राष्ट्रीय औसत से काफी कम है, लेकिन इस समय को और भी कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-तृतीय में ग्रामीण कृषि बाजारों, वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं और अस्पतालों को जोड़ने वाली सड़कांे के स्तरोन्नयन पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत 90 प्रतिशत केंद्रीय फंड से 3125 किलोमीटर सड़कों को स्तरोन्नत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सड़कों के वार्षिक रखरखाव पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में 2629.46 किलोमीटर सड़क के रख-रखाव का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि 40 करोड़ रुपये की गैर-देय राशि (नाॅन लैप्सएवल फंड) उपलब्ध है, इसलिए केंद्रीय निधियों के उपयोग पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि राज्य को धनराशि का अगला हिस्सा प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि एनएचएआई द्वारा आठ सड़क परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं, जो पूरी होने के विभिन्न स्तरों पर हैं। उन्होंने कहा कि एनएचएआई की चार परियोजनाएं आवंटित करने को है और डीपीआर स्तर में हैं। उन्होंने कहा कि 63 किलोमीटर लंबाई के आधुनिक बीम क्रैश बैरियर स्थापित किए गए हैं और समय-समय पर नवीनीकरण के लिए 116 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर पाॅलिमर माॅडिफाइड बिटुमैन उपयोग किया गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में विभिन्न राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) परियोजनाओं के उचित रखरखाव की कमी पर चिंता व्यक्त की जिससे यात्रियों को काफी असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि सड़कों का रख-रखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए और इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के अन्तर्गत एक जनवरी, 2018 से अब तक 894.38 करोड़ रुपये की लागत वाली 219 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, राज्य सरकार के वर्तमान कार्यकाल के दौरान प्रदेश में केन्द्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अन्तर्गत 747.08 करोड़ रुपये की 28 सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि गत अढाई वर्षों के दौरान राज्य में मुख्यमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत 2262 सड़कों को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि यह योजना शेष बस्तियों को जोड़ने के लिए एक वरदान साबित हो रही है। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री की 205 घोषणाओं में से 128 का निपटारा कर दिया गया है और 77 प्रगति पर हैं।
प्रधान सचिव लोक निर्माण जे.सी. शर्मा ने बैठक में मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विभाग निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता और उत्साह के साथ कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत राज्य लोक निर्माण का लक्ष्य 13.8 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय औसत 6.81 प्रतिशत है।
इंजीनियर-इन-चीफ लोक निर्माण विभाग भवन शर्मा ने विभाग द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कुल 37000 किलोमीटर सड़कों की लंबाई में से 25000 किलोमीटर सड़कें पक्की की गई हैं। इंजीनियर इन-चीफ क्वालिटी कंट्रोल ललित भूषण ने कहा कि विभिन्न कार्यों की उचित गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।