मुख्यमंत्री ने होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों के लिए होम आइसोलेशन किट व हिमाचल कोविड केयर एप्प का किया शुभारंभ

आनलाइन परामर्श के लिए बिलासपुर स्थित एम्स के साथ जोड़ने के लिए ई-संजीवनी ओपीडी का भी शुभारम्भ किया
आनलाइन परामर्श के लिए बिलासपुर स्थित एम्स के साथ जोड़ने के लिए ई-संजीवनी ओपीडी का भी शुभारम्भ किया

आदर्श हिमाचल ब्यूरो 

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शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज पीटरहाॅफ शिमला से होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 के रोगियों के लिए होम आइसोलेशन किट का शुभारम्भ किया। उन्होंने आॅनलाइन परामर्श तथा उपचार के लिए बिलासपुर स्थित एम्स के साथ लोगों को जोड़ने के लिए हिमाचल कोविड केयर एप्लीकेशन तथा ई-संजीवनी ओपीडी का भी शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न भागों के लिए होम आइसोलेशन किट के 11 वाहनों को भी हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर जय राम ठाकुर ने कहा कि यह किट संबंधित विधायकों द्वारा होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 के रोगियों को वितरित की जाएगी। उन्होंने निर्वाचित प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि रोगियों को शीघ्र यह किट उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। जय राम ठाकुर ने कहा कि ई-संजीवनी ओपीडी रोगियों तथा चिकित्सकों के मध्य प्रभावी संचार सुनिश्चित करेगी तथा उन्हें विशेषज्ञों से उचित सलाह लेने के लिए सक्ष्म बनाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड केयर ऐप आइसोलेशन में रह रहे रोगियों की निगरानी के लिए एक प्रभावी व्यवस्था प्रदान करेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश कोरोना महामारी के कारण गंभीर परिस्थिति से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के रोगियों को समय पर उपचार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगों का समय रहते पता लगाने के लिए कोरोना जांच में तेजी लाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 18 लाख से अधिक लोगों की जांच की गई है तथा लगभग 1,75,000 लोग कोविड-19 पाॅजीटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 2638 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है। वर्तमान में प्रदेश में आठ आरटी-पीसीआर, 25 ट्रू-नाॅट तथा दो सीबीनाॅट प्रयोगशालाओं में कोरोना वायरस की जांच की जा रही है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर अधिक घातक है तथा कोरोना के मामलों में तीव्र वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में पाॅजीटिवीटी दर 5.53 प्रतिशत थी जबकि दूसरी लहर में यह दर बढ़कर 15.67 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने क्षमता निर्माण के लिए अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों में बिस्तर क्षमता को बढ़ाकर लगभग 5000 किया गया है जो पहले 1200 थी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश में आॅक्सीजन की भण्डारन क्षमता 25 मीट्रिक टन तक बढ़ाई गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के उदार सहयोग के कारण आज प्रदेश में 6300 डी-टाइप तथा 2250 बी-टाइप आॅक्सीजन सिलेण्डर हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में 1700 से अधिक आॅक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध करवाए गए हैं। सभी मेडिकल काॅलेजों में पीएसए आॅक्सीजन संयंत्र हैं। प्रदेश में छः पीएसए आॅक्सीजन संयंत्र कार्यशील कर दिए गए हैं जबकि दो अतिरिक्त पीएसए आॅक्सीजन संयंत्र शीघ्र कार्यशील बनाए जाएंगे। लगभग एक वर्ष पूर्व प्रदेश में केवल 50 कार्यशील वेंटिलेटर थे जिनकी संख्या बढ़ाकर लगभग 700 की गई है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि रोगियों के उचित उपचार के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टाफ सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में 3100 नई भर्तियां की गई हैं। प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से प्रदेश के लिए आॅक्सीजन कोटे में 10 मीट्रिक टन की वृद्धि करने का मामला भी उठाया है। हिमाचल प्रदेश देश के राज्यों में पहला ऐसा प्रदेश है जहां वैक्सीन की वेस्टेज की प्रतिशतता शून्य है। प्रदेश के लोगों को लगभग 22.52 लाख वैक्सीन लगाई गई है तथा प्रदेश सरकार ने सिरम इंस्टीट्यूट आॅफ इंडिया को 72 लाख वैक्सीन का आॅर्डर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जुखाम जैसे लक्षणों वाले रोगियों को चिन्हित करने के लिए एक विशेष अभियान आरम्भ करने की योजना भी बना रही है ताकि उनकी शीघ्र जांच की जा सके। उन्होंने विधायकों, पंचायती राज संस्थाआंे तथा शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों, आशा कार्यकर्ताओं तथा अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से ऐसे रोगियों को चिन्हित करने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस अभियान के क्रियान्वयन में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को सम्मानित भी करेगी। इससे न केवल कोविड के मामलों का शीघ्र पता लग सकेगा बल्कि इस वायरस के फैलने पर भी रोक लगेगी।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के कारण माता-पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हुए बच्चों को प्रति बच्चा 2500 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार ऐसे बच्चों की शिक्षा पर होने वाले व्यय को भी वहन करेगी। प्रदेश सरकार ने कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के मृत शरीर को उनके पैतृक स्थान पहुंचाने के वाहन खर्च को वहन करने के साथ-साथ अंतिम संस्कार के लिए निःशुल्क लकड़ी प्रदान करने का भी निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों, सफाई कर्मचारियों जैसे कोरोना वाॅरियर का उनकी सेवाओं के लिए आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने इस स्थिति से निपटने में प्रदेश सरकार को सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न सामाजिक, धार्मिक तथा अन्य संगठनों की भी सराहना की। उन्होंने विशेषकर कोरोना रोगियों के उपचार के लिए मण्डी, परोर तथा सोलन स्थित परिसरों में लगभग 700 अतिरिक्त बिस्तर क्षमता सृजित करने के लिए राधा स्वामी सतसंग ब्यास का आभार व्यक्त किया।

केन्द्रीय वित्त एवं काॅरपोरेट मामले राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कोरोना वायरस के विरूद्ध लड़ाई में फ्रंटलाईन कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ही देश और प्रदेश कोविड-19 की स्थिति से सफलतापूर्वक निपट रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्तियों की सहायता के लिए केन्द्र सरकार ने लगभग 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन प्रदान करने के लिए 26000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक देशवासियों के लिए 216 करोड़ वैक्सीन वायल उपलब्ध करवा दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी के प्रथम चरण के दौरान लगभग 195 देशों को जीवन रक्षक दवाइयां प्रदान की थी।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में प्रदेश इस महामारी से प्रभावी रूप से निपट रहा है। उन्होंने कहा कि मरीजों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय शहरी निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया।

स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि सीमित साधनों के बावजूद पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रदेश प्रभावी रूप से इस महामारी से निपट रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों के मध्य समन्वय होना जरूरी है। उन्होंने कोरोना होम आइसोलेशन किट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस किट में होम आइसोलेशन में रहे रहे रोगियों के लिए निर्देशिका, थर्मामीटर, च्यवनप्राश, काढ़ा, सेनिटाइजर, मास्क, मल्टीविटामिन, कैल्शियम, विटामिन-सी तथा जिंक की गोलियां, आयुर्वेदिक दवाई कुदनीर, मुख्यमंत्री का पत्र, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ सन्देश का कार्ड और सभी वस्तुओं की सूची शामिल है।

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण अभियान की प्रगति पर प्रस्तुति दी। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, मंत्रीगण, विधायकगण, पंचायती राज संस्थाओं तथा स्थानीय शहरी निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न बोर्ड व निगमों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष तथा अन्य नेताओं ने कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया जबकि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल मुख्यमंत्री के साथ शिमला में उपस्थित थे।