सीमा देवी के जीवन में स्वरोजगार की मिठास लाई मुख्यमंत्री मधु विकास योजनाए, सालभर में ही आय हुई एक लाख रुपए के पार

आदर्श हिमाचल ब्यूरो

शिमला। दिन भर परिवार की देखभाल एवं घरेलू कार्यों में व्यस्त रहने वाली सीमा देवी के चेहरे पर अब आत्मविश्वास एवं स्वरोजगार की मिठास है। मौन पालन के शौक ने उनके जीवन में बदलाव लाते हुए परिवार की आर्थिकी में बहुमूल्य योगदान देने के काबिल बनाया है और यह संभव हो पाया है मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के कारण, जिससे सीमा देवी जैसी अनेक महिलाओं एवं ग्रामीणों को स्वरोजगार का बेहतर विकल्प घर-द्वार पर ही उपलब्ध हो सका है।
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ग्राम पंचायत नारा के रटेड़ा गांव की सीमा देवी ने बताया कि उनके परिवार में काफी अरसे से शौक के तौर पर मधुमक्खी पालन किया जा रहा है, लेकिन इससे काफी कम मात्रा में शहद प्राप्त होता था। इस बीच उन्हें उद्यान विभाग के माध्यम से मुख्यमंत्री मधु विकास योजना की जानकारी प्राप्त हुई। उनके पति सुरेश कुमार ने उन्हें इस शौक को व्यवसाय में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया। विभागीय औपचारिकताएं पूर्ण कर उन्होंने नेरी में मौन पालन के बारे में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। प्रारम्भ में उन्होंने 25 मौनवंश स्थापित किए। मौनवंश, मौन गृहों व मौनपालन उपकरणों/सामग्री पर उन्हें इस योजना के अंतर्गत 96 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की गई।

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मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के अंतर्गत समुचित प्रशिक्षण, बेहतर तकनीकी व उपकरण के ज्ञान से अब शहद के उत्पादन में भी आशातीत बढ़ोतरी दर्ज हुई है। सीमा देवी ने बताया कि वर्ष 2019-20 में उन्हें 25 मौनवंश से दो से तीन क्विटंल शहद प्राप्त हुआ है। इससे उन्हें लगभग एक लाख रुपए की आय हुई है। पशुपालन के माध्यम से दूध इत्यादि बेचकर जितनी आय होती रही है उससे दोगुनी अब मौनपालन से एक साल में ही होने पर सीमा देवी व उनका परिवार काफी प्रसन्न है और ग्रामीणों के हित में बेहतर योजना प्रारम्भ करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है।

मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों-बागवानों को उद्यान विकास अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके उपरांत तकनीकी व अन्य पहलुओं की समीक्षा के बाद उन्हें विभाग की ओर से वांछित सहायता उपलब्ध करवा दी जाती है।

   हमीरपुर जिला में वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के अंतर्गत 24 मौनपालकों को 750 मौनगृह व 750 मौनवंश खरीदने पर 24 लाख रुपए की अनुदान (कुल लागत का 50 प्रतिशत की दर से) सहायता प्रदान की गई। इससे उन्हें व्यवसायिक रूप में मधुमक्खी पालन व स्वरोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सके हैं। इसके अतिरिक्त जिला के 297 किसानों को सरसों की खेती पर वर्ष 2019-20 में सात लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया गया, जो कि मधुमक्खियों के भोजन का एक अच्छा स्रोत है। मुख्यमंत्री मधु विकास योजना हमीरपुर जिला के मौनपालकों के लिए स्वरोजगार हेतु वरदान साबित हो रही है, वहीं फसल विविधिकरण व पैदावार बढ़ाने में भी यह योजना सहायक सिद्ध हुई है।