आदर्श हिमाचल ब्यूरो
शिमला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य
संजय चौहान ने कहा हैं कि भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर 20 अगस्त से 26 अगस्त तक केंद्र व राज्य सरकारों की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध तथा वैकल्पिक नीतियों के लिए जन अभियान चला रही है तथा 26 अगस्त को देश के साथ साथ प्रदेश में भी ब्लॉक व तहसील स्तर पर प्रदर्शन किये जायेंगे।
देश में बीजेपी के नेतृत्व में मोदी सरकार जबसे सत्तासीन हुई है तबसे देश में जो नवउदारवादी नीतियां लागू की जा रही है इससे देश मे बेरोजगारी व कृषि संकट बड़ा है। सरकार द्वारा देश के सार्वजनिक क्षेत्र जिसमें मुख्यतः रेल, तेल, बैंक, बीमा, रक्षा, हवाई अड्डे को बेचकर कॉरपोरेट घरानों को मुनाफा कमाने के लिए देने का कार्य किया जा रहा है। सरकार ने देश में नवउदारवादी नीतियों के साथ साथ सांप्रदायिकता के एजेंडे को भी तेजी से लागू कर देश की स्वाधीनता भी खतरे में डाल दी है। इससे देश के स्वतंत्रता आंदोलन की मूल भावना पर हमला किया जा रहा है।
कोविड19 महामारी के दौर में भी सरकार देश की जनता को राहत प्रदान करने के बजाए देश में अपने नवउदारवाद व साम्प्रदायिकता के एजेंडे को तेजी से आगे बड़ा रही हैं। इस दौरान व्यापक बेरोजगारी पैदा हुई है। विशेष रूप से मजदूर वर्ग व मेहनतकश जनता सरकार के उदासीन रवैय्ये के कारण बड़े पैमाने पर बेरोजगार हुआ है और लाखों की संख्या में पलायन करने के लिए मजबूर किया गया जिससे इसके सामने आज रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इस दौरान अप्रैल माह में करीब 15 करोड़ का रोजगार चला गया था। सरकार इस विषम परिस्थिति में जनता को कोई भी राहत प्रदान नहीं कर पाई। सरकार ने घोषणा तो 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की थी परन्तु इसमें पुरानी योजनाओं व ऋण के अतिरिक्त कुछ भी जनता को नहीं दिया गया है। इससे न तो जनता की जेब में कुछ आया न ही खरीद की ताकत बढ़ी। जिसके कारण आज लगभग सभी आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ी है और अर्थव्यवस्था में कोई भी सुधार नहीं आया है और संकट और अधिक बढ़ा है।
प्रदेश सरकार भी केंद्र सरकार की नीतियों का अनुसरण कर जनता पर आर्थिक बोझ डालने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने भी इस दौरान जनता को कोई राहत देने के बजाए बस किराया, राशन, बिजली, पानी व अन्य सेवाओं की दरों में वृद्धि कर आर्थिक बोझ डालने का कार्य किया है। इस दौरान प्रदेश में भी लगभग सभी क्षेत्रों जिनमे उद्योग, पर्यटन,परिवहन,कृषि,बागवानी आदि सभी क्षेत्रों संकट के दौर से गुजर रहे हैं और इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी हुई है। प्रदेश सरकार ने भी इन क्षेत्रों कोई राहत नहीं दी है। प्रदेश की जनता भी आज रोजी रोटी के संकट से जूझ रही है।
केंद्र व राज्य सरकार की इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध तथा वैकल्पिक नीतियों के लिए सीपीएम यह अभियान चला कर जनता को लामबन्द कर 26 अगस्त, 2020 को प्रदर्शन करेगी तथा सरकार पर इन जनविरोधी नीतियों को बदल कर जनता को राहत प्रदान करने के लिए दबाव बनाएगी।
कम्युनिस्ट पार्टी की यह हैं मुख्य मांगे……
1. आज के हालात में 7500 प्रति महीने अगले छह महीने तक हर उस परिवार को मिले, जो आयकर के दायरे में नहीं आते हैं.
2. आयकर के दायरे से बाहर प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो अनाज अगले छह महीने तक दिया जाए.
3. ग्रमीण रोज़गार के दायरे को बढ़ाया जाए और 200 दिनों तक उन्हें बढ़ी हुई ध्याड़ी से काम दिया जाए. शहरी इलाक़ों में बेरोज़गार हुए लोगों के लिए भी नया नियम क़ानून जाए और उन्हें भी काम दिया जाए.
4. मज़दूरों का हित बहाल हो.
5. पब्लिक हेल्थ पर ख़र्च को जीडीपी का कम से कम 3 फ़ीसदी तक बढ़ाया जाए.
6. एसेंशियल कमोडिटी एक्ट को हटाएं. अनाज की मुक्त आवाजाही हो.
7. मज़दूर क़ानून पर जितने बदलाव हुए और लाने की कोशिश हुई उसे ख़त्म किया जाए.
8. सरकारी कंपनियों और उद्यमों का निजीकरण बंद हो.
9. पीएम केयर फंड के तहत जो राशि जमा हुई है उसे राज्य सरकारों को दिया जाए, जो कोरोना से वास्तविक लडाई लड़ रही हैं.
10. कोरोनावायरस के दौर में जिन लोगों की मौत हुई है, उन सबको एनडीआरएफ़ फंड से एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जाए.
11. दलित, आदिवासी, ओबीसी और विकलांगों के लिए आरक्षण लागू रहे. उसके साथ छेड़-छाड़ न हो. सारे रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्तियां हों.
12. पिछले सेमेस्टर के हिसाब से उच्च शिक्षा में भी नतीजे तय हो.
13. हिरासत में लिए गए राजनीतिक क़ैदियों को रिहा किया जाए. 2019 में कश्मीर में बड़े पैमाने पर लोगों की गिरफ़्तारी हुई, उन्हें छोड़ा जाए.
14. 2020 में जो पर्यावरण एसेसमेंट हुआ, उसे रद्द किया जाए.
15. कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा को अंजाम देने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई हो.
16. दलितों और अल्पसंख्यों के ख़िलाफ़ हिंसा करने वालों पर भी सख़्त कार्रवाई हो.
इसके साथ साथ प्रदेश में बस किराया, राशन, बिजली, पानी, अन्य टैक्सों में कई गई वृद्धि तुरन्त वापिस लो।बिजली, राशन, कृषि, बागवानी व अन्य क्षेत्रों में दी जा रही सब्सिडी में की गई कटौती वापिस लो।
सीपीएम प्रदेश की जनता से आह्वान करती है कि सरकार की इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध व वैकल्पिक नीतियों के लिए संगठित होकर इस प्रदर्शन का हिस्सा बने और सरकार को इन मांगों को मानने के लिए बाध्य करें।